कन्याकुमारी
लोकसभा चुनावों के चलते प्रधानमंत्री देश भर के विभिन्न स्थानों का दौरा कर रहे हैं। ऐसे में 7वें चरण के चुनावों से पहले पीएम मोदी 30 मई को दो दिन की कन्याकुमारी यात्रा पर जा रहे हैं। यह यात्रा इसलिए बहुत खास है क्योंकि पीएम मोदी विवेकानन्द रॉक मेमोरियल भी जाएंगे। प्रधानमंत्री मोदी विवेकानन्द रॉक मेमोरियल लगभग शाम को पहुंचेंगे। पीएम यहां करीब 2 दिन तक रहकर ध्यान (मेडिटेशन) करेंगे। पीएम मोदी के दौरे के कारण विवेकानन्द रॉक मेमोरियल को आम पर्यटकों के लिए बंद रखा जाएगा। पीएम की सुरक्षा के लिए दो हजार पुलिसकर्मियों और सुरक्षा दल के लोगों को तैनात किया जाएगा।
विवेकानन्द से क्यों जुड़ा है मेमोरियल का नाम?
दुनिया के महान विचारकों में से एक स्वामी विवेकानन्द का जन्म 12 जनवरी 1863 को हुआ था। स्वामी विवेकानन्द वर्ष 1892 में कन्याकुमारी आए थे। एक दिन विवेकानन्द जी तैरकर समुद्र में स्थित एक विशाल शिला पर पहुंच गए। इस चट्टान पर बैठकर स्वामी जी को जीवन लक्ष्य और लक्ष्य प्राप्ति के लिए मार्ग दर्शन प्राप्त हुआ था। इसके बाद स्वामी जी के प्रसिद्ध विश्व धर्म सभा 1893 में भाग लिया था। स्वामी विवेकानन्द के उपदेशों को साकार रूप प्रदान करने के लिए इस चट्टान पर 1970 में एक भव्य स्मृति भवन का निर्माण किया गया। और इस भव्य स्मारक को विवेकानन्द रॉक मेमोरियल नाम दिया गया।
क्या है विवेकानन्द रॉक मेमोरियल की खासियत?
विवेकानन्द रॉक मेमोरियल चारों ओर समुद्र से घिरा हुआ है। विवेकानन्द जयन्ती के दिन भारत ही नहीं पूरी दुनिया से लोग यहां इस स्मारक को देखने के लिए आते हैं। इस विशाल भवन की शिल्प पल्लव वंश के दौरान प्रचलित शिल्प कला से मिलती है। इस विशाल स्मृति भवन में चार मंडप है। इस स्मारक का प्रवेश द्वार अजंता और एलोरा की गुफा के समान है। इस स्मारक में 70 फीट ऊंचा गुंबद भी है, जिसे लाल और नीले ग्रेनाइट से तैयार किया गया है। यह स्मारक लगभग 6 एकड़ जमीन में फैला हुआ है।
क्यों है स्वामी विवेकानन्द की मूर्ति खास?
विशाल भवन के अंदर एक प्लेटफॉर्म के ऊपर स्वामी विवेकानन्द की मूर्ति है। जिसका निर्माण कांसे से हुआ है और जिसकी ऊंचाई साढ़े आठ फीट है। यह मूर्ति बहुत ही प्रभावशाली है। यह मूर्ति बिल्कुल जीवंत लगती है, स्वामी जी एकदम सजीव प्रतीत होते हैं।