Home छत्तीसगढ़ खुरपका-मुंहपका मुक्त अभियान के तहत टीकाकरण 15 नवंबर तक

खुरपका-मुंहपका मुक्त अभियान के तहत टीकाकरण 15 नवंबर तक

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राष्ट्रीय पशु रोग नियंत्रण कार्यक्रम के अंतर्गत खुरपका-मुंहपका मुक्त अभियान के तहत टीकाकरण 15 नवंबर तक किया जाएगा। पशुओं को खुरहा-चपका (एफ.एम.डी.) संक्रमण से बचाने के लिये 02 अक्टूबर से सघन टीकाकरण अभियान चलाया जाएगा। टीकाकरण कार्य के निगरानी के लिए जिला स्तर पर नियंत्रण कक्ष की स्थापना किया गया है। नियंत्रण कक्ष के नोडल अधिकारी सहायक शल्य पशु चिकित्सा डॉ हेमलता कश्यप (+91-8319772304) सहायक नोडल अधिकारी सहायक पशु चिकित्सा क्षेत्राधिकारी श्री आरके दुबे (+91-9425596825) और जिला नोडल अधिकारी के रूप में डॉ शैफाली मेश्राम और सहायक नोडल श्रीमती फूलेंदी पाढ़ी को बनाया गया है।
ज्ञात हो कि खुरहा-चपका रोग गौवंश-भैंसवंश एवं खुर वाले पशुओं में पाई जाने वाली विषाणु जनित संक्रामक बीमारी है। इस रोग में तेज बुखार, मुंह के अंदर छाले पड़ना, मुंह से लार निकलना एवं खुरों के बीच में छाले पड़ना एवं घांव हो जाने के लक्षण दिखाई पड़ते है। इस बीमारी में बड़े पशुओं की अपेक्षा छोटे पशुओं में मृत्यु की संभावना अधिक होती है। खुरहा चपका रोग के कारण दुधारू पशुओं की दुग्ध उत्पादन क्षमता एवं भारवाहक पशुओं की कार्यक्षमता पर विपरित प्रभाव पडता है, जिससे पशुपालकों को आर्थिक नुकसान उठाना पड़ता है। यह एक संक्रामक एवं छूतदार बीमारी है इसलिए रोगी पशु को स्वस्थ्य पशु से अलग रख कर उपचार कराना चाहिए।
जिला बस्तर में खुरपका- मुंहपका (खुराचपका) रोग से मुक्त कराने के लिए पशुधन विकास विभाग के टीकाकरण दल के द्वारा ग्रामों में शिविर के माध्यम से एवं डोर टू डोर जाकर एफ.एम.डी. टीकाकरण किया जायेगा। पशुपालकों अपने पशुओं की टीकाकरण हेतु नजदीकी पशु चिकित्सालय एवं पशु औषधालय से संपर्क कर टीकाकरण करवायें। पशुधन विकास विभाग जिला बस्तर द्वारा समस्त विकासखण्डो में खुरपका- मुंहपका टीकाकरण करने के लिये 56 दल का गठन किया गया है। टीकाकरण कार्य के लिए 197 अधिकारी, कर्मचारी, पीएआईडब्ल्यू, गौसेवक और पशुधन मित्र शामिल हैं।

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