Home धर्म-आध्यात्म पीली सरसों के बीज बताएंगे आपके दोष और बाधा के बारे में

पीली सरसों के बीज बताएंगे आपके दोष और बाधा के बारे में

8

जब कर्म करने के बाद मनोवांछित फल नहीं मिलता है, तो उसके कई कारण हो सकते हैं, जिसमें कभी-कभी ग्रह, नक्षत्रों, नक्षत्रों का दोष होता है, तो कभी-कभी भूत-प्रेत आदि बाधाएं बनी रहती हैं। ज्यादातर लोगों को यह समझ नहीं आ रहा है कि उनका जो काम, व्यापार आदि नहीं चल रहा है, वह किस कारण से नहीं चल रहा है। एक बार सही जानकारी होने पर संपूर्ण उपाय सहज और सरलता से बचा जा सकता है। प्राचीन तंत्र शास्त्र के ग्रंथो में उपयोग के माध्यम से आप सरलता से अपने घर, दुकान या कार्यालय पर किसी की बाधा है, जान सकते हैं। अवशेष के अवशेष उन्हें गंगाजल में ढोकर सुखा लें, शेष के अवशेष उन्हें एक कटोरी में पुनः स्थापित गंगाजल समृद्ध लें, अवशेष भी दानव तैरने यूक्रेन, उन्हें गिनाकर आप यह जान सकते हैं कि घर आपके कार्यस्थल में किसका दोष है।

एक दाना तैरने पर भूत-प्रेतों के दोष से बाधा बनी रहती है।
दो दानें तैरना क्षेत्रपाल और दिक्पाल का दोष माना जाता है।
तीन दानें तैरने पर शकिनी दोष, डाकिनी दोष रहता है।
चार दानें तैरने पर तंत्र-मंत्र दोष के कारण बाधाएं उत्पन्न होती हैं।
पांच दानें तैरने पर कुलदेवी या कुलदेवता का दोष रहता है।
छह दानव तैरने पर मातृ दोष की समस्या रहती है।
सात दानव तैरने पर वन्ध्यावासनी दोष, मृतवत्सा दोष रहता है।
आठ दानें तैरने पर कुलदोष या पितृ दोष रहता है। जन्मपत्री में भी पितृ दोष ग्रह-नक्षत्रों की विशेष स्थिति के कारण देखे जाते हैं जिसका उपाय पितृ पक्ष में करने से घर में सुख शांति आती है।

पितृदोष से मुक्ति के लिए उपाय – पितृगणों की स्मृति में प्याऊ लगाना चाहिए तथा पीड़ित गरीबों को भोजन की व्यवस्था पितृदोष में अवश्य करनी चाहिए। पितृ पक्ष की पत्रिका को तर्पण एवं ब्राह्मणभोजन करने से पितृ दोष की चोट होती है। पितृ ऋण से मुक्ति पाने के लिए देवताओं की पूजा की जाती है और सभी देवताओं की पूजा की जाती है। जो व्यक्ति भोजन के प्रथम भाग को नित्य गाय को देता है उसे सभी प्रकार के सुख-समृद्धि प्राप्त होती है।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here