नई दिल्ली
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आधिकारिक रूसी दौरे का ऐलान हो गया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 8 और 9 जुलाई को रूस की दो दिवसीय यात्रा पर जाएंगे, जहां वह 22वें भारत-रूस वार्षिक शिखर सम्मेलन में भाग लेंगे जहां इन दोनों देशों के बीच बहुआयामी संबंधों की संपूर्ण समीक्षा की जाएगी। विदेश मंत्रालय ने बताया कि रूस की अपनी यात्रा समाप्त करने के बाद मोदी ऑस्ट्रिया जाएंगे, जो 41 वर्षों में किसी भारतीय प्रधानमंत्री की ऑस्ट्रिया की पहली यात्रा होगी। करीब पांच साल में मोदी की यह पहली रूस यात्रा होगी। रूस की उनकी पिछली यात्रा 2019 में हुई थी जब उन्होंने व्लादिवोस्तोक में एक आर्थिक सम्मेलन में शिरकत की थी।
मोदी की पुतिन के साथ आगामी वार्ता में कोई भी विषय अछूता नहीं होगा: क्रेमलिन
इससे पहले क्रेमलिन के प्रवक्ता दिमित्री पेस्कोव ने मंगलवार को कहा कि राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के बीच संबंधों की "अत्यंत भरोसेमंद प्रकृति" को देखते हुए, दोनों नेताओं के बीच यहां होने वाली मुलाकात में कोई भी विषय उनके लिए अछूता नहीं होगा। रूस की सरकारी समाचार एजेंसी टीएएसएस ने पेस्कोव के हवाले से बताया कि पुतिन और मोदी अपनी बैठक के दौरान क्षेत्रीय और वैश्विक सुरक्षा, व्यापार तथा एजेंडे के अन्य सभी विषयों पर चर्चा करेंगे।
पुतिन और मोदी के बीच वार्ता में किन विषयों पर चर्चा होगी, इस बारे में पूछे गए सवाल का जवाब देते हुए क्रेमलिन अधिकारी ने कहा, "हम (रूस और भारत) संयुक्त रूप से समन्वय प्रक्रियाओं में भाग लेते हैं, इसलिए क्षेत्रीय मामले, क्षेत्रीय सुरक्षा और वैश्विक सुरक्षा हमेशा एजेंडे में सबसे ऊपर रहता है। इसके अलावा, निश्चित रूप से, हमारा द्विपक्षीय व्यापार और आर्थिक संपर्क हमेशा एक केंद्र बिंदु होता है।" प्रधानमंत्री मोदी की यात्रा को "बहुत महत्वपूर्ण" बताते हुए अधिकारी ने कहा कि मॉस्को और नयी दिल्ली में विभिन्न क्षेत्रों में सहयोग विकसित करने की "पारस्परिक राजनीतिक इच्छाशक्ति" है। पेस्कोव ने कहा, "राष्ट्रपति पुतिन और प्रधानमंत्री मोदी के बीच संबंधों की बहुत भरोसेमंद प्रकृति को देखते हुए, हम उम्मीद कर सकते हैं कि एजेंडे में शामिल सभी मुद्दों पर विचारों का आदान-प्रदान होगा और मुद्दे कई हैं।"