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‘देश ने भ्रम के बजाय भरोसे की राजनीति को तरजीह दी’, प्रधानमंत्री के भाषण की बड़ी बातें

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नई दिल्ली
 राष्ट्रपति के अभिभाषण पर जवाब देते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने राज्यसभा में अपने संबोधन में कहा, 'कुछ लोग जानबूझकर जनादेश से अपना मुंह फेर कर बैठे रहे, कुछ लोगों को समझ नहीं आया और जिनको समझ आया उन्होंने हो-हल्ला कर देश की जनता के इस महत्वपूर्ण निर्णय पर छाया करने की कोशिश की। लेकिन मैं पिछले दो दिन से देख रहा हूं कि आखिर पराजय भी स्वीकार हो रही है और दबे मन से विजय भी स्वीकार हो रही है। 10 साल के बाद किसी एक सरकार की लगातार फिर से वापसी हुई है और मैं जानता हूं कि भारत के लोकतंत्र में 6 दशक बाद हुई, ये घटना असामान्य है।'

हमारे 10 साल हुए अभी 20 साल बाकी
प्रधानमंत्री ने कहा, 'कांग्रेस के कुछ साथियों को धन्यवाद करना चाहता हूं, क्योंकि जब से नतीजे आए, तब से कांग्रेस के एक साथी को मैं देख रहा था, हालांकि उनकी पार्टी ही उनको समर्थन नहीं कर रही थी, लेकिन वे अकेले ही झंडा लेकर दौड़ रह थे। ऐसा मैं क्यों कह रहा हूं, क्योंकि जिन्होंने ये बार-बार ढोल पीटा था कि ये एक तिहाई सरकार है, उनके मुंह में घी शक्कर। इससे बड़ा सत्य और क्या हो सकता है। हमारे 10 हुए हैं, 20 और बाकी हैं। अभी एक तिहाई हुआ कार्यकाल हुआ है और दो तिहाई बाकी है। इसलिए उनकी इस भविष्यवाणी के लिए उनके मुंह में घी शक्कर।

'जनता ने प्रोपेगैंडा को खारिज किया'
अपने संबोधन के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि 'संविधान हमारे लिए सिर्फ संविधान के अनुच्छेद भर नहीं हैं बल्कि इसकी भावना भी हमारे लिए अहम है। किसी भी परिस्थिति में संविधान हमारा मार्गदर्शन करता है। मैंने जब लोकसभा में हमारी सरकार की तरफ से कहा था कि हम 26 नवंबर को संविधान दिवस के रूप में मनाएंगे, तो मैं हैरान हूं कि जो लोग आज संविधान को लेकर घूमते हैं, उन्होंने उसका विरोध किया था। संविधान हमारी सबसे बड़ी प्रेरणा है। अब जब हम 75वें वर्ष में प्रवेश कर रहे हैं तो हमने इसे जन उत्सव के रूप में मनाने का फैसला किया है।'

'देश की जनता ने हमें जो तीसरी बार अवसर दिया है, वो अवसर विकसित भारत, आत्मनिर्भर भारत की यात्रा को मजबूती देने के लिए, संकल्प को सिद्धि तक ले जाने के लिए देश को करोड़ों लोगों ने हमें आशीर्वाद दिया। ये चुनाव 10 वर्षों की सिद्धि पर तो मुहर है ही, साथ ही भविष्य के संकल्पों पर भी मुहर है। देश की जनता का भरोसा हम पर है और इसी भरोसे पर जनता ने हमें फिर से मौका दिया है। देश ने पिछले 10 वर्षों में हमारे देश की अर्थव्यवस्था को दसवें नंबर से पांचवें नबर पर पहुंचते देखा है। देश की जनता ने प्रोपेगैंडा को खारिज कर परफॉर्मेंस को तरजीह दी है। इस बार देश की जनता ने हमें पांचवे नंबर से तीसरे नंबर पर पहुंचाने का जनादेश दिया है और हम इस संकल्प को पूरा करके रहेंगे।'

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर राज्यसभा में संबोधन दिया। इस दौरान उन्होंने कांग्रेस समेत अन्य विपक्षी दलों पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने कांग्रेस नेता जयराम रमेश पर भी तंज कसा। दरअसल, लोकसभा चुनाव के नतीजों में भाजपा को बहुमत नहीं मिला। इसके बाद से ही वे इस सरकार को एक तिहाई सरकार कह रहे थे। इस पर पीएम मोदी ने कहा कि हमें सत्ता में 10 साल तो हो गए और आपके हिसाब से अभी 20 साल बाकी हैं। आपके मुंह में घी-शक्कर।

जानिए पीएम मोदी ने क्या कहा?
पीएम मोदी ने कहा कि पिछले दो दिन से देख रहा हूं कि आखिर तक पराजय भी स्वीकार हो रही है और विजय भी स्वीकार हो रही है। कांग्रेस के कुछ साथियों को धन्यवाद करना चाहता हूं, क्योंकि जब से नतीजे आए, तब से कांग्रेस के एक साथी को मैं देख रहा था। उनकी पार्टी उनको समर्थन नहीं कर रही थी, लेकिन वे अकेले ही झंडा लेकर दौड़ रह थे। मैं कहता हूं कि वह जो कहते थे, उनके मुंह में घी शक्कर। ऐसा मैं क्यों कह रहा हूं, क्योंकि उन्होंने बार-बार ढोल पीटा था कि एक तिहाई सरकार। इससे बड़ा सत्य और क्या हो सकता है। हमारे 10 हुए हैं। 20 और बाकी हैं। एक तिहाई हुआ। एक तिहाई हुआ है और दो तिहाई बाकी है। इसलिए उनकी इस भविष्यवाणी के लिए उनके मुंह में घी शक्कर।

जयराम रमेश ने क्या कहा था?
इससे पहले जयराम रमेश ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधा था। उन्होंने कहा था कि चुनाव में पीएम मोदी ने खुद को मुद्दा बनाया और खुद को भगवान बताया। वह खुद अपनी सीट डेढ़ लाख वोट से ही बचा सके। उन्हें जनादेश भी नहीं मिला है। 2024 के लोकसभा चुनाव में नरेंद्र मोदी की प्रचंड हार हुई है। 400 पार का नारा लगाया और उससे बहुत दूर रह गए। यह मोदी की हार है। वह पीएम नहीं, बल्कि एक तिहाई प्रधानमंत्री हैं। चंद्रबाबू नायडू और नीतीश कुमार के सहारे प्रधानमंत्री हैं।

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