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ITR Filing आप 31 जुलाई के बाद भी फाइल कर सकते हैं बशर्ते आपको सहना होगा ये नुकसान

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नई दिल्ली

 वित्तीय वर्ष 2023-24 के लिए इनकम टैक्स रिटर्न (ITR) फाइल करने की डेड लाइन 31 जुलाई है। आयकर विभाग ने करदाताओं को अपना आयकर रिटर्न इस लास्ट डेट से पहले दाखिल करने की सलाह दे रहा है। क्योंकि, इस बात की संभावना बहुत कम है कि इस साल आईटीआर फाइल करने की लास्ट डेट बढ़ेगी। सरकार ने पिछले साल भी आयकर रिटर्नदाखिल करने की समय सीमा नहीं बढ़ाई थी। हालांकि, इसने कोविड-19 महामारी के कारण आईटीआर दाखिल करने की समय सीमा दो साल पहले बढ़ाई थी।

डेडलाइन पर क्या बोला इनकम टैक्स विभाग?

आयकर विभाग ने स्पष्ट रूप से कहा है कि आईटीआर दाखिल करने की समय सीमा 31 जुलाई, 2024 है। जो लोग समय सीमा को पूरा करने में विफल रहते हैं, उन्हें पता होना चाहिए कि इसके गंभीर परिणाम हो सकते हैं। सीए अभिनंदन पांडेय ने बताया कि अगर कोई 31 जुलाई की समय सीमा से चूक जाता तो है तो उसके पास 31 दिसंबर, 2024 तक विलंबित रिटर्न दाखिल करने का अवसर होगा, लेकिन उसे जुर्माने के साथ न्यू टैक्स रिजीम के तहत आना पड़ेगा। इसका मतलब ये है कि एचआरए, ट्यूशन फीस, बीमा की किस्तें, होम लोन पर ब्याज आदि के जरिए मिलने वाली छूट से वह वंचित हो जाएगा।

आप 31 जुलाई के बाद भी भर सकते हैं आईटीआर

सीए अजय बगड़िया के मुताबिक अगर आप 31 जुलाई तक अपना आईटीआर दाखिल करने में विफल रहते हैं तो आप देर से भी रिटर्न दाखिल कर सकते हैं। इसके लिए आयकर अधिनियम की धारा 234 एफ के अनुसार, 5000 रुपये तक की लेट फाइलिंग फीस लगाई जा सकती है। अगर आपकी इनकम 5 लाख रुपये से कम है तो लेट फाइलिंग शुल्क 1,000 रुपये है। इसके अलावा अगर कोई टैक्स बन रहा है तो उसपर प्रति माह 1% या महीने के हिस्से की दर से ब्याज लिया जाएगा, लेकिन लगाया गया जुर्माना बकाया टैक्स से अधिक नहीं हो सकता है।

ये लोग 31 अक्टूबर तक फाइल कर सकते हैं आईटीआर

सीए संतोष मिश्रा ने हिन्दुस्तान को बताया कि जिन खातों की ऑडिटिंग की आवश्यकता है, उनके लिए ITR दाखिल करने की समय सीमा 31 अक्टूबर, 2024 तक बढ़ा दी गई है। आयकर विभाग इन व्यक्तियों को अपना ITR दाखिल करने से पहले किसी मान्यता प्राप्त चार्टर्ड अकाउंटेंट से अपना ऑडिट पूरा करने के लिए अतिरिक्त तीन महीने का समय देता है।

कुछ कैटेगरी के टैक्सपेयर्स को अपना आईटीआर दाखिल करने के लिए अतिरिक्त समय दिया जाता है। इनमें अंतरराष्ट्रीय लेनदेन में शामिल व्यवसायों के लिए ITR दाखिल करने के लिए समय सीमा 30 नवंबर है। कुछ मामलों में डेड लाइन एक्सटेंशन के साथ भी देर से दाखिल करने पर शुल्क लागू हो सकता है।

टैक्स स्लैब में चुनना होगा ऑप्शन

31 जुलाई 2024 से पहले इनकम टैक्स दाखिल करने पर आपके पास टैक्स स्लैब में दो ऑप्शन चुनने का मौका होगा। हालांकि, इसके बाद इनकम टैक्स दाखिल करने पर आपके लिए समस्या बढ़ सकती है। दरअसल, न्यू टैक्स रिजीम (New Tax Regime) अभी के लिए एक दूसरे ऑप्शन में है। हालांकि, कई टैक्सपेयर्स ओल्ड टैक्स रिजीम (Old Tax Regime) पर ही है जिससे उन्हें डिडक्शन बेनिफिट मिलने के साथ टैक्स में बचत का भी लाभ मिल सकेगा। वहीं, अगर 31 जुलाई के बाद न्यू टैक्स रिजीम ही रहा तो आपको ओल्ड टैक्स रिजीम का ऑप्शन नहीं मिल सकेगा।

31 जुलाई के बाद आईटीआर फाइल करना लेट आईटीआर कहलाता है। हालांकि, अगर टैक्सपेयर्स की मांग के अनुसार आईटीआर फाइल की लास्ट डेट बढ़ गई तो 31 जुलाई को आखिरी तारीख नहीं माना जाएगा। फिलहाल, 31 जुलाई ही आईटीआर फाइल करने के लिए लास्ट डेट है। इसके बाद करने पर आपको 1000 रुपये से 5000 रुपये तक का जुर्माना भरना पड़ सकता है। टैक्सेबल इनकम 5 लाख रुपये से कम होने पर 1000 रुपये का जुर्माना है। जबकि, 5 लाख रुपये से अधिक टैक्सेबल इनकम होने पर 5000 रुपये का जुर्माना भरना पड़ सकता है।

आयकर अधिनियम की धारा 234ए के मुताबिक लेट आईटीआर फाइल करने पर 1% प्रति माह या उसके हिस्से की इंटरेस्ट से ब्याज लगाया जाता है। आयकर अधिनियम की धारा 140A(3) के तहत स्व-मूल्यांकन कर (Self-Assessment Tax) का भुगतान करने में विफलता या कम भुगतान करने पर जुर्माना लग सकता है। बता दें कि ये जुर्माना बकाया टैक्स की राशि से ज्यादा नहीं हो सकता है।

क्या है रिवाइज्ड रिटर्न फाइल की लास्ट डेट?

अगर आप जुर्माने से बचना चाहते हैं तो आईटीआर की आखिरी तारीख से पहले इनकम टैक्स दाखिल कर लें। हालांकि, किसी वजह से 31 जुलाई तक या फिर आईटीआर फाइल की लास्ट डेट तक आप ITR File कर देते हैं लेकिन उसमें कोई गलती या कोई डिटेल्स आपसे छूट जाती है तो रिवाइज्ड रिटर्न फाइल कर सकते हैं। इसके लिए आखिरी तारीख 31 दिसंबर 2024 है। इस तारीख तक आप कितनी बार भी इनकम टैक्स रिटर्न फाइल को रिवाइज्ड कर सकते हैं। इसके लिए न तो कोई जुर्माना लगता है और न ही किसी तरह की कोई फीस चुकानी पड़ती है। बता दें कि आईटीआर फाइल की लास्ट डेट निकले पर करदाता 31 दिसंबर 2024 तक विलंबित रिटर्न दाखिल कर सकते हैं।

उठ रही लास्ट डेट
बढ़ाने की मांग

केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (CBDT) के सामने अखिल भारतीय कर व्यवसायी महासंघ (AIFTP) ने वित्त वर्ष 2023-24 के लिए इनकम टैक्स रिटर्न दाखिल करने की डेडलाइन को आगे बढ़ाने की मांग रखी है. उन्होंने CBDT के सामने इस समय सीमा को 31 जुलाई से बढ़ाकर 31 अगस्त करने की मांग की है. संघ ने कहा कि देश के कई इलाकों में बाढ़ और भूस्खलन जैसे हालातों के कारण टैक्सपेयर्स को आईटीआर फाइल करने में दिक्कत हो रही है. AIFTP के राष्ट्रीय अध्यक्ष नारायण जैन और डायरेक्ट टैक्स प्रतिनिधि समिति के अध्यक्ष एस एम सुराना ने महासंघ को एक लिखित अर्जी देते हुए कहा कि उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश जैसे राज्यों में खराब मौसम की स्थिति से आईटीआर फाइल करने वालों को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है.

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