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झुकी ममता ने मान लीं 3 मांगें, लेकिन काम पर नहीं लौटेंगे डॉक्टर, इन डिमांड्स पर अटकी बात

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कोलकाता

कोलकाता कांड में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बड़ा एक्शन लिया है. सीएम ने कोलकाता के पुलिस कमिश्नर विनीत गोयल और डिप्टी कमिश्नर (नॉर्थ) समेत चार अफसरों को हटाने का ऐलान कर दिया है. इनमें स्वास्थ्य विभाग से जुड़े दो अफसर शामिल हैं. सीएम के इस फैसले का प्रदर्शनकारी जूनियर डॉक्टर ने स्वागत किया है और इसे अपनी नैतिक जीत बताया है. हालांकि, उन्होंने धरना वापस नहीं लिया है. जूनियर डॉक्टर्स का कहना है कि जब तक वादे पूरे नहीं किए जाते, हम यहां 'स्वास्थ्य भवन' (स्वास्थ्य विभाग मुख्यालय) पर अपनी हड़ताल और प्रदर्शन जारी रखेंगे.

आरजी कर मेडिकल कॉलेज की घटना को लेकर प्रदर्शन कर रहे जूनियर डॉक्टर ने सोमवार रात कहा, वे अपना प्रदर्शन और हड़ताल तब तक जारी रखेंगे, जब तक मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने उनकी मांगों से जुड़े सभी वादे पूरा ना कर दें. हड़ताली डॉक्टरों ने कहा कि उनकी सभी मांगें अभी पूरी नहीं की गईं. हमने स्वास्थ्य सचिव को भी हटाने की मांग की है. जूनियर डॉक्टर्स का कहना था कि हम आरजी कर के संबंध में सुप्रीम कोर्ट में मंगलवार को होने वाली सुनवाई का भी इंतजार कर रहे हैं.

उन्होंने कहा, यह आंदोलन की जीत है. यह सच है कि राज्य सरकार ने हमारी अधिकांश मांगें मान ली हैं. हालांकि, स्वास्थ्य विभाग में भ्रष्टाचार के मामले को लेकर चर्चा हुई और जब तक इसका समाधान नहीं हो जाता, हम काम पर नहीं लौटेंगे.

सीएम ममता ने चिकित्सा शिक्षा निदेशक (DME) और स्वास्थ्य सेवा निदेशक (DHS) के अलावा डिप्टी कमिश्नर (उत्तरी डिवीजन) को भी हटाने का ऐलान किया है. सीएम ने कहा, हम सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के बाद मंगलवार शाम 4 बजे के बाद नए पुलिस कमिश्नर के नाम की घोषणा करेंगे. समझौते पत्र पर मुख्य सचिव मनोज पंत ने हस्ताक्षर किए. आरजी कर अस्पताल की तरफ से वार्ता में हिस्सा लेने वाले 42 डॉक्टर्स के प्रतिनिधिमंडल ने भी हस्ताक्षर किए.

हड़ताली डॉक्टर्स की पांच मांगें क्या थीं?

– घटना का आरोपी और क्राइम सीन से छेड़छाड़ करने वाले आरोपियों की गिरफ्तारी हो और कड़ी सजा दी जाए.
– आरजी मेडिकल कॉलेज के पूर्व प्रिंसिपल संदीप घोष के खिलाफ एक्शन लिया जाए.
– हेल्थकर्मियों की सुरक्षा बढ़ाई जाए. अस्पताल में सुरक्षा उपाय सुनिश्चित हों.
–  प्रदेश के सरकारी अस्पतालों में धमकी देने वाली संस्कृति को पूरी तरह खत्म किया जाए.
– कोलकाता पुलिस कमिश्नर विनीत गोयल समेत दोषी अफसरों को हटाया जाए.

कौन सी मांगें मान लीं…

– घटनाकांड का मुख्य आरोपी संजय राय पहले ही गिरफ्तार हो चुका है. सबूतों से छेड़छाड़ के आरोप में मेडिकल कॉलेज के पूर्व प्रिंसिपल संदीप घोष और ताला पुलिस स्टेशन के पुलिस अफसर को भी गिरफ्तार किया जा चुका है.
– कोलकाता पुलिस कमिश्नर और डिप्टी पुलिस कमिश्नर को भी पद से हटा दिया गया है. चिकित्सा शिक्षा निदेशक कौस्तव नाइक और स्वास्थ्य सेवा निदेशक को हटाया गया.
– अस्पतालों और मेडिकल कॉलेज परिसरों में सुरक्षा से जुड़े अन्य मुद्दों पर विचार करने के लिए मुख्य सचिव के नेतृत्व में एक टास्क फोर्स के गठन की भी घोषणा की गई है. टास्क फोर्स में गृह सचिव, डीजीपी, कोलकाता पुलिस आयुक्त और जूनियर डॉक्टरों के प्रतिनिधि भी शामिल होंगे. अस्पतालों में शिकायत निस्तारण के लिए भी एक सिस्टम तैयार किया जाएगा. अस्पतालों में सीसीटीवी और वॉशरूम जैसी सुविधाओं के लिए 100 करोड़ रुपये मंजूर किए गए हैं.

कौन सी मांगों पर अटकी बात…

– स्वास्थ्य विभाग में भ्रष्टाचार के मामले का समाधान किया जाए और स्वास्थ्य विभाग के प्रमुख सचिव को भी हटाया जाए. सरकार उन्हें हटाने पर अभी सहमत नहीं हुई है. जूनियर डॉक्टरों का कहना है कि स्वास्थ्य विभाग में प्रिंसिपल सेक्रेटरी के संरक्षण में भ्रष्टाचार होता है. लेकिन सरकार द्वारा प्रिंसिपल सेक्रेटरी को नहीं हटाया है. जबकि मेडिकल स्टूडेंट्स प्रिंसिपल सेक्रेटरी को हटाने की लंबे समय से मांग कर रहे हैं.
– प्रदेश के सरकारी अस्पतालों में हेल्थकर्मियों की सुरक्षा बढ़ाई जाए. अस्पताल में सुरक्षा उपाय सुनिश्चित किए जाएं. डॉक्टर्स का कहना है कि हमारा लक्ष्य अस्पताल में करप्शन के गिरोह को खत्म करने का है. ये गिरोह अस्पताल में एक्टिव हैं. अस्पतालों में एक्टिव सिंडिकेट और फलते-फूलते भ्रष्टाचार के रैकेट पर चर्चा अधूरी है. हमें अभी तक इस मामले में सिर्फ मौखिक आश्वासन ही मिला है, इसलिए हमारी लड़ाई अभी खत्म नहीं हुई है.

सीएम ने क्या कहा है…

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने सोमवार को घोषणा की कि कोलकाता के पुलिस आयुक्त विनीत गोयल को उनके पद से हटा दिया जाएगा. उन्होंने हड़ताली डॉक्टर्स के साथ करीब 6 घंटे तक चली बैठक के बाद यह फैसला लिया है. मुख्यमंत्री ने कहा कि कोलकाता पुलिस के उपायुक्त (उत्तर) के खिलाफ पीड़ित परिवार ने रिश्वतखोरी का आरोप लगाया है. उन्हें भी हटा दिया जाएगा.

बैठक में CP ने कहा, इस्तीफा देने का तैयार हूं

ममता बनर्जी ने कहा, सरकार ने प्रदर्शनकारी डॉक्टरों की मांगें स्वीकार कर ली हैं और उनमें से एक मांग रेप-मर्डर की सीबीआई जांच थी, जिस पर पहले से ही काम चल रहा है. डॉक्टर्स के साथ बैठक के बाद ममता ने कहा, जूनियर डॉक्टर्स की मांग को देखते हुए कोलकाता पुलिस कमिश्नर विनीत कुमार गोयल ने बैठक में कहा कि वो इस्तीफा देने के लिए तैयार हैं. शाम 4 बजे विनीत नए CP को जिम्मेदारी सौंप देंगे.

दो स्वास्थ्य अधिकारियों पर भी एक्शन

पुलिस में बदलाव के अलावा चिकित्सा शिक्षा निदेशक कौस्तव नाइक और स्वास्थ्य सेवा निदेशक देबाशीष हलदर को भी उनके पदों से हटा दिया गया है. मुख्यमंत्री ने कहा कि बैठक सकारात्मक रही और सरकार ने डॉक्टरों की मांगें मान ली हैं. उन्होंने जूनियर डॉक्टरों से काम बंद करने का फैसला वापस लेने का भी अनुरोध किया.

सीएम ने कहा, अब काम पर लौटें डॉक्टर

सीएम ने कहा, मैंने आंदोलनकारी डॉक्टरों से काम बंद करने का फैसला वापस लेने का आग्रह किया है क्योंकि उनकी पांच में से तीन मांगें मान ली गई हैं. प्रदर्शनकारी डॉक्टरों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की जाएगी. ममता ने आगे बताया कि स्वास्थ्य क्षेत्र के इंफ्रास्ट्रक्चर से संबंधित सभी मामलों के समाधान के लिए मुख्य सचिव की अध्यक्षता में एक कमेटी गठित की गई है. बताते चलें कि कोलकाता में स्वास्थ्य भवन के बाहर डॉक्टर आठ दिन से धरना दे रहे हैं. जबकि 38 दिन से हड़ताल पर हैं और कामकाज बंद रखे हैं. 

क्या है मामला

9 अगस्त को कोलकाता में आरजी कर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल के सेमिनार हॉल में 31 साल की ट्रेनी महिला डॉक्टर का शव पड़ा मिला था. जांच में सामने आया कि महिला डॉक्टर के साथ पहले रेप किया गया और उसके बाद हत्या कर दी गई. घटना से जूनियर डॉक्टर्स में नाराजगी बढ़ गई और हड़ताल शुरू कर दी. देशभर में विरोध-प्रदर्शन देखने को मिले थे. 

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