बिलासपुर
जंगल में विचरण के दौरान किसी तरह की बाधा न आए इसलिए पर्यटकों के भ्रमण पर शिकंजा कसा जा रहा है। कैंप बंद कर दिया गया है। वहीं इसके पीछे जहां झरना है, वहां पर्यटकों के प्रवेश पर पाबंदी लगाई जा रही है। विभाग मान रहा है कि मानव दखलअंदाजी जितनी कम होगी, इस जंगल में जानवर भी बढ़ेंगे।
यह वन क्षेत्र बिलासपुर वन मंडल का ही हिस्सा है। शहर से 55 किमी दूर स्थित बोइरपड़ाव में नेचर कैंप बनाया गया है। जहां पर्यटकों के ठहरने के लिए छह टेंट बने हैं। टेंट के अंदर पलंग, बाथरूम, कुर्सी- टेबल समेत तमाम सुविधाएं मुहैया कराई गई है। लेकिन, वर्तमान में टेंट की बुकिंग बंद कर दी गई है। वजह वन्य प्राणियों की मौजूदगी है। लगातार कैंप और इसके आसपास के जंगल में वन्य प्राणी विचरण करते नजर आ रहे हैं।
पहले भी खोंदरा के जंगल में जानवर थे। पर कभी- कभार ही नजर आते थे। कैंप के आसपास तो कभी भी वन्य प्राणियों का मूवमेंट नहीं रहा है। लेकिन, अब चीतल, मोर, जंगली सूअर और कई बार तेंदुआ की आहट हो चुकी है। ग्रामीणों के साथ-साथ वन कर्मियों ने उसे देखा है। जिस तरह लगातार वन्य प्राणी की मौजूदगी इस क्षेत्र में बढ़ी है। विभाग का मानना है कि उन्हें यहां का वातावरण रास आ रहा है। उन्हें पर्याप्त आहार मिल रहा है और जलस्त्रोत भी प्रचुर मात्रा में हैं। यदि पर्यटन कम हो जाए तो वन्य प्राणियों की संख्या बढ़ेगी।
अब किए जा रहे ये उपाय
बोइरपड़ाव खोंदरा गांव से लगा हुआ है। इस वजह से ग्रामीणों की इस क्षेत्र में मौजूदगी रहती है। पर्यटकों को तो रोका जा सकता है। लेकिन, ग्रामीणों को रोक पाना या उन पर 24 घंटे निगरानी असंभव है। इसे देखते हुए ही विभाग ने यह निर्णय लिया है कि जहां-जहां वन्य प्राणी देखे गए, वहां वन्य प्राणी विचरण क्षेत्र के बोर्ड लगाए जाएंगे। जिसे पढ़कर लोग इस क्षेत्र में जाने से बचेंगे।
पर्यटन बंद करने की एक वजह यह भी
नेचर कैंप व पर्यटन बंद करने के पीछे विभाग का एक उद्देश्य पर्यटकों की सुरक्षा भी है। नेचर कैंप को सामान्य तार से घेरा गया है। इसलिए कभी भी वन्य प्राणी आसानी से कैंप के अंदर पहुंच जाते हैं। इस वजह से कभी उन्हें खतरा हो सकता है।
वन्य प्राणियों की मौजूदगी की यह है वजह
वन विभाग का मानना है कि बोइरपड़ाव या खोंदरा सर्किल में आज यदि वन्य प्राणियों की संख्या बढ़ रही है, तो उसकी वजह विभाग की ओर से इस क्षेत्र में किए जा रहे कुछ महत्वपूर्ण कार्य है। ग्रीन इंडिया मिशन के तहत यहां कई महत्वपूर्ण कार्य हुए हैं, जिसके कारण जंगल घना हुआ है। इसके अलावा राज्य सरकार की नरवा, घुरुवा व बाड़ी योजना भी कारगर साबित हुई। यहां नरवा योजना के तहत परकुलेशन टैंक व तालाब निर्माण किए गए हैं। इस कार्य से वन क्षेत्र में जल स्त्रोत बढ़े हैं और वन्य प्राणियों को प्यास बुझाने के लिए इधर-उधर भटकना नहीं पड़ता।
खोंदरा सर्किल के बोइरपड़ाव में बने नेचर कैंप को फिलहाल पर्यटकों के लिए बंद कर दिया गया है। इसकी वजह वन्य प्राणियों की मौजूदगी है। इस क्षेत्र में भालू, तेंदुआ, चीतल, जंगली सूअर के अलावा अन्य जानवर लगातार दिख रहे हैं। पर्यटकों की मौजूदगी से वह स्वच्छंद विचरण नहीं कर पाएंगे। इसके अलावा पर्यटकों को भी खतरा हो सकता है। अभिनव कुमार उपवनमंडलाधिकारी, बिलासपुर वनमंडल