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IAS अमित कटारिया, पांच साल बाद फिर लौटे छत्‍तीसगढ़

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रायपुर
भारत में ज्यादातर लोगों का प्रयास होता है कि वो एग्जाम क्लियर कर इंडियन एडमिनिस्ट्रेशन में आ जाएं. कई लोग कई सालों तक प्रयास कर सिविल सर्विसेस की परीक्षा क्लियर करने की कोशिश में लगे रहते हैं. जो ज्यादा मेहनत करते हैं, वो जॉब पा लेते हैं. अक्सर लोगों को लगता है कि ये जॉब सिर्फ सिक्युरिटी पर्पस से की जाती है. लेकिन ऐसे भी कुछ लोग हैं जो इन जॉब्स का मोटिव यानी देश सेवा के लिए आते हैं. ऐसे ही एक शख्स हैं अमित कटारिया.

आईएएस अफसर अमित कटारिया सेंट्रल डेपुटेशन से लौट आए हैं. उन्होंने मंगलवार को छत्तीसगढ़ में मंत्रालय ज्वाइन किया. अमित कटारिया की पहचान एक दबंग अफसर के तौर पर होती है. वो काम के बीच किसी तरह का इंटरफेयरेंस बर्दाश्त नहीं करते. जहां भी सरकार को प्रशासन संभालने में परेशानी होती है, वहां अमित कटारिया को पोस्ट कर दिया जाता है. देश सेवा के जज्बे से भरे अमित कटारिया अपनी सैलरी की वजह से चर्चा में रहते हैं.

लेते हैं मात्र एक रुपए
आईएएस अफसर अमित कटारिया को उनके पोस्ट के आधार पर 56 हजार बेसिक पे मिलता है. इसके साथ ही उन्हें कई अन्य भत्ते भी मिलते हैं. साल 2021 के रिकॉर्ड के मुताबिक़, अमित कटारिया की मंथली सैलरी एक लाख 47 हजार रुपए है. लेकिन अमित कटारिया सैलरी के तौर पर सिर्फ एक रुपए लेते हैं. जब उनसे इसके बारे में पूछा गया तो उन्होंने बताया कि वो देश सेवा के लिए अफसर बने हैं. अगर उनकी वजह से देश का हित होता हो, तो यही उनकी सबसे बड़ी उपलब्धि है.

ऐसे चलाते हैं परिवार
एक रुपए सैलरी लेने के बावजूद अमित कटारिया देश के सबसे अमीर आईएएस अफसर है. सवाल ये है कि इतनी महंगाई में एक रुपए में उनका घर कैसे चलता है? दरअसल, उनका गुड़गांव में फैमिली बिजनेस है. इसके अलावा उनकी वाइफ पायलट हैं. इन दो सोर्स ऑफ़ इनकम के बदौलत अमित कटारिया देश के सबसे अमीर आईएएस अफसर हैं.

पीएम मोदी से मुलाकात के बाद सुर्खियों में आए थे IAS अमित कटारिया

अमित कटारिया 2016 में तब सुर्खियों में आए थे जब बस्‍तर में वो कलेक्‍टर पद पर थे। इस दौरान प्रधानमंत्री मोदी बस्तर का दौरा करने आए, तब आईएएस अमित कटारिया ने प्रधानमंत्री मोदी से मुलाकात के दौरान काला चश्‍मा पहन रखा था, जो कि सरकारी प्रोटोकॉल के खिलाफ था। इस घटना को लेकर विभाग ने उन्हें कारण बताओ नोटिस भी जारी किया था।
कौन है आईएएस अमित कटारिया

आईएएस अमित कटारिया अपनी ईमानदारी और उत्कृष्ट कार्यशैली के लिए पहले से ही काफी चर्चित रहे हैं। 2004 बैच के इस अधिकारी को एक कुशल प्रशासनिक अफसर माना जाता है। वे छत्तीसगढ़ के रायगढ़ और गरियाबंद जिलों में कलेक्टर के रूप में अपनी सेवाएं दे चुके हैं। जहां भी सरकार ने उनकी आवश्यकता महसूस की, उन्होंने वहां अपनी जिम्मेदारियों को निभाया।
सत्ताधारी दल के नेताओं से अनबन से भी सुर्खियों में रहे

अमित कटारिया की सत्ताधारी दल के नेताओं से अनबन भी चर्चा का विषय रही है। वर्ष 2011 में जब वे रायगढ़ में कलेक्टर थे, तो उनका भाजपा नेता रोशनलाल अग्रवाल के साथ विवाद हुआ था। रोशनलाल अग्रवाल वर्तमान में विधायक हैं। इसके अलावा, रायपुर नगर निगम कमिश्नर के पद पर रहते हुए कटारिया की तत्कालीन महापौर सुनील सोनी से भी बहस हो गई थी।
आईआईटी दिल्ली से की बी-टेक की पढ़ाई

कटारिया ने अपनी शिक्षा आईआईटी दिल्ली से इलेक्ट्रॉनिक्स में बी-टेक की है। पढ़ाई के दौरान उन्हें कई प्रमुख कंपनियों से बड़े पैकेज पर नौकरी के ऑफर मिले थे, लेकिन उन्होंने प्रशासनिक सेवा को चुना। अमित कटारिया के परिवार का दिल्ली और उसके आसपास रियल एस्टेट का व्यवसाय है, और उनकी पत्नी एक पेशेवर पायलट हैं।नौकरी के शुरुआती दौर में आईएएस कटारिया केवल एक रुपए तनख्वाह लेते थे।
इन IAS अधिकारियों की भी होगी वापसी

आईएएस रजत कुमार भी गुरुवार को अपनी ज्वाइनिंग करेंगे, जबकि आईएएस डॉ. रोहित यादव भी जल्द ही लौटने वाले हैं। इन अधिकारियों की वापसी से राज्य प्रशासन में सचिव स्तर की महत्वपूर्ण पदों पर रिक्तियां पूरी हो जाएंगी।

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