गन्ना किसानो का प्रति एकड़ 19 हजार 500 का घाटा ,छत्तीसगढ़ सरकार किसानो के साथ कर रही है अन्याय –विजय शर्मा
कवर्धा – भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश महामंत्री विजय शर्मा ने गन्ना किसानो की समस्या को लेकर राज्य सरकार पर जमकर हमला बोला, भूपेश बघेल सरकार के राजीव गाँधी किसान न्याय योजना लेकर सरकार पर निशाना साधा .
विजय शर्मा का आरोप है भूपेश सरकार राजीव गाँधी किसान न्याय योजना चलाकर एक तरफ वाह वाही लुट रही है वही दूसरी तरफ गन्ना किसानो का हक खाकर उनके साथ अन्यायपूर्ण व्यवहार कर रही है .छत्तीसगढ़ सरकार का गन्ना खरीदी का समर्थन मूल्य 355 रूपये प्रति क्विन्टल है कवर्धा स्थित कारखानों में गन्ना किसानो को कारखान प्रति एकड़ तीन पर्ची जारी करता है प्रत्येक पर्ची में 100 क्विंटल गन्ना देता है तो इस प्रकार किसान प्रति एकड़ 300 क्विन्टल गन्ना कारखाना को सप्लाई करते है .
केंद्र सरकार का समर्थन मूल्य रिकवरी रेट 9.5% है तो 290 रूपये प्रति क्विन्टल और यदि इससे कम है तो 275 रु प्रति क्विन्टल समर्थन मूल्य केंद्र सरकार किसानो को देता है . उन्होंने का भूपेश सरकार को इस अंतर की राशि 65 रूपये प्रति क्विन्टल के हिसाब से 19 हजार 500 रूपये गन्ना किसानो को भुगतान करना चाहिए है . छग सरकार यदि राजीव गाँधी किसान न्याय योजना की बात करती है तो यह योजना सब के लिए गन्ना किसानो एवं भूमिहीन किसानो को जो अधिया लेकर किसानी करते है उनको इस योजना से कोई लाभ नहीं हो रहा है .
उन्होंने कहा एक बार मान भी लिया जाये राजीव गाँधी गाँधी न्याय योजना से किसानो को 9 हजार सरकार दे रही है तो गन्ना किसानो को इस योजना के बाद भी 10 हजार 500 रूपये प्रति क्विन्टल का घाटा हो रहा है ,जो किसानो का अधिकार है. इससे बड़ा अन्याय अधिया में गन्ना खेती करने वाले किसानो को ज्यादा हो रहा है उनके हाथ सरकार द्वारा घोषित 355 रूपये का समर्थन मूल्य भी हाथ नही लग रहा है .
भूपेश सरकार के एक ही परिवार के नाम पर सभी योजनाओ का नामकरण भी इस लिए करती है ताकि सब गोलमाल किया जा सके . भारतीय जनता पार्टी का एक एक कार्यकर्ता किसान के हक में सदैव खड़ा है .राजीव गाँधी किसान न्याय योजना के नाम पर सरकार जिस प्रकार किसानो के साथ अन्याय कर रही है यह कदापि उचित नही है , छत्तीसगढ़ गन्ना किसानो को उनका हक का पैसा भुगतान करें अन्यथा किसानो के हित में जरुरुत पड़ने पर सडक की लड़ाई लड़ने भी भाजपा के कार्यकर्ता तैयार है .