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दिल्ली, चेन्नई और सिंगापुर विश्व शतरंज चैंपियनशिप की मेजबानी की दौड़ में

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नई दिल्ली
भारत के डी गुकेश और चीन के डिंग लिरेन के बीच होने वाले विश्व शतरंज चैंपियनशिप के मुकाबले की मेजबानी की दौड़ में चेन्नई और सिंगापुर के बाद अब दिल्ली भी शामिल हो गया है। अखिल भारतीय शतरंज संघ ने दिल्ली की बोली का समर्थन किया है और तमिलनाडु सरकार पर चेन्नई की मेजबानी का एकतरफा फैसला करने का आरोप लगाया है। अंतरराष्ट्रीय शतरंज महासंघ (फिडे) के सीईओ एमिल सुतोव्स्की ने शनिवार को कहा कि तीनों शहरों ने अपनी बोली जमा कर दी हैं और वे ‘मानदंडों को पूरा करते हैं।’ सुतोव्स्की ने कहा कि नवंबर दिसंबर में होने वाले इस बहुप्रतीक्षित मुकाबले के लिए चेन्नई ने सबसे पहले जबकि नई दिल्ली ने सबसे आखिर में बोली लगाई। उन्होंने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर पोस्ट किया,‘‘ फिडे विश्व चैंपियनशिप मैच 2024 की मेजबानी के लिए तीन शहरों चेन्नई, सिंगापुर और नई दिल्ली (बोली लगाने के क्रम में) ने बोली लगाई है। तीनों शहर मानदंडों को पूरा करते हैं।’’

अंतरराष्ट्रीय शतरंज महासंघ की परिषद इस पर चर्चा करेगी और मेजबान की घोषणा इस महीने के आखिर में कर दी जाएगी। सुतोव्स्की ने कहा,‘‘फिडे परिषद अगले सप्ताह इस पर चर्चा करेगी। बोली लगाने वाले शहरों के प्रतिनिधियों को विस्तृत विवरण पेश करने और सवालों का जवाब देने के लिए बुलाया गया है। अंतिम फैसला जून के आखिर में किया जाएगा।’’ चेन्नई की बोली तमिलनाडु खेल विकास प्राधिकरण ने जबकि दिल्ली की बोली अखिल भारतीय शतरंज महासंघ (एआईसीएफ) ने लगाई है। फिडे इस प्रतिष्ठित प्रतियोगिता के लिए किसी देश को बोली लगाने से नहीं रोकता लेकिन ऐसा बहुत कम देखने को मिलता है जबकि एक ही देश के दो शहरों ने मेजबानी का दावा पेश किया हो। एआईसीएफ के अध्यक्ष नितिन नारंग ने पीटीआई से कहा कि राष्ट्रीय शतरंज महासंघ ने नई दिल्ली के लिए बोली लगाई है तथा इसके लिए उसने भारत सरकार से अनापत्ति प्रमाण पत्र (एनओसी) ली है।’’

उन्होंने कहा कि तमिलनाडु सरकार ने अपनी बोली भेजने से पहले एआईसीएफ के साथ परामर्श नहीं किया। नारंग ने कहा,‘‘तमिलनाडु सरकार ने एआईसीएफ के साथ किसी तरह का परामर्श नहीं किया और हमारी इसको (चेन्नई की मेजबानी) लेकर कोई बातचीत भी नहीं हुई। यही नहीं उन्होंने इसके लिए (भारत सरकार से) एनओसी भी नहीं ली है।’’ चेन्नई के रहने वाले गुकेश ने अप्रैल में टोरंटो में कैंडीडेट्स टूर्नामेंट जीतकर विश्व चैंपियनशिप का मुकाबला खेलने का अधिकार हासिल किया था। भारत इससे पहले 2000 और 2013 में विश्व चैंपियनशिप मैच की मेजबानी कर चुका है। विश्वनाथन आनंद ने 2000 में एलेक्सी शिरोव को हराकर विश्व चैंपियनशिप में अपना पहला खिताब जीता था। पांच बार के चैंपियन आनंद 2013 में नॉर्वे के चैलेंजर मैगनस कार्लसन से हार गए थे।।

 

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