देश में बहुत जल्द ही बीमा पॉलिसी (Insurance Policy) को लेकर बीमाधारक को एजेंट पोर्टिबिलिटी (Agent Portability Option) का विकल्प मिलने जा रहा है. भारतीय बीमा नियामक एवं विकास प्राधिकरण (IRDAI) ने फैसला किया है कि अगर कोई बीमाधारक अपने एजेंट से खुश नहीं है तो वह अपना एजेंट बदल सकता है. इरडा के इस प्रस्ताव में सामान्य बीमा में एजेंट बदलने का विकल्प नहीं होगा, लेकिन 20 साल वाले जीवन बीमा (Life Insurance Policy) में यह विकल्प होगा. इसके तहत अब आपके प्रीमियम पर एजेंट को मिलने वाला कमीशन पोर्टिबिलिटी के बाद नए एजेंट को मिलने लगेगा. अभी तक देश में इस तरह का विकल्प नहीं था. इससे एलआईसी सहित कई बीमा पॉलिसीज लेने वाले करोड़ों ग्राहकों के पास एक और विकल्प मिल जाएगा.
गौरतलब है कि बीमा लेने के बाद कुछ लोग एजेंट के व्यवहार या किसी और कारणों से खुश नहीं रहते हैं. ऐसे में अब आप अपना एजेंट बदल सकते हैं. देश के अधिकांश लोग बीमा पॉलिसी के लिए बीमा एजेंट पर ही निर्भर करते हैं और एजेंट अपना फायदा के चक्कर में ऐसे पॉलिसी बेच देता है, जो आगे चल कर बीमाधारक के लिए फायदे का सौदा नहीं होता है. ऐसे में आए दिन एजेंट और बीमाधारक के बीच विवाद होता रहता है.
अब आप अपनी मर्जी से बदल सकते हैं बीमा एजेंट
आपको बता दें कि देश में हर आदमी की इनकम और उसकी जरूरतें अलग-अलग होती हैं. इसलिए आज इंश्योरेंज बाजार में भी हर जरूरत के मुताबिक अलग-अलग बीमा प्रोडक्ट्स हैं, लेकिन एजेंट अपने फायदे के चक्कर में लोगों की जरूरतें और इनकम का ध्यान नहीं रख कर गलत पॉलिसी दे देता है. ऐसे में इरडा ने बीमाधारक को विकल्प दिया है कि आप अपना एजेंट बदल सकते हैं.
बीमाधारकों के ये फायदा होगा
गौरतलब है कि पिछले कुछ दिनों से इरडा एक के बाद एक फैसले ले रही है. पिछले दिनों ही इरडा ने बीमा कंपनियों को अपनी मर्जी से अस्पतालों को पैनल में शामिल करने की छूट दी थी. इरडा ने मरीजों के कैशलेश सुविधा के लिए मानदंड़ों में ढील देने के उद्देश्य से यह निर्णय लिया था. इस फैसले से अब ज्यादा से ज्यादा अस्पतालों में मरीजों को कैशलेस इलाज की सुविधा मिल रही है. इरडा ने इसके तहत बीमा कंपनियों को बोर्ड स्तर पर एक नीति बनाने को कहा था, जिसके बाद बीमा कंपनी किसी भी अस्पताल को पैनल में ला सकती है.