डोंगरगढ़ और महासुंद रेलवे स्टेशन को रायपुर रेल मंडल के अंतर्गत समाहित किए जाने की मांग रेलवे उपभोक्ता सलाहकार समिति की बैठक में सांसदों ने वकालत की है। वर्तमान समय में डोंगरगढ़ रेलवे स्टेशन का नियंत्रण नागपुर मंडल और महासमुंद रेलवे स्टेशन का नियंत्रण सम्बलपुर रेल मंडल द्वारा किया जा रहा है। जबकि यह दोनों ही रेलवे स्टेशन रायपुर रेलवे मंडल के ज्यादा नजदीक है। इसके साथ ही रेलवे उपभोक्ता सलाहकार समिति की बैठक में लगातार ट्रेनों के निरस्त किए जाने से यात्रियों को हो रही परेशानियों का मुद्दा भी उठाया गया। रेलवे उपभोक्ता सलाहकार समिति में मुद्दों पर हुई चर्चा की जानकारी व सिफारिशों को रेलवे अधिकारियों ने रेलवे बोर्ड को भेजे जाने की बात कहीं और कहा कि ट्रेनों को रद्द किए जाने की पहले जैसी स्थिति नहीं है। लगभग सभी ट्रेनें शुरू कर दी गई है।
राज्यसभा सांसद रंजीत रंजन ने डोंगरगढ़ रेलवे का नियंत्रण अभी भी नागपुर रेल मंडल के अधीन होने पर आपत्ति की। यात्रियों की सुविधाओं को देखते हुए प्रशासनिक नियंत्रण में बदलाव की जरूरत है।
राज्यसभा सदस्य ने डोंगरगढ़ रेलवे स्टेशन का नियंत्रण रायपुर रेल मंडल को देने का सुझाव दिया है। बाकी सांसदों ने भी इसका समर्थन किया। बैठक में रायपुर के सांसद बृजमोहन अग्रवाल ने महासमुंद रेलवे स्टेशन को भी रायपुर रेल मंडल के अधीन करने का प्रस्ताव दिया है। यह रेलवे स्टेशन अभी संबलपुर रेलमंडल के अधीन आता है। बैठक में छत्तीसगढ़ के रेलवे स्टेशनों में छत्तीसगढ़ व्यंजन उपलब्ध कराने का भी सुझाव दिया, जिस पर रेलवे अफसरों ने मान लिया। यह भी कहा गया है कि छत्तीसगढ़ के रेलवे स्टेशनों में छत्तीसगढ़ी व्यंजन के लिए अलग से स्टॉल लगाए जाए।
बैठक में सांसदों ने यह भी जानना चाहा कि रेलवे पथ के निर्माण में कितने पेड़ कटे हैं और कितने पेड़ लगाए गए हैं। इसकी जानकारी जल्द उपलब्ध कराने की बात कही गई। सांसदों ने रेल यात्रियों की सुरक्षा, सफाई, और पौष्टिक भोजन का सुझाव दिया है। सांसदों ने रेल लाईन के कामों में तेजी लाने का सुझाव दिया है। बैठक में रायपुर सांसद बृजमोहन अग्रवाल, राज्यसभा सदस्य रंजीत रंजन, भोजराज नाग, महेश कश्यप, रेलवे महाप्रबंधक सुश्री नीरू सहित रायपुर मंडल के सभी अफसर मौजूद थे।