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मुकेश अंबानी के छोटे बेटे अनंत अंबानी की शादी में शामिल हुए दो शंकराचार्यों को लेकर विवाद खड़ा हो गया

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नई दिल्ली
रिलायंस इंडस्ट्री के मालिक मुकेश अंबानी के छोटे बेटे अनंत अंबानी की शादी में शामिल हुए दो शंकराचार्यों को लेकर विवाद खड़ा हो गया है। जूना अखाड़ा के महंत नारायण गिरी ने शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि शंकराचार्य कभी भी किसी उद्योगपति की शादी में नहीं जाते हैं। महंत नारायण गिरी ने शंकराचार्य के उस बयान का खंडन किया है जिसमें उन्होंने कहा था कि उद्धव ठाकरे के साथ विश्वासघात हुआ है। उन्होंने कहा कि शंकराचार्य कभी भी उद्योगपतियों की शादी में नहीं जाते। उन्होंने कहा, "सच तो यह है कि उद्धव ठाकरे ने हिंदू समुदाय के साथ विश्वासघात किया है।" उन्होंने कहा कि जीत या हार का फैसला करने वाले हम कौन होते हैं? हमारा काम पूजा-पाठ करना है। किसी को भी यह नहीं सोचना चाहिए कि वह राष्ट्र, धर्म और समाज से ऊपर है।"

दरअसल, शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद अनंत अंबानी की शादी में शामिल हुए थे। इसके बाद वह शिवसेना यूबीटी के नेता उद्धव ठाकरे के घर पहुंचे। वहां उन्होंने पूजा और अनुष्ठान किया। ठाकरे से मुंबई के बांद्रा स्थित उनके आवास ‘मातोश्री' में मुलाकात के बाद स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने कहा, ‘‘उद्धव ठाकरे के साथ विश्वासघात हुआ है और कई लोग इससे आक्रोशित हैं। मैं उनके आग्रह पर उनसे मिला और कहा कि जनता को हुई पीड़ा उनके दोबारा मुख्यमंत्री बनने तक कम नहीं होगी।'' उन्होंने कहा, ‘‘उन्होंने (ठाकरे ने) कहा कि वह हमारे आशीर्वाद के साथ जो भी जरूरत होगी, करेंगे।''

शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद ने कहा कि विश्वासघात सबसे बड़ा पाप है। ज्योतिष पीठ के शंकराचार्य ने कहा, ‘‘जो विश्वासघात करता है वह हिंदू नहीं हो सकता है। जो विश्वासघात सहता है, वह हिंदू है।'' उन्होंने कहा, ‘‘महाराष्ट्र की पूरी जनता विश्वासघात से आक्रोशित है और यह हाल के (लोकसभा) चुनाव में प्रतिबिंबित भी हुआ।'' उन्होंने कहा, ‘‘हमारा राजनीति से कोई लेना देना नहीं है लेकिन हम विश्वासघात के बारे में बात कर रहे हैं जो धर्म के अनुसार पाप है।'' उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी द्वारा 10 जुलाई को दिल्ली में केदारनाथ मंदिर की आधारशिला रखने के सवाल पर शंकराचार्य ने कहा, ‘‘जब केदारनाथ का पता हिमालय है तो कैसे यह दिल्ली में हो सकता है? आप लोगों को क्यों भ्रमित कर रहे हैं।'' शंकराचार्य ने मातोश्री में आयोजित एक पूजा समारोह में भी हिस्सा लिया।

इससे पहले उन्होंने कहा, ‘‘हां, प्रधानमंत्री मोदी मेरे पास आए और प्रणाम किया। हमारा नियम है कि जो भी हमारे पास आएगा, हम उसे आशीर्वाद देंगे। नरेन्द्र मोदी जी हमारे शत्रु नहीं हैं। हम उनके शुभचिंतक हैं और हमेशा उनके भले की बात करते हैं। अगर वह कोई गलती करते हैं, तो हम उन्हें वह भी बताते हैं। वह हमारे शत्रु नहीं हैं।''

 

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