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छत्तीसगढ़ के खनिज सचिव ने भू-वैज्ञानिक कार्यक्रम की बैठक में दिए निर्देश, तकनीकी उपयोग कर खनिजों की करें खोज

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रायपुर.

राज्य स्तरीय भू-वैज्ञानिक कार्यक्रम मडल छत्तीसगढ़ की 23वीं बैठक आज खनिज साधन विभाग के सचिव श्री पी. दयानंद की अध्यक्षता में राजधानी रायपुर स्थित सिविल लाईन विश्राम भवन के मिनी कॉन्फ्रेंस हॉल में सम्पन्न हुई। बैठक में सचिव श्री पी. दयानंद ने कहा कि किसी भी देश एवं राज्य के विकास में खनिजों की भूमिका महत्वपूर्ण होती है। छत्तीसगढ़ में खनिज अधारित नये उद्योगों की स्थापना के लिए राज्य में विद्यमान विभिन्न खनिजों का सतत् एवं व्यवस्थित तरीके से अन्वेषण किया जाना चाहिए।

उन्होंने बैठक में उपस्थित अन्वेषण कार्यों से संबद्ध सभी विभागों एवं संस्थानों से कहा कि छत्तीसगढ़ के समग्र विकास हेतु वे अपनी कुशलता, संसाधन एवं उपलब्ध नवीनतम् तकनीकियों का उपयोग कर प्रदेश में पाये जाने वाले खनिजों का अन्वेषण करे। उन्होंने छत्तीसगढ़ में खनिजों के विकास के लिए कार्य करने वाली एजेंसियों के मध्य उत्पादित आंकड़ों को आपस में साझा करने और परस्पर समन्वय स्थापित किये जाने की सलाह दी है। श्री पी. दयानंद ने बताया कि वर्ष 2023-24 में लगभग 13000 करोड़ रूपए के खनि राजस्व की प्राप्ति हुई है जो राज्य स्थापना वर्ष की तुलना में लगभग 30 गुना अधिक है।
खनिज विभाग के सचिव श्री पी. दयानंद ने राज्य में खनिज अन्वेषण एवं खनिज दोहन के क्षेत्र में कार्यरत केंद्र और राज्य सरकार के विभागों एवं संस्थानों द्वारा वर्ष 2023-24 में किये गये भू-वैज्ञानिक कार्यों की समीक्षा की। समीक्षा के दौरान वर्ष 2023-24 के सम्पादित कार्यों की उपलब्धियों पर चर्चा की गई और प्रदेश में पाये जाने वाले खनिजों की खोज के लिए वर्ष 2024-25 में प्रस्तावित भू-वैज्ञानिक कार्यों को अंतिम रूप दिया गया। बैठक में भौमिकी तथा खनिकर्म विभाग के संचालक श्री सुनील कुमार जैन सहित केन्द्र तथा राज्य शासन के विभिन्न विभागों और उपक्रमों के प्रतिनिधि उपस्थित थे।
प्रदेश में चूना पत्थर और लौह अयस्क के नए भण्डार खोजे गए
भौमिकी तथा खनिकर्म विभाग के संचालक श्री जैन ने वर्ष 2023-24 में सम्पन्न कार्यों की जानकारी देते हुए बताया कि इस वर्ष कुल 1050 मिलियन टन चूनापत्थर एवं लौह अयस्क के कुल 179 मिलियन टन भण्डार आंकलित किये गये।
खान मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा छत्तीसगढ़ में NMET के तहत वर्ष 2023-24 में चूनापत्थर हेतु 01 अन्वेषण परियोजना की स्वीकृति प्राप्त हुई है। अधिसूचित निजी अन्वेषण संस्थान को NMET के तहत् राज्य के अन्वेषण कार्य हेतु तीन प्रस्ताव स्वीकृत किये गये थे। जिसमें दो ग्रेफाईट एवं एक दुर्लभ मृदा धातुएँ (REE) शामिल है। केन्द्र तथा राज्य शासन के विभिन्न विभागों, उपक्रमों के प्रतिनिधियों द्वारा भी छत्तीसगढ़ राज्य में किये गये खनिज अन्वेषण कार्यों की जानकारियों पर प्रस्तुतिकरण दिया गया। भारतीय भू-वैज्ञानिक सर्वेक्षण विभाग के उप महानिदेशक डॉ. सुदीप भट्टाचार्या ने बताया कि छत्तीसगढ़ के विभिन्न जिलों में बाक्साइट, गोल्ड, कॉपर, ग्लूकोनाईट, ग्रेफाइट, बेसमेटल, डायमण्ड, लिथियम, REE, PGE, फास्फोराइट, फ्लोराईट खनिज हेतु सर्वेक्षण कार्य किया गया है। वर्ष 2024-25 में विभिन्न खनिजों की कुल 25 परियोजनाओं पर कार्य लिया जा रहा है। संयुक्त संचालक (भौमिकी) श्री संजय कनकने ने बताया कि संचालनालय भौमिकी तथा खनिकर्म, छत्तीसगढ़ द्वारा वर्ष 2024-25 में कुल 12 अन्वेषण परियोजना को सर्वेक्षण-पूर्वेक्षण कार्य हेतु अनुमोदित किया गया। जिसमें मैंगनीज पर 01, ग्रेफाईट पर 01, चूनापत्थर पर 03, लौह अयस्क पर 05 एवं बाक्साइट पर 02 परियोजना शामिल है। खान मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा छत्तीसगढ़ में NMET के तहत वर्ष 2024-25 में अधिसूचित निजी अन्वेषण संस्थान को राज्य में अन्वेषण कार्य हेतु दो प्रस्ताव स्वीकृत किये गये हैं। जिसमें 01 लिथियम तथा 01 ग्रेफाईट का प्रस्ताव सम्मिलित है।

इसी प्रकार वर्ष 2024-25 में विभिन्न संस्थानों द्वारा प्रदेश में 10 विभिन्न खनिजों की कुल 44 परियोजना अन्वेषण-पूर्वेक्षण कार्य हेतु अनुमोदित किया गया। जिसमें फास्फोराईट के 02, गोल्ड के 05, ग्लुकोनाईट के 06, REE (Lithium, Tantalum etc.) के 11, लेड-जिंक के 01, फास्फेट के 01, बॉक्साईट के 05, लौह अयस्क के 09, कॉपर के 02, ग्रेफाईट की 01 एवं लीथियम की 01 अन्वेषण-पूर्वेक्षण परियोजना शामिल है।

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