Home अंतर्राष्ट्रीय भारत की border पर चीन चल रहा खतरनाक चाल, 4 साल में...

भारत की border पर चीन चल रहा खतरनाक चाल, 4 साल में बनाए 624 गांव, एक्सपर्ट्स ने दी बड़ी चेतावनी

10

वॉशिंगटन/बीजिंग
 भारत के साथ सीमा के करीब चीन दोहरे उपयोग वाले गांव बनाने में लगा है। इसके अलावा वह सैन्य सुविधाओं के नेटवर्क को विस्तार दे रहा है। वॉशिंगटन थिंक टैंक सेंटर फॉर इंटरनेशनल एंड स्ट्रैटेजिक स्टडीज (CSIS) की एक नई रिपोर्ट में 16 मई को कहा गया, 'निर्जन और दुर्गम हिमालय में, चीन भारत के साथ अपनी बेहद विवादित सीमा पर सैकड़ों गावों का निर्माण और विस्तार कर रहा है।' न्यूजवीक की रिपोर्ट के मुताबिक भू-स्थानिक डेटा प्रदाता सेंटिनल हब की सैटेलाइट तस्वीरें 2022 से 2024 के बीच इसके विस्तार को दिखाती हैं।

CSIS रिपोर्ट ने अरुणाचल प्रदेश के पास चार अलग-अलग जगहों पर सैन्य और दोहरे इस्तेमाल वाले गांव के बुनियादी ढांचे के विस्तार का खुलासा किया है। इसने याराओ के अलावा ज़ुआंगनान, माजिदुनकुन और कुइकियोंगमेन में सैन्य फैसिलिटी का खुलासा किया। अरुणाचल भारत का अभिन्न क्षेत्र है। वहीं चीन इसे अपना इलाका होने का दावा करता है। एक्सपर्ट्स का कहना है कि चीन सीमा पर गांवों का निर्माण ग्रे-जोन रणनीति के तहत करता है। इसे युद्ध और शांति के बीच का माना जाता है। कुछ एक्सपर्ट्स ने चेतावनी दी है कि बस्तियों ने गुप्त रूप से आक्रामक सैनिक तैनात किए जा सकते हैं।

चीन और भारत सीमा पर तनाव

सेंटर फॉर इंटरनेशनल एंड स्ट्रैटेजिक स्टडीज ने कहा कि 2018 और 2022 के बीच चीन ने 624 'जियाओकांग' गावों का निर्माण किया है और लगातार इसका काम जारी है। भारत के साथ सीमा पर सैनिकों के बीच झड़प के बाद तनाव बरकरार है। दिसंबर 2020 में चीन और भारत के सैनिकों के बीच लड़ाई हुई थी। 1962 में दोनों देशों के बीच सीमा को लेकर युद्ध लड़ा गया। पिछले तीन वर्षों में भी लगातार बढ़ती झड़प देखी गई है। एक्सपर्ट्स का कहना है कि सीमा विवाद का कोई स्पष्ट समाधान नहीं दिख रहा। बढ़ते सैन्यीकरण से गलत आकलन का जोखिम अधिक बना हुआ है।

चीन बदल रहा डेमोग्राफी

सीमा के करीब तेजी से बढ़ता विकास चीन की बुनियादी ढांचा बनाने की क्षमता का प्रमाण है। पिछले साल याराओ के पास एक नई सड़क और दो हेलीपैड भी बनाए गए। रिपोर्ट में कहा गया है कि याराओ जो 3,900 मीटर की ऊंचाई पर है, जहां मौसम कठौर है वहां भी चीन दिसंबर 2022 तक नई इमारतें बनाने में कामयाब रहा है। एक्सपर्ट्स का कहना है कि चीन तिब्बती और हान आबादी के मिश्रण के साथ सीमावर्ती क्षेत्रों में जनसांख्यिकी को भी बदल रहा है।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here