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आरक्षण विरोधी आंदोलन के कारण भारत-बांग्लादेश सीमा पर बीएसएफ के जवान हाई अलर्ट पर

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अगरतला
बांग्लादेश में गंभीर स्थिति को देखते हुए सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के जवान हाई अलर्ट पर हैं। बीएसएफ के त्रिपुरा फ्रंटियर महानिरीक्षक (आईजी) पटेल पीयूष पुरुषोत्तम दास ने कहा कि पड़ोसी देश में आरक्षण विरोधी आंदोलन के कारण सीमा पर कानून-व्यवस्था की स्थिति को लेकर चुनौतियां हैं। आईजी ने मीडिया से कहा, "त्रिपुरा में 856 किलोमीटर की सीमा पर सुरक्षा चुनौतियां भी हैं क्योंकि राज्य लगभग पूरी तरह से बांग्लादेश से घिरा हुआ है। इस समय प्रमुख चिंताओं में से एक वहां पढ़ रहे भारतीय छात्रों की सुरक्षित वापसी की है।" उन्होंने आगे कहा, "वरिष्ठ बीएसएफ कमांडर सीमा पर वर्तमान स्थिति पर कड़ी नजर रख रहे हैं। उच्चतम सतर्कता बनाए रखने के लिए अतिरिक्त बीएसएफ के जवानों को भी तैनात किया गया है। हमारे पड़ोसी देश में अशांति के कारण उत्पन्न होने वाली किसी भी स्थिति से निपटने के लिए जवान हाई अलर्ट पर हैं।"

एक वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी ने कहा कि बांग्लादेश में करीब आठ हजार भारतीय छात्र हैं। उनमें से ज्यादातर कोमिल्ला, ब्राह्मणबरिया और ढाका के मेडिकल कॉलेजों में पढ़ते हैं। विभिन्न भारतीय राज्यों के 365 छात्र शनिवार शाम तक चार चेक पोस्टों से त्रिपुरा में प्रवेश कर चुके हैं। बीएसएफ आईजी ने बताया कि बल ने छात्रों के सुरक्षित आगमन के लिए इन जांच चौकियों और आईसीपी पर सभी व्यवस्थाएं की हैं। छात्रों को जलपान, भोजन के पैकेट, परिवहन और चिकित्सा सहायता उपलब्ध कराई गई है। बॉर्डर गार्ड बांग्लादेश (बीजीबी) ने छात्रों को भारत में प्रवेश दिलाने में काफी मदद की है। बीएसएफ अधिकारियों ने स्थानीय प्रशासन और अन्य एजेंसियों के साथ समन्वय बनाए रखा है, ताकि पूरी प्रक्रिया बिना किसी गड़बड़ी के पूरी हो सके।

बीएसएफ आईजी ने कहा, "मैंने अपने अधिकारियों को स्पष्ट आदेश दिए हैं कि वे चेक पोस्टों/आईसीपी के माध्यम से इन छात्रों के आगमन की व्यक्तिगत निगरानी करें ताकि उन्हें किसी असुविधा का सामना न करना पड़े।" उन्होंने कहा कि बीएसएफ बीजीबी का बहुत आभारी है। बीजीबी ने अगरतला सीमा से लगभग 40 किलोमीटर दूर ब्राह्मणबारिया मेडिकल कॉलेज में पढ़ रहे लगभग 36 फंसे हुए छात्रों के लिए अगरतला सीमा तक परिवहन और सुरक्षित मार्ग प्रदान करके छात्रों की मदद की है। यह बीएसएफ और बीजीबी के बीच सहयोग और अच्छे संबंधों का प्रमाण है।

बीएसएफ अधिकारी ने कहा कि उन्हें आने वाले दिनों में और अधिक छात्रों के सीमा पर आने की उम्मीद है। बीएसएफ उन्हें सभी प्रकार की सहायता देने और उनकी सुरक्षित घर वापसी सुनिश्चित करने के लिए पूरी तरह तैयार है। उन्होंने कहा, "हम स्थिति से पूरी तरह अवगत हैं। सुरक्षा बढ़ा दी गई है ताकि मौजूदा स्थिति का फायदा उठाकर सीमा पार से आपराधिक तत्व न घुस सकें।" विदेश मंत्रालय ने कहा कि ढाका स्थित उच्चायोग तथा चटगांव, राजशाही, सिलहट और खुलना स्थित सहायक उच्चायोग भारतीय नागरिकों की किसी भी सहायता के लिए हेल्पलाइन नंबरों पर उपलब्ध हैं। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने दिल्ली में कहा कि बांग्लादेश में आठ हजार 500 छात्रों समेत करीब 15 हजार भारतीय नागरिक रहते हैं। विदेश मंत्री एस. जयशंकर स्थिति पर नजर रख रहे हैं।

बता दें कि सरकारी नौकरियों के लिए कोटा सिस्टम में सुधार की मांग कर रहे छात्रों के विरोध प्रदर्शन के बाद बांग्लादेश में हिंसा भड़क उठी थी। प्रदर्शनकारी छात्रों और पुलिस के बीच झड़पों में अब तक कम से कम 133 लोग मारे गए हैं।

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