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फ्रांस में चुनाव के बाद भारी हिंसा, मुस्लिम विरोधी पार्टी की हार के बाद सड़कों पर प्रदर्शनकारी

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पेरिस
फ्रांस के आम चुनावों में वामपंथी गठबंधन की जीत हुई है। वामपंथी गठबंधन की जीत के बाद फ्रांस में भीषण दंगे भड़क गए हैं और प्रदर्शनकारी सड़कों पर उतर आए हैं। यह प्रदर्शनकारी दंगे कर रहे हैं और पेट्रोल बम चला आगजनी कर रहे हैं। फ्रांस में इससे बचने के लिए भारी पुलिस बंदोबस्त किया गया है।

फ्रांस में वामपंथी गठबंधन की जीत अप्रत्याशित तरीके से हुई है। चुनाव से पहले लगातार यह माना जा रहा था कि इन चुनावों में दक्षिणपंथी गठबंधन की जीत होगी। दक्षिणपंथी गठबंधन की नेता मरीन ली पेन के प्रधानमंत्री बनने के आसार जताए जा रहे थे। लेकिन दूसरे चरण की वोटिंग के बाद पासा पलट गया और वामपथी गठबंधन सबसे अधिक सीटें लाने में सफल रहा।

देशभर में भेजी गई दंगा विरोधी पुलिस
वीडियो फुटेज में नकाबपोश प्रदर्शनकारियों को सड़कों पर आग जलाते और उपद्रव करते हुए देखा गया है। हिंसा को देखते हुए देश भर में दंगा पुलिस पुलिस को भेजा गया है। फॉक्स न्यूज की रिपोर्ट के अनुसार, फ्रांसीसी चुनाव के बाद आए एग्जिट पोल में वामपंथी गठबंधन की जीत की संभावना के बाद पेरिस में जश्न और हिंसा दोनों का माहौल बन गया। धुर-वामपंथी गठबंधन के अप्रत्याशित रूप से आगे निकलने की खबर पर हजारों लोग जश्न मनाने के लिए पेरिस के प्लेस डे ला रिपप्लिक में जमा हो गए। वहीं, इस खबर से सत्ता हासिल करने की उम्मीद कर रहे मरीन ले पेन की नेशनल रैली के समर्थन हैरान रह गए।

फ्रांस के इन चुनावों में वामपंथी गठबंधन ने 577 सीटों में से लगभग 182 सीटों पर जीत हासिल कर ली है। वहीं दूसरी तरफ फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुअल मैक्रों की रिनेसां पार्टी ने 163 सीटें जीती हैं। तीसरे नम्बर पर धुर दक्षिणपंथी गठबंधन है, जिसने 132 सीटें जीत ली है। अभी अंतिम परिणाम नहीं सामने आए हैं।

पुलिस ने किया आंसू गैस का इस्तेमाल
इस बीच फ्रांस के विभिन्न शहरों से हिंसा की खबरें आने लगीं। जगह-जगह पर प्रदर्शनकारियों की हिंसा के वीडियो सामने आए हैं। वहीं, दंगा विरोधी पुलिस भीड़ को नियंत्रित करने की कोशिश करती नजर आई। झड़पों के बीच कई जगह पर पुलिस ने आंसू गैस का इस्तेमाल किया है। ब्रिटिश टैबलायड द सन ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि यह पता नहीं चल पाया है कि बढ़ते तनाव के बीच सड़कों पर उतरे प्रदर्शनकारी किस दल के समर्थक है। इसके पहले यह आशंका जताई गई थी कि अगर दक्षिणपंथी जीत जाते हैं तो हिंसा भड़क सकती है।

अंतिम परिणामों के सामने आने से पहले ही फ्रांस में भीषण हिंसा का माहौल है। प्रदर्शकारियों ने चुनाव नतीजों के रुझानों के साथ फ्रांस की सड़कों पर कब्जा कर लिया है। फ्रांस की राजधानी पेरिस में प्रदर्शनकारियों ने सड़कों पर गाड़ियों को इकट्ठा करके आग लगा दी और पुलिस से भी भिड़ गए।

दंगाइयों ने पुलिस पर पत्थर भी फेंके। कहीं कहीं कूड़ेदानों में भी आग लगा दी गई। फ्रांस के शहर नान्तेस में भी दंगाइयों ने कहर बरपाया है। अभी यह नहीं साफ है कि दंगाई किस समूह के हैं। पुलिस उन पर कब्जा करने में जुटी हुई है। दंगाइयों ने पेरिस के महत्वपूर्ण स्थानों पर तोड़फोड़ भी की है।

फ्रांस में दंगों के इतिहास को देखते हुए पहले से ही इस हिंसा का अंदाजा लगाया जा रहा था। वामपंथियों के इस हिंसा करने की आशंका जताई जा रही थी। इसके लिए फ्रांस में 30,000 पुलिसकर्मी लगाए गए थे। पेरिस समेत बड़े शहरों में महंगी दुकानों में बैरिकेड लगा दिए गए थे ताकि दंगे के दौरान उन्हें लूट से बचाया जा सके।

कुछ दुकानों के शीशों पर लकड़ी तक ठोंक दी गई ताकि प्रदर्शनकारी यहाँ से ना घुसें। गौरतलब है कि वामपंथियों ने पहले चरण की वोटिंग पूरी होने के बाद फ्रांस में कसके दंगे किए थे। 30 जून, 2024 को इन दंगाइयों ने फ़्रांस में कसके कहर बरपाया था।

वामपंथियों ने पहले चरण के चुनाव में दक्षिणपंथियो की बढ़त के बाद सार्वजनिक सम्पत्ति को जलाया था और पुलिस पर हमले किए थे। दूसरे चरण के बाद हिंसा किस समूह ने की है, यह स्पष्ट नहीं हो सका है। चुनाव नतीजों के बाद अब फ्रांस में वामपंथी प्रधानमंत्री बनने के कयास लगाए जा रहे हैं।

पहले से तीसरे स्थान पर पहुंची नेशनल रैली
इसके पूर्व हुए पहले दौर के मतदान में एक तिहाई वोट के साथ जीत हासिल करने के बाद नेशनल रैली से संसदीय चुनाव में जीत की उम्मीद की जा रही थी। लेकिन 7 जुलाई को हुए चुनाव के बाद एग्जिट पोल ने संकेत दिया कि न्यू पॉपुलर फ्रंट के बैनर तले वामपंथी दल 172 सीटें जीतेगा जबकि इमैनुएल मैक्रों की अगुवाई वाला एनसेंबल के 150 सीट जीतने का अनुमान लगाया गया। नेशनल रैली लगभग 132 के साथ तीसरे स्थान पर दिख रही थी।

 

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