Home राष्ट्रीय CSIR-UGC-NET की परीक्षा कर दी गई स्थगित

CSIR-UGC-NET की परीक्षा कर दी गई स्थगित

13

नई दिल्ली,

CSIR-UGC-NET की परीक्षा स्थगित कर दी गई है. इस परीक्षा का आयोजन नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (NTA) की ओऱ से ही कराया जाता है. ये परीक्षा 25 से 27 जून के बीच होने वाली थी. परीक्षा स्थगित करने की वजह संसाधनों की कमी बताई जा रही है. NTA ने परीक्षा स्थगित करने की सूचना दी है. साथ ही कहा कि इस परीक्षा के आयोजन के लिए संशोधित कार्यक्रम की घोषणा बाद में आधिकारिक वेबसाइट के माध्यम से की जाएगी.

NTA ने कहा कि अभ्यर्थियों को सलाह दी जाती है कि वे नई अपडेट के लिए आधिकारिक वेबसाइट को देखते रहें. साथ ही कहा कि किसी भी प्रश्न या स्पष्टीकरण के लिए परीक्षार्थी NTA हेल्पडेस्क के नंबर 011-40759000 पर कॉल कर सकते हैं. CSIR-UGC-NET परीक्षा को स्थगित करने से पहले NTA ने UGC-NET की परीक्षा गड़बड़ियों की आशंका के बाद 19 जून को कैंसिल कर दी थी. यूनिवर्सिटी ग्रांट्स कमीशन (UGC) को परीक्षा के संबंध में गृह मंत्रालय के इंडियन साइबर क्राइम कोऑर्डिनेशन सेंटर की नेशनल साइबर क्राइम थ्रेट एनालिटिक्स यूनिट (NCTAU) से कुछ इनपुट प्राप्त हुए. ये इनपुट प्रथम दृष्टया संकेत देते हैं कि मंगलवार को आयोजित परीक्षा में गड़बड़ी हुई थी.

UGC-NET की परीक्षा कैंसिल करते हुए शिक्षा मंत्रालय ने कहा था कि परीक्षा का आयोजन नए सिरे से किया जाएगा, जिसकी जानकारी अलग से शेयर की जाएगी. सरकार परीक्षाओं की शुचिता सुनिश्चित करने और छात्रों के हितों की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध है. यूजीसी नेट परीक्षा जून 2024 देशभर के 317 शहरों में 1205 परीक्षा केंद्रों पर आयोजित की गई थी, जिसमें 11,21,225 उम्मीदवारों ने हिस्सा लिया था.

इन दिनों NEET पेपरलीक को लेकर घमासान मचा हुआ है. इसी बीच सुप्रीम कोर्ट ने NEET काउंसलिंग पर रोक लगाने से इनकार कर दिया है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि अगर 5 मई को हुई परीक्षा रद्द कर दी जाती है तो सब कुछ रद्द हो जाएगा. सुप्रीम कोर्ट ने अन्य याचिकाओं पर भी NTA को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है.

हाल ही में सुप्रीम कोर्ट ने NEET-UG 2024 परीक्षा आयोजित करने में किसी भी लापरवाही के खिलाफ सख्त कार्रवाई की आवश्यकता पर जोर दिया. जस्टिस विक्रम नाथ और एसवीएन भट्टी की वेकेशन बेंच ने टिप्पणी की कि अगर किसी की ओर से 0.001 प्रतिशत भी लापरवाही हुई है, तो उससे पूरी तरह निपटा जाना चाहिए. इन सभी मामलों को प्रतिकूल मुकदमेबाजी के रूप में नहीं माना जाना चाहिए

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here