Home राष्ट्रीय उत्तराखंड के होटल और रेस्टोरेंट के बाहर अब लिखना होगा मालिक का...

उत्तराखंड के होटल और रेस्टोरेंट के बाहर अब लिखना होगा मालिक का नाम

6

हरिद्वार
उत्तर प्रदेश की तरह अब उत्तराखंड में भी कांवड़ यात्रा मार्ग पर स्थित रेस्टोरेंट और होटलोंं के मालिकों को अपने नाम के साथ बोर्ड लगाना होगा। हरिद्वार पुलिस ने कांवड़ यात्रा मार्ग पर पड़ने वाले सभी होटल, ढाबों और रेस्टोरेंट मालिकों से इस आदेश का पालन करने को कहा है।

हरिद्वार के एसएसपी प्रमेंद्र डोबाल ने बताया, "कांवड़ की तैयारियों के संबंध में जो होटल, ढाबे, रेस्तरां और कांवड़ मार्ग पर जो रेड़ी-पटरी वाले हैं उन्हें हमारे द्वारा सामान्य निर्देश दिया गया है कि वे अपनी दुकानों पर मालिक का नाम लिखेंगे और ऐसा न करने पर उनके खिलाफ हम कानूनी कार्रवाई करेंगे… कई बार इसके कारण विवाद की स्थिति उतपन्न होती है, इसलिए हमारे द्वारा यह निर्णय लिया गया है।"

कांवड़ मेले को लेकर अलर्ट रहें अफसर : डोबाल  

 कांवड़ मेले की तैयारियों को लेकर एसएसपी प्रमेंद्र डोबाल ने गुरुवार को जिले के राजपत्रित अधिकारियों के साथ बैठक की। इसमें अधिकारियों को दिए गए अलग-अलग टास्क की समीक्षा की। एसएसपी ने स्पष्ट किया कि हर छोटी से छोटी जिम्मेदारी को लेकर अलर्ट रहें। अधीनस्थों से समन्वय बनाएं और लगातार अपडेट लेकर आवश्यक निर्देश देते रहें। किसी भी स्तर पर लापवारही नहीं चलेगी।

एसएसपी ने कहा कि हाईवे पर स्थित होटल, ढाबों व अन्य खाने-पीने की दुकानों का निरीक्षण कर रेट लिस्ट लगवाएं। हाइवे पर लगने वाले भंडारों की सूची, भंडारा स्थल की क्षमता, वाहन पार्किंग की व्यवस्था और बिजली आपूर्ति को लेकर आवश्यक प्रक्रिया पूरी की जाए। प्रत्येक ड्यूटी प्वाइंट पर लगने वाले पुलिस बल की संख्या की सूचना और जिन सामान, उपकरणों और संसाधनों की आवश्यकता है, उसकी पूर्ति की जाए।

इसके साथ ही थानों में ड्रोन की उपलब्धता, ड्रोन संचालक के नाम व मोबाईल नम्बर की सूची तैयार रहे। कांवड़ मेला क्षेत्र में कहां-कहां बडे फायर टेंडर लगेंगे, छोटे फायर टेंडर कहा-कहां लगे, उन जगहों को चिन्हित करें। बैरागी कैम्प में कितने छोटे फायर टेंडर लगेंगे। उनकी सूची, कहां-कहां पर फायर पुलिस बल की ड्यूटी लगेगी, छोटे फायर टेंडर कितने लगाए जाएं। इस संबंध में जल्द कार्यवाही पूरी करें। मेला ड्यूटी के लिए गैर जनपद व पैरामिल्ट्री फोर्स की रहने और खाने की व्यवस्था पर भी एसएसपी ने जानकारी ली। उन्होंने कहा कि बरसात के मौसम को देखते हुए सभी कर्मचारियों को बरसाती, छाता इत्यादि दे दिया जाए।  

उत्तर प्रदेश में भी हरिद्वार जैसा आदेश

बता दें कि, इससे पहले उत्तर प्रदेश के सहारनपुर में कांवड़ यात्रा पर डीआईजी अजय कुमार साहनी ने कहा था कि सारे कांवड़ मार्ग पर पुलिस द्वारा लगातार गश्त की जा रही है। कांवड़ समितियों, होटल-ढाबों वालों से बातचीत की जा रही है और यह निर्धारित किया जा रहा है कि जितने होटल-ढाबे हैं, सभी साफ-सफाई रखें, रेट लिस्ट लगाएं…होटल-ढाबे मालिकों का नाम लिखा जाए…सभी को इस बारे में बताया गया है और सभी लोग इससे सहमत हैं। अनिवार्य रूप से सभी को यह करना है…कांवड़ के शिविरों की पर्याप्त व्यवस्था की गई है।

आदेश पर विपक्ष के विरोध की विहिप ने की आलोचना

न्यूज एजेंसी भाषा की रिपोर्ट के अनुसार, मुजफ्फरनगर में कांवड़ यात्रा मार्ग पर स्थित होटल, ढाबों और रेस्टोरेंट  संचालकों से उनके मालिकों के नाम लिखने के उत्तर प्रदेश पुलिस के आदेश पर विपक्षी दलों की आपत्ति जताई है। हालांकि, विश्व हिंदू परिषद (विहिप) ने उनकी आलोचना की और कहा कि हिंदुओं की आस्था की रक्षा के लिए यह आवश्यक है।

विहिप की यह प्रतिक्रिया तब आई जब कांग्रेस ने मुजफ्फरनगर पुलिस के आदेश की आलोचना करते हुए इसे “भारत की संस्कृति पर हमला” बताया और आरोप लगाया कि इस तरह के आदेश के पीछे की मंशा ‘मुसलमानों के आर्थिक बहिष्कार का सामान्यीकरण करने’ का प्रयास है।

ओवैसी ने आदेश को बताया भेदभावपूर्ण

ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने इस आदेश को स्पष्ट रूप से ‘भेदभावपूर्ण’ करार दिया और आरोप लगाया कि यह दर्शाता है कि सरकार उत्तर प्रदेश और पूरे देश में मुसलमानों को ‘दूसरे दर्जे’ का नागरिक बनाना चाहती है।

समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने इस आदेश को “सामाजिक अपराध” करार दिया और अदालतों से मामले का स्वतः संज्ञान लेने को कहा है।

इस पर पलटवार करते हुए विहिप के राष्ट्रीय प्रवक्ता विनोद बंसल ने कहा, “मैं उत्तर प्रदेश सरकार और पुलिस को ‘साधुवाद’ देना चाहता हूं, जिसने लोगों (होटल-ढाबा मालिकों) को अपना नाम और पहचान बताने के लिए मजबूर किया। यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि कुछ विपक्षी दल भक्तों को गुमराह करने वालों को बचाने की कोशिश कर रहे हैं।”

उन्होंने कहा कि इस तरह का आदेश “हिंदू समाज और उसकी आस्था की रक्षा के लिए बहुत जरूरी है” क्योंकि ऐसी घटनाएं हुई हैं जब “कुछ लोगों” ने ग्राहकों को खाद्य पदार्थ बेचने से पहले उसमें थूक दिया। उन्होंने विपक्षी दलों से ऐसे लोगों का साथ न देने का आग्रह किया।

विहिप प्रवक्ता ने कहा कि अगर दुकानदार अपनी पहचान और नाम बताकर कारोबार करेंगे तो किसी को कोई आपत्ति नहीं होगी। उन्होंने पूछा, “आप (दुकानदार) अपनी पहचान छिपाकर क्या करना चाहते हैं?”

मुजफ्फरनगर पुलिस ने कांवड़ यात्रा मार्ग पर स्थित सभी भोजनालयों को अपने मालिकों के नाम प्रदर्शित करने का आदेश दिया है, ताकि ‘भ्रम की स्थिति’ से बचा जा सके।

इससे कुछ दिन पहले विश्व हिंदू परिषद ने दावा किया था कि मुसलमान अपनी पहचान छिपाकर विभिन्न हिंदू तीर्थ स्थलों पर पूजा सामग्री बेच रहे हैं। साथ ही, उसने सभी राज्य सरकारों से आग्रह किया था कि वे मुसलमानों को ऐसी दुकानें चलाने से रोकने के लिए प्रभावी कदम उठाएं, ताकि “हिंदुओं की आस्था को ठेस न पहुंचे”।

 

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here