वाशिंगटन
अमेरिका की उपराष्ट्रपति कमला हैरिस ने राष्ट्रपति पद के लिए अपने चुनाव प्रचार अभियान की शुरुआत रिपब्लिकन उम्मीदवार डोनाल्ड ट्रंप पर तीखे हमले के साथ की। उन्होंने आरोप लगाया कि पूर्व राष्ट्रपति देश को पीछे ले जाना चाहते हैं।
डेलावेयर के विलमिंगटन में अपनी प्रचार टीम को संबोधित करते हुए कमला (59) ने कहा कि ट्रंप का विवादित प्रोजेक्ट 2025 ‘‘मध्यम वर्ग को कमजोर करेगा और हमें एक बार फिर उन विफल नीतियों की ओर ले जाएगा, जिनके तहत अरबपतियों और बड़ी कंपनियों को करों में भारी छूट दी गई और कामकाजी लोगों से इसकी भरपाई करवाई गई।’’
राष्ट्रपति जो बाइडन (81) के गत राष्ट्रपति पद की दौड़ से बाहर होने की अचानक घोषणा कर सबको चौंका दिया था। उन्होंने डेमोक्रेटिक पार्टी की तरफ से राष्ट्रपति पद की उम्मीदवारी के लिए भारतीय-अफ्रीकी मूल की कमला (59) के नाम की सिफारिश की थी। इसके अगले दिन बाइडन की प्रचार अभियान टीम का नाम बदलकर ‘हैरिस कैंपेन’ कर दिया गया था। कमला ने प्रचार टीम के सदस्यों से कहा कि वह ‘बाइडन-हैरिस कैंपेन टीम’ को बरकरार रख रही हैं।
ट्रंप पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा, ‘‘डोनाल्ड ट्रंप हमारे देश को उस दौर में ले जाना चाहते हैं, जब कई अमेरिकियों को पूर्ण स्वतंत्रता और अधिकार हासिल नहीं थे। लेकिन हम एक उज्जवल भविष्य में यकीन करते हैं, जिसमें सभी अमेरिकियों के लिए जगह है। हम एक ऐसे भविष्य में यकीन करते हैं, जहां हर व्यक्ति के पास न केवल आजीविका जुटाने का, बल्कि आगे बढ़ने का भी मौका हो।’’
कमला ने कहा, ‘‘हम ऐसे भविष्य में यकीन करते हैं, जहां किसी भी बच्चे को गरीबी में न पलना-बढ़ना पड़े, जहां हर व्यक्ति घर खरीद सके, परिवार बढ़ा सके और धन अर्जित कर सके, जहां हर व्यक्ति को सवैतनिक पारिवारिक अवकाश और बच्चों की किफायती देखभाल की सुविधा मिले। हम ऐसा ही भविष्य चाहते हैं।’’
उन्होंने कहा, ‘‘हम साथ मिलकर एक ऐसे राष्ट्र का निर्माण करने के लिए संघर्ष कर रहे हैं, जहां हर व्यक्ति को किफायती स्वास्थ्य देखभाल मिले, जहां हर कर्मचारी को उचित वेतन मिले, और जहां हर वरिष्ठ नागरिक सम्मान के साथ सेवानिवृत्त हो सके। ये सब मेरे राष्ट्रपति कार्यकाल के अहम लक्ष्य होंगे, क्योंकि हम जानते हैं कि हमारा मध्यम वर्ग मजबूत होगा, तो अमेरिका मजबूत होगा।’’
कमला ने आरोप लगाया कि यह वह भविष्य नहीं है, जिसके लिए डोनाल्ड ट्रंप लड़ रहे हैं। उपराष्ट्रपति ने कहा, ‘‘ट्रंप और उनका विवादित ‘प्रोजेक्ट-2025’ मध्यम वर्ग को कमजोर कर देगा। यह हमें उन विफल नीतियों की ओर वापस ले जाएगा, जिनके तहत अरबपतियों और बड़ी कंपनियों को भारी कर छूट दी गई और कामकाजी वर्ग से इसकी भरपाई करवाई गई।’’
कमला ने याद दिलाया कि उपराष्ट्रपति बनने या सीनेट के लिए चुने जाने से पहले वह कैलिफोर्निया की अटॉर्नी जनरल थीं। उन्होंने लंबे समय तक वकालत भी की। कमला ने कहा, ‘‘उन भूमिकाओं में मैंने सभी तरह के अपराधियों के खिलाफ कानूनी लड़ाई लड़ी, इनमें महिलाओं के साथ दुर्व्यवहार करने वाले, उपभोक्ताओं के साथ धोखाधड़ी करने वाले, व्यक्तिगत लाभ के लिए नियम तोड़ने वाले शामिल हैं। इसलिए, जब मैं कहती हूं कि मुझे पता है कि डोनाल्ड ट्रंप किस तरह के हैं, तो मेरी बात पर गौर किया करें।’’
उपराष्ट्रपति ने कहा, ‘‘प्रचार अभियान के दौरान मैं गर्व से ट्रंप के खिलाफ अपना रिकॉर्ड रखूंगी। एक युवा अभियोजक के रूप में जब मैं कैलिफोर्निया के अल्मेडा काउंटी जिला अटॉर्नी के कार्यालय में थी, तो मैंने यौन शोषण से जुड़े मामलों में विशेषज्ञता हासिल की। डोनाल्ड ट्रंप को एक ज्यूरी ने यौन शोषण के मामले में दोषी पाया था।’’
कमला ने 2021 में अमेरिका की पहली महिला, पहली अश्वेत और पहली दक्षिण एशियाई उपराष्ट्रपति बनकर इतिहास रचा था। राष्ट्रपति पद की उम्मीदवारी के लिए उन्होंने पूर्व राष्ट्रपति बिल क्लिंटन का समर्थन हासिल कर लिया है। इससे पार्टी सम्मेलन के दौरान उनके आवश्यक प्रतिनिधियों का समर्थन जीतने की संभावनाएं बढ़ गई हैं।
वेंस ने अपनी शुरुआती चुनावी रैलियों में कमला हैरिस पर तीखे हमले किए
रिपब्लिकन पार्टी की ओर से उपराष्ट्रपति पद के उम्मीदवार जे डी वेंस ने अपनी शुरुआती चुनावी रैलियों में मौजूदा उपराष्ट्रपति कमला हैरिस पर तीखे हमले किए।
इससे एक दिन पहले राष्ट्रपति जो बाइडन ने डेमोक्रेटिक पार्टी की ओर से राष्ट्रपति पद की चुनावी दौड़ से हटने की घोषणा की और इस पद के लिए उपराष्ट्रपति हैरिस के नाम का अनुमोदन किया था। ओहायो के सीनेटर ने वर्जीनिया के रेडफोर्ड में शाम को एक रैली को संबोधित करने से पहले मिडलटाउन में अपने पूर्व हाई स्कूल में प्रचार किया।
वेंस ने वर्जीनिया में कहा, ‘‘इतिहास जो बाइडन को मैदान छोड़ने वाले व्यक्ति के साथ ही अमेरिका के इतिहास में सबसे खराब राष्ट्रपतियों में से एक के रूप में याद रखेगा। लेकिन मेरे दोस्तों, कमला हैरिस उनसे भी लाख गुना बदतर हैं और यह बात हर कोई जानता है। उन्होंने जो बाइडन की हर विफलता पर मुहर लगायी है और उन्होंने राष्ट्रपति के रूप में काम करने की उनकी (बाइडन) मानसिक क्षमता के बारे में झूठ बोला है।’’
वेंस (39) ने अपनी और हैरिस की जीवनशैली की भी तुलना की। उन्होंने कहा कि वह मरीन कोर में सेवा दे रहे थे और छोटा-सा कारोबार चला रहे थे जबकि हैरिस ‘‘पिछले 20 साल से सरकारी तनख्वाह पा रही हैं।’’ ट्रंप और वेंस ने शनिवार को ‘फॉक्स न्यूज’ को संयुक्त साक्षात्कार दिया था जिसका प्रसारण वेंस की रैलियों के बाद सोमवार शाम को किया गया।
हम किसी उम्मीदवार के खिलाफ नहीं हैं : विवेक रामास्वामी
रिपब्लिकन नेता विवेक रामास्वामी ने कहा है कि देश एक उम्मीदवार के खिलाफ नहीं बल्कि एक अनिर्वाचित प्रबंधक वर्ग रूपी मशीन के खिलाफ चुनाव लड़ रहा है। रामास्वामी ने पूर्व में कहा था कि नवंबर में होने जा रहे चुनाव के लिए राष्ट्रपति जो. बाइडन डेमोक्रेटिक पार्टी की ओर से राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार नहीं होंगे।
भारतीय-अमेरिकी व्यवसायी से राजनेता बने रामास्वामी ने कहा कि पांच नवंबर को चुनावों के लिए सत्ताधारी डेमोक्रेटिक पार्टी के संभावित उम्मीदवार के रूप में मौजूदा राष्ट्रपति जो बाइडन की जगह एकदम से उपराष्ट्रपति कमला हैरिस को लाने से कई सवाल उठते हैं।
रामास्वामी ने विभिन्न सोशल मीडिया मंच पर पोस्ट किए गए 15 मिनट के वीडियो में कहा, ‘‘हम वास्तव में यहां किसी उम्मीदवार के खिलाफ नहीं लड़ रहे हैं। हम एक मशीन के खिलाफ लड़ रहे हैं। यह इस बात की गहरी समझ है कि क्या हो रहा है, जिसके लिए उन चीजों को अस्वीकार करना आवश्यक है जो आप अन्यथा सोच सकते हैं।’।’’
पिछले नवंबर माह में रिपब्लिकन राष्ट्रपति पद की बहस के दौरान 38 वर्षीय रामास्वामी ने भविष्यवाणी की थी कि बाइडन डेमोक्रेटिक राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार नहीं होंगे, उस समय मुख्यधारा की अधिकतर मीडिया ने इस दावे को ‘षड्यंत्र सिद्धांत’ के रूप में खारिज कर दिया था।
बाइडेन ने राष्ट्रपति पद की दौड़ से पीछे हटने की घोषणा करते हुए सभी को चौंका दिया और उन्होंने उपराष्ट्रपति कमला हैरिस का समर्थन किया है, जो फिलहाल इस दौड़ में डेमोक्रेटिक पार्टी की एकमात्र नेता हैं।
जनवरी में अपने रिपब्लिकन राष्ट्रपति अभियान को निलंबित कर पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का समर्थन करने वाले रामास्वामी ने कहा कि आज डोनाल्ड ट्रंप या रिपब्लिकन पार्टी जो कुछ भी कहती है, उससे डेमोक्रेट्स सहमत नहीं हो सकते हैं, और यह ठीक है। कोई भी दो अमेरिकी 100 प्रतिशत नीतियों पर सहमत नहीं होते हैं।
रामास्वामी ने आरोप लगाया कि डेमोक्रेट एक पार्टी है और यह उनका एक अभियान है जिसने पूर्व राष्ट्रपति ट्रंप को पद से बाहर रखने को अपने अस्तित्व का मुख्य कारण बना लिया है। ‘‘उन्होंने कानून व्यवस्था के भीतर और कानून के बाहर जाकर भी उन्हें रोकने की हरसंभव कोशिश की है।’’ उन्होंने कहा कि उन्हें मतपत्र से दूर रखने के उनके सभी प्रयास न केवल विफल हो गए, बल्कि उलटा असर भी हुआ, जिससे ट्रंप और रिपब्लिकन पार्टी और अधिक लोकप्रिय हो गई।