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पीएम नरेंद्र मोदी ने 78वें स्वतंत्रता दिवस पर देश को संबोधित किया, जाने भाषण की 10 बड़ी बातें

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नई दिल्ली
पीएम नरेंद्र मोदी ने 78वें स्वतंत्रता दिवस पर देश को संबोधित करते हुए विकसित भारत का खाका पेश किया। इस दौरान उन्होंने उपलब्धियां गिनाईं तो चुनौतियों पर भी बात की। पड़ोस के देश बांग्लादेश में हिंदुओं के खिलाफ हिंसा पर पीएम नरेंद्र मोदी ने खुलकर बात की तो वहीं यूनिफॉर्म सिविल कोड की भी वकालत की। उन्होंने इसे नई शब्दावली के साथ पेश करते हुए कहा कि देश को अब सेकुलर सिविल कोड की जरूरत है। उन्होंने कहा कि लंबे समय से कम्युनिल सिविल कोड रही, अब देश को सेकुलर सिविल कोड मिलना चाहिए। आइए जानते हैं, क्या रहीं पीएम नरेंद्र मोदी के भाषण की 10 बड़ी बातें…

1. पीएम मोदी ने लगातार 11वीं बार लालकिले से तिरंगा फहराते हुए कहा कि माताओं और बहनों के खिलाफ जो अत्याचार हो रहे हैं, उसके खिलाफ देश में आक्रोश है। इसे सभी राज्यों को गंभीरता से लेना होगा। ऐसे मामलों में जल्दी से जांच हो और राक्षसी कृत्य करने वालों को कड़ी सजा हो। महिलाओं पर जब बलात्कार और अत्याचार की खबरें आती हैं तो वह छाई रहती है। लेकिन जब दोषियों को सजा होती है तो वह खबर कोने में पड़ी रहती है। ऐसी खबरों को प्रमुखता देनी चाहिए ताकि अपराधियों में डर पैदा हो। उन्होंने किसी का नाम नहीं लिया, लेकिन उनका इशारा सीधे तौर पर कोलकाता के रेप और मर्डर कांड की ओर था, जिसके खिलाफ देश भर में लोग आंदोलन कर रहे हैं।

2. बांग्लादेश में जो कुछ हुआ है, उसे देखते हुए चिंता करना वाजिब है। मैं आशा करता हूं कि वहां हालात जल्दी सामान्य होंगे। खासतौर पर 140 करोड़ भारतीयों की चिंता है कि वहां के हिंदुओं और अल्पसंख्यकों की सुरक्षा सुनिश्चित हो। भारत हमेशा चाहता है कि पड़ोसी देश शांति से रहें और विकास की ओर बढ़ें। हम बांग्लादेश के विकास के लिए चिंतित हैं और कुछ भी सकारात्मक हो, इसके लिए हम साथ हैं।

3. क्या कोई कुछ सोच सकता है कि देश में संविधान का शासन है। इसके बाद भी कुछ ऐसे लोग निकल रहे हैं, जो भ्रष्टाचार का महिमामंडन कर रहे हैं। ऐसे लोग स्वस्थ समाज के लिए बहुत बड़ी चुनौती बन गया है और यह चिंता का विषय है। यदि किसी भ्रष्टाचारी का महिमामंडन होगा तो जो आज ऐसा नहीं करता है, वह भी ऐसे रास्ते पर जाने की सोचेगा।

4. हमें नकारात्मक लोगों से बचना होगा। कुछ लोग देश का विकास नहीं चाहते। विकृति तो विनाश और सर्वनाश का कारण बनती है। उन्होंने कहा कि कुछ ऐसे लोग हैं, जो हर बात में नकारात्मकता ही देखते हैं। हमें विकसित भारत की ओर बढ़ते हुए ऐसे लोगों को नजरअंदाज करना होगा।

5. पीएम मोदी ने भाजपा के कोर एजेंडे में रहे यूनिफॉर्म सिविल कोड की भी वकालत की। उन्होंने इसे सेकुलर कोड कहते हुए कहा कि देश को इसकी जरूरत है। एक देश एक कानून हमारी आवश्यकता है। पीएम मोदी ने कहा कि बहुत दिनों तक सांप्रदायिक कोड रहा। अब सेकुलर कोड लाना चाहिए।

6. कभी आतंकवादी मारकर चले जाते थे। अब देश की सेना एयर स्ट्राइक और सर्जिकल स्ट्राइक करती है। इससे देश के युवा गर्व से भर जाते हैं। सरकारी मशीनरी जब देश के सपने पूरे करने में जुट जाती है और नागरिक भी जनांदोलन के तौर पर जुड़ जाते हैं तो लक्ष्य हासिल होकर रहते हैं।

7. ऐसा माहौल बन गया था कि जो है, उसमें गुजारा कर लो। कहते थे कि अब कुछ होने वाला नहीं है। हमने उस माहौल को बदला है। कई लोग कहते थे कि भविष्य के लिए क्यों कुछ करें, हम आज का देखें। लेकिन देश का नागरिक ऐसा नहीं चाहता। वह सुधारों का इंतजार करता रहा। हमें जिम्मेदारी मिली तो फिर हमने सुधारों को जमीन पर उतारा। मैं देशवासियों को यकीन दिलाना चाहता हूं कि हम सुधारों के लिए प्रतिबद्ध रहेंगे।

9. प्रधानमंत्री ने राजनीति में जातिवाद और परिवारवाद की मुक्ति का भी खाका पेश किया। उन्होंने कहा कि हम चाहते हैं कि कम से कम एक लाख युवा राजनीति में आएं, जिनके परिवार से अब तक कोई पॉलिटिक्स में न रहा हो। ये लोग विधायक, सांसद, प्रधान, मेयर आदि बनें। ऐसे लोग आएंगे तो नए विचार सामने आएंगे और परिवारवाद का खात्मा होगा।

10. पीएम मोदी ने कहा कि देश हर तीन महीने में चुनाव से तंग आ चुका है। अब बारी आ चुकी है कि एक देश एक चुनाव की ओर बढ़ा जाए।

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