Home अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष में खोजा गया अनोखा ग्रह, बृहस्पति से चार गुना बड़ा… ...

अंतरिक्ष में खोजा गया अनोखा ग्रह, बृहस्पति से चार गुना बड़ा… वैज्ञानिक भी देखकर हुए हैरान

8

वॉशिंगटन
 खगोलविदों ने एक अनोखे ग्रह का पता लगाया है जो अजीबोगरीब तरीके से अपने सूर्य का चक्कर लगा रहा है। यह अंडाकार तरीके से तारे का चक्कर लगा रहा है। जिसमें यह कभी अपने तारे के बेहद करीब तो कभी बेहद दूर होता है। इस कारण यहां तापमान में बड़ा परिवर्तन देखने को मिलता है। यहां कभी तापमान बेहद ठंडा तो कभी बेहद गर्म होता है। वैज्ञानिक मान रहे हैं कि यहां एक अलग तरह की दुनिया देखने को मिल सकती है। इस ग्रह का नाम TIC 241249530 b हैं।

यह एक्सोप्लैनेट पृथ्वी से लगभग 1100 प्रकाश वर्ष दूर एक तारे की परिक्रमा कर रहा है। तारा एक बाइनरी युग्म में से एक हैं। इसलिए ग्रह प्राथमिक तारे की परिक्रमा करता है। जबकि प्राथमिक तारा दूसरे तारे की परिक्रमा करता है। नेचर जर्नल में बुधवार को एक अध्ययन प्रकाशित किया गया। इसमें शोधकर्ताओं ने बताया कि दो सितारों से संबंध होने के कारण यह ग्रह 'गर्म बृहस्पति' बन सकता है। खगोलविदों को 5600 से अधिक एक्सोप्लैनेट मिल चुके हैं और उनमें से 300 से 500 'गर्म बृहस्पति' हैं।

अपने तारे के करीब आता है ग्रह

इन ग्रहों को गर्म बृहस्पति इसलिए कहा जाता है क्योंकि ये बृहस्पति जैसा विशाल गैसीय पिंड हैं। अपने सितारों की यह करीबी से परिक्रमा करते हैं, जो उन्हें झुलसाने वाले तापमान तक गर्म करता है। हमारे सौर मंडल के बृहस्पति को सूर्य के चारों ओर एक परिक्रमा करने में पृथ्वी के 4000 दिन लगते हैं। वहीं गर्म बृहस्पति हर कुछ दिनों में अपने सितारे की एक कक्षा पूरी करता है। वैज्ञानिकों का मानना है कि बड़े ग्रह दूर से अपने तारे की परिक्रमा शुरू करते हैं, लेकिन समय के साथ नजदीक आ जाते हैं। वैज्ञानिक सवाल कर रहे हैं कि इतने विशाल ग्रह अपने सितारे के इतने करीब कैसे आ जाते हैं, जो बुध और हमारे सूर्य के बीच की दूरी से भी कम है।

बृहस्पति से पांच गुना बड़ा ग्रह

नासा की एक्सोप्लैनेट खोजने वाली सैटेलाइट TESS ने 2020 में इसे खोजा था। 12 जनवरी 2020 को TESS ने डेटा इकट्ठा किया, जिससे पता चला कि मेजबान तारे TIC 241249530 के सामने से कुछ गुजरा था। TESS तारों की रोशनी में गिरावट का पता लगाता है। यह एक्सोप्लैनेट की उपस्थिति का संकेत देता है। रेडियल वेलॉसिटी डेटा ने भी ग्रह की मौजूदगी की पुष्टि की और शोधकर्ताओं को पता चला कि यब बृहस्पति से लगभग पांच गुना अधिक विशाल था।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here