Home स्वास्थ्य बीपी जांच कराने से आधे घंटे पहले मोबाइल से बनाये दुरी- शोध

बीपी जांच कराने से आधे घंटे पहले मोबाइल से बनाये दुरी- शोध

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स्मार्टफोन या मोबाइल का अधिक इस्तेमाल हाई ब्लड प्रेशर (High Blood pressure) की बीमारी की वजह बन सकता है। डॉक्टरों के मुताबिक जब भी बीपी की जांच के लिए जाएं तो उससे आधा घंटे पहले मोबाइल का इस्तेमाल न करें। ऐसा करना बीपी के नतीजों को प्रभावित कर सकता है। यह जानकारी डॉक्टरों द्वारा प्रकाशित एक ताजा रिसर्च में सामने आई है।

रिसर्च लेटर इंडियन मेडिकल काउंसिल ऑफ रिसर्च की डॉक्टर सुनीला गर्ग और एम्स देवघर के कम्युनिटी मेडिसन विभाग के प्रोफेसर डॉक्टर सुदीप भट्टाचार्य समेत कई शोधकर्ताओं ने प्रकाशित किया है। इस अध्ययन पत्र में शोधकर्ताओं ने यूरोपियन सोसाइटी ऑफ हाइपरटेंशन की गाइडलाइन के हवाले से बताया कि अगर आप बीपी माप रहे हैं तो तीन बातों का ध्यान रखना जरूरी है। सबसे पहले बीपी मापने से आधा घंटे पहले कोई शारीरिक व्यायाम या कसरत न करें। आधा घंटे पहले मोबाइल का इस्तेमाल न करें और न ही धूम्रपान करें। ज्यादा मोबाइल चलाने से उच्च रक्तचाप का खतरा रहता है।

शोधकर्ताओं ने पाया है कि मोबाइल फोन पर प्रति सप्ताह 30 मिनट या उससे अधिक समय तक बात करने से उच्च रक्तचाप का खतरा 12 प्रतिशत बढ़ जाता है। अध्ययन में शामिल प्रोफेसर जियानहुई किन ने कहा, लोग मोबाइल पर बात करने में जितने मिनट बिताते हैं, वह उनके दिल के स्वास्थ्य के लिए मायने रखता है। अधिक समय तक फोन पर बात करने का मतलब अधिक जोखिम है।

अध्ययन के मुताबिक, दुनिया की लगभग तीन-चौथाई आबादी 10 वर्ष से अधिक आयु की है और इनके पास मोबाइल फोन है। मोबाइल फोन रेडियो फ्रीक्वेंसी ऊर्जा के निम्न स्तर का उत्सर्जन करते हैं, जो जोखिम के साथ ही रक्तचाप में वृद्धि का कारण बन सकते हैं। डॉक्टरों के अनुसार, दिल के दौरे और स्ट्रोक जैसी जीवन घातक परेशानियों के लिए उच्च रक्तचाप एक प्रमुख जोखिम कारक है और विश्व स्तर पर अकाल मृत्यु का एक प्रमुख कारण है।

ऐसे होता है प्रभावित

स्क्रीन टाइम बढ़ने से शारीरिक सक्रियता कम हो जाती है और इंसान का मेटाबॉलिज्म प्रभावित होता है।एम्स के हार्मोन रोग विभाग के प्रोफेसर डॉक्टर राजेश खड़गावत ने बताया कि लंबे समय तक मोबाइल, टीवी या आईपैड देखने से आंख की रोशनी प्रभावित होने के साथ उनका मानसिक व शारीरिक विकास दोनों प्रभावित होता है। शारीरिक गतिविधि न होने से बच्चों में मोटापा, इन्सुलिन प्रतिरोध, मधुमेह, चिड़चिड़ापन, अवसाद जैसे लक्षण दिखाई दे सकते हैं।

 

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