Home धर्म-आध्यात्म भागवत पुराण के अनुसार शिवलिंग की उत्पत्ति की कहानी

भागवत पुराण के अनुसार शिवलिंग की उत्पत्ति की कहानी

8

भगवान शिव को कई नामों के साथ सम्बोधित किया जाता है। माना जाता है कि जब इस संसार में कुछ नहीं था, तो भी महादेव शिवलिंग के रूप में विद्यमान थे। हम ऐसे में मन में एक सवाल आता है कि भगवान शिव के स्वरूप शिवलिंग की उत्पत्ति कैसे हुई? शिवलिंग की उत्पत्ति के बारे में कई पुराणों में अलग-अलग कहानियां मिलती हैं। वहीं, पौराणिक कथाओं में भी शिवलिंग की उत्पत्ति की कई कथाएं प्रचलित हैं लेकिन भागवत पुराण की बात करें, तो इसमें शिवलिंग की उत्पत्ति से जुड़ी एक कहानी मिलती है। आइए जानते हैं कौन-सी है वह कहानी।

शिवलिंग की उत्पत्ति की कथा

भागवत पुराण के अनुसार जब सृष्टि का निर्माण हुआ तो भगवान विष्णु और ब्रह्माजी में बहस छिड़ गई कि दोनों में से कौन श्रेष्ठ है। खुद को सबसे ज्यादा शक्तिशाली सिद्ध करने की होड़ में दोनों विवाद करने लगे। तभी आकाश से एक विशाल शिवलिंग उपस्थित हुआ, जो महादेव का प्रतिनिधित्व करता था। आकाश से आवाज आई कि जो भी इस दिव्य चमकीले पत्थर का अंतिम छोर तलाश लेगा, वो सबसे शक्तिशाली माना जाएगा। पत्थर का अंत ढूंढने के लिए भगवान विष्णु और भगवान ब्रह्मा दोनों पृथ्वी के हर तरफ गए लेकिन उन्हें इस दिव्य पत्थर का छोर नहीं मिला। काफी मेहनत करने के बाद जब दोनों को छोर नहीं मिला, तो विष्णु जी ने तो हार मान ली लेकिन ब्रह्मा जी ने झूठ का सहारा लेकर खुद को श्रेष्ठ सिद्ध करने की कोशिश की। ब्रह्मा जी ने कहा उन्हें इस पत्थर का छोर मिल गया है लेकिन अंत में यह सिद्ध हो गया कि ब्रह्मा जी ने झूठ बोला है। इसके बाद महादेव प्रकट हुए और उन्होंने कहा कि यह दिव्य पत्थर शिवलिंग मेरा ही एक रूप है। मैं शिवलिंग हूं और मेरा ना कोई अंत है और ना ही शुरुआत है।

शिवलिंग का अर्थ क्या ह

शिवलिंग को एक दिव्य ज्योति माना जाता है। पौराणिक मान्यता है कि शिवलिंग का निर्माण मन, चित्त, जीव, बुद्धि, आसमान, वायु, आग, पानी और पृथ्वी से शिवलिंग का निर्माण हुआ है। शिवलिंग को पूरे ब्रह्मांड का प्रतीक माना जाता है। कहा जाता है कि संसार में शिवलिंग की उत्पत्ति सबसे पहले हुई थी। शिवलिंग की पूजा करने का विशेष महत्व है। भक्ति भाव से पूजा करने पर महादेव सारी मनोकामनाएं पूरी करते हैं।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here