अयोध्या
राम मंदिर परिसर में मंदिरों की संख्या बढ़ने से अब पुजारियों की संख्या भी बढ़ाई जा रही है। मंदिर की धार्मिक समिति के पुजारियों के प्रशिक्षण कार्यक्रम को पूरा कर अब 20 पुजारियों का बैच तैयार है जिनकी रविवार से विधिवत जॉइनिंग हो जाएगी। बताया गया कि इसी के साथ ही नए पुजारियों को 15 हजार रुपये तक का मानदेय भी मिलने लगेगा। मंदिर ट्रस्ट के कार्यालय प्रभारी प्रकाश गुप्ता ने बताया कि राम मंदिर परिसर मे रामलला मंदिर के अलावा 15 अन्य मंदिरों का भी निर्माण हो रहा है जिसमें भी पुजारियों की जरूरत पड़ेगी।
वहीं मंदिर के पुजारी संतोष तिवारी ने बताया कि सहायक स्थायी पुजारियों को इस समय 3,1960 रुपये मासिक वेतन मिल रहा है। वहीं प्रधान पुजारी का वेतन करीब 35 हजार रुपये के करीब है। जूनियर पुजारी हालांकि मंदिर में पूजा में सहयोग कर रहे हैं पर उनकी जाइनिंग रविवार से बताई गई है। प्रशिक्षित पुजारियों को प्रशिखण के दौरान 2 हजार रुपये मासिक मानदेय दिया जा रहा था। उनका प्रशिक्षण का कार्यकाल छह माह का रहा है। बताया गया कि पुजारियों के प्रशिक्षण का अगला बैच भी शुरू होगा ।
अब ड्रेस कोड में आना होगा पुजारियों को
संतोष तिवारी ने बताया कि मंदिर ट्रस्ट का निर्देश है कि पुजारियों को भगवा पगड़ी कुर्ता धोती व चौबंदी के ड्रेस में आना पड़ेगा। उन्होंने बताया कि यह ड्रेस कोड रविवार से लागू होगा। पुजारियों पर मोबाइल को गर्भ गृह में ले जाने पर रोक नहीं है पर वे फोन पर वार्ता गर्भ गृह से बाहर आकर ही कर सकेंगे। मोबाइल से फोटो खींचना भी मना है। अब पुजारी किसी से कोई दानराशि न लेकर उसे दान पात्र में डालने के लिए कहेंगे। प्रकाश गुप्ता ने बताया कि रामलला के मंदिर में मोबाइल प्रतिबंधित होने पर ट्रस्ट ने परिसर के पास पीएफसी के सामने दर्शन मार्ग के दोनों तरफ सेल्फी पॉइंट स्थापित किया है। सेल्फी पॉइंट को हूबहू गर्भगृह की तरह सजाया और संवारा गया है जहां श्रद्धालुओं की बड़ी संख्या रोजाना मोबाइल से सेल्फी ले रहे हैं। श्रद्धालुओं की मांग पर ट्रस्ट ने वैकल्पिक रास्ता निकाला है।
हुई थी पुरोहित कल्याण बोर्ड बनाने की घोषणा
उत्तर प्रदेश के बड़ी संख्या में मंदिर हैं. मंदिर के पुजारियों के पद छोड़ने पर उनके लिए कोई व्यवस्था नहीं रहती है. इसलिए योगी आदित्यनाथ की सरकार ने पहले पुरोहित कल्याण बोर्ड बनाने की घोषणा की थी. अब मुख्यमंत्री ने इसमें तेज़ी लाने के निर्देश दिए हैं. इसके लिए ग्राउंड वर्क कर लिया गया है. इसी के ज़रिए पुरोहित-अर्चकों की मदद की जाएगी. इस योजना में 'सनातन' से जुड़े सभी पंथों सिख, जैन आदि को भी शामिल किया जाएगा.
एक क्लिक में मिलेगी मंदिरों की जानकारी
उत्तर प्रदेश में पिछले कुछ समय से धार्मिक और आध्यात्मिक पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए कई योजनाएं शुरू की गयी हैं. राम मंदिर के लोकार्पण के बाद से यूपी में धार्मिक पर्यटन करने वालों की संख्या बहुत ज़्यादा बढ़ी है. इसके लिए अब सभी धर्मस्थलों और मंदिरों की जानकारी एक क्लिक में मिलेगी. इसके लिए सेंट्रलाइज्ड पोर्टल पर तेज़ी से काम चल रहा है. इसमें न सिर्फ़ प्रदेश के बड़े मंदिरों बल्कि हर ज़िले के प्रमुख मंदिरों की पौराणिक मान्यता, इतिहास और अन्य जानकरियां उपलब्ध करायी जाएंगी.
मंदिरों के जीर्णोद्धार की योजना
योगी सरकार की इस पहल पर विश्व पुरोहित परिषद ने भी खुशी जताई है. साथ ही, यह कहा है कि सनातन की रक्षा करने वाले पुरोहितों के हितों को देखना ज़रूरी है. उत्तर प्रदेश में धार्मिक और आध्यात्मिक पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए कई कदम उठाए गए हैं. 100 साल से ज़्यादा पुराने मंदिरों जीर्णोद्धार के लिए अलग से योजना तैयार की गयी है. अब पुरोहितों के लिए मानदेय और आर्थिक मदद की व्यवस्था कर सरकार एक नयी शुरुआत करने वाली है.