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पंजाब में मिड-डे मील का डाटा अपडेट न करने वाले स्कूल प्रमुखों को अब कार्रवाई का सामना करना पड़ सकता है, नए आदेश जारी

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गुरदासपुर
पंजाब में मिड-डे मील का डाटा अपडेट न करने वाले स्कूल प्रमुखों को अब कार्रवाई का सामना करना पड़ सकता है। शिक्षा विभाग इसे लेकर सख्त हो गया है। मिड-डे मील का डाटा अपडेट करने के लिए सभी सरकारी, सरकारी सहायता प्राप्त स्कूलों से विद्यार्थियों को संख्या को लेकर रोजाना एसएमएस कराया जाता है। लेकिन विभाग के ध्यान में आया है कि कई स्कूल रोजाना ऐसा नहीं करते, जिसे अब गंभीरता से लिया जा रहा है। विभाग ने जिला शिक्षा अधिकारियों को हिदायत जारी की है कि सभी स्कूलों से मिड-डे मील का रोजाना एसएमएस कराकर मोबाइल एप डाटा भरवाना यकीनी बनाया जाए ताकि रोजाना केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय, नई दिल्ली के पोर्टल पर इसे समय पर अपलोड किया जा सके। मिड-डे मील सोसायटी पंजाब की ओर से जारी पत्र में कहा गया है कि रोजाना कई स्कूल या तो डाटा ही नहीं भरते और या इसमें काफी देरी कर देते हैं। इसके परिणाम स्वरूप केंद्र सरकार की ओर से प्राप्त रिपोर्ट में पंजाब की प्रतिशतता में कमी आ रही है।

यह भी पाया गया है कि ई पंजाब पोर्टल और एप पर अन्य कार्यों को प्राथमिकता दी जाती है, जिसके परिणाम से सर्वर बहुत ज्यादा बिजी हो जाता है और रिपोर्ट में बहुत सारे स्कूलों का डाटा जीरो आ जाता है। इसे ध्यान में रखते हुए फैसला किया गया है कि रोजाना 12 से दोपहर 2 बजे तक मिड-डे मील के काम को ई पंजाब पोर्टल पर प्राथमिकता दी जाएगी ताकि 100 फीसद डाटा यकीनी बनाया जा सके।

सभी स्कूलों को हिदायत जारी की गई है कि रोजाना ई पंजाब एप पर मिड-डे मील डाटा फीड करना यकीनी बनाया जाए। अगर किसी भी स्कूल की ओर से आदेशों का उल्लंघन किया जाता है तो स्कूल प्रमुख सहित मिड-डे मील इंचार्ज के खिलाफ नियमानुसार विभागीय कार्रवाई की जाएगी। डिप्टी डीईओ के माध्यम से रोजाना इसकी समीक्षा की जाएगी।

योजना का उद्देश्य विद्यार्थियों की संख्या बढ़ाना
सरकार की ओर से सरकारी स्कूल में सभी बच्चों को मध्यान्ह भोजन दिया जाता है, ताकि स्कूल में बच्चे रोजाना आयें और उन्हें पर्याप्त पोषण मिलता रहे। इसके लिए सरकार ने मिड डे मील योजना की शुरुआत कर रखी है। इस योजना के तहत सरकार बच्चों को शिक्षा के साथ ही स्वस्थ और पोषित बनाना चाहती है।

इसके अलावा प्राथमिक स्कूलों में छात्रों की प्रवेश संख्या में वृद्धि करना, प्राथमिक स्तर पर अपव्यय को रोककर बच्चों को प्राइमरी स्कूलों में रोके रखना, छात्रों की नियमित उपस्थिति में वृद्धि करना, बिना किसी भेदभाव के एक साथ भोजन करने से भ्रातृत्व पैदा करना व जातिभेद खत्म करना भी इस योजना के उद्देश्य है। पीएम पोषण स्कीम के तहत मिड-डे मील खाने वाले विद्यार्थियों को बढ़िया व पौष्टिक आहार उपलब्ध कराया जाता है। खाने की क्वालिटी के साथ किसी तरह का कोई समझौता नहीं किया जाता। स्कूल प्रमुख, मिड-डे मील इंचार्ज व स्कूल मैनेजमेंट कमेटी यह यकीनी बनाते हैं कि बच्चों को मिलने वाला भोजन बढ़िया क्वालिटी का है। इस योजना को सही तरह से चलाने के लिए रोजाना मिड-डे मील खाने वाले बच्चों का डाटा एकत्र किया जाता है ताकि इस योजना को सही ढंग से चलाया जा सके।

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