Home अंतर्राष्ट्रीय रफाह के शरणार्थी शिविरों पर इजरायली हमले से इस्लामिक देशों भारी नारजगी

रफाह के शरणार्थी शिविरों पर इजरायली हमले से इस्लामिक देशों भारी नारजगी

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गाजा
गाजा के रफाह के शरणार्थी शिविरों पर हुए इजरायली हमले को लेकर इस्लामिक देशों से लेकर पश्चिमी देशों में भारी उबाल देखा जा रहा है. सोमवार को फ्रांस की राजधानी पेरिस की सड़कों पर हजारों फिलिस्तीनी उतर आए. लोगों ने इजरायल पर गाजा में नरसंहार का आरोप लगाया है.

इसके साथ ही प्रदर्शनकारियों ने फ्रांस की सरकार से इजरायल के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने और गाजा में युद्धविराम के लिए उस पर दबाब बनाने की अपील की है. सेंट ऑगस्टिन इलाके में प्रदर्शन कर लोग पुलिस से भी भिड़ गए, जिसके बाद पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को काबू करने के लिए आंसू गैस के गोले दागे.

एक प्रदर्शनकारी वैलेरी फ़्लोर ने कहा, ''हम मानवता के खिलाफ इस अपराध के लिए जिम्मेदार नहीं होना चाहते. एक फ्रांसीसी व्यक्ति के रूप में यह जानना असहनीय है कि हमारे देश के राष्ट्रपति इस मामले में कुछ नहीं कह रहे हैं. गाजा पट्टी के रफाह में जो हो रहा है, वो असहनीय है.''

रविवार रात इजरायल ने गाजा के रफाह के शरणार्थी शिविरों पर हवाई हमला किया था, जिसमें कम से कम 45 फिलिस्तीनी मारे गए हैं. दर्जनों लोग घायल हुए थे. इस हमले की इस्लामिक देशों के संगठन ओआईसी ने भी कड़ी निंदा की है. इसे फिलिस्तीनियों के ख़िलाफ जघन्य जनसंहार वाली कार्रवाई बताया है.

इसके साथ ही ऑर्गनाइजेशन ऑफ इस्लामिक कोऑपरेशन ने इजरायल के इस हमले को युद्ध अपराध, मानवता के खिलाफ अपराध और राज्य प्रायोजित आतंकवाद बताया है. ओआईसी ने कहा कि इस हमले के अपराधियों को अंतरराष्ट्रीय आपराधिक क़ानून के तहत जिम्मेदार ठहराया जाना चाहिए.

नेतन्याहू ने कहा- गलती हो गई!

गाजा के राफा शहर में हुए हमले में फिलिस्तीनियों के मारे जाने के बाद इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने कहा कि ये एक 'दुखद गलती' थी. हम ऐसा नहीं करना चाहते थे. दरअसल, इजरायल हमेशा ये कहता है कि वो गाजा में आम लोगों को नुकसान नहीं पहुंचाना चाहता, लेकिन उनके बीच छिपे हमास के आतंकियों के मारने के लिए उसे हवाई हमला करना पड़ता है. इस जंग में बेकसूर लोगों के मारे जाने की वजह से अंतरराष्ट्रीय स्तर पर आलोचना हो रही है.

इजरायली हमले गाजा दहल उठा

इजरायल पर हमास ने पांच महीने बाद मिसाइल अटैक किया तो आईडीएफ ने इसका बदला कुछ घंटों के अंदर ही ले लिया. इजरायली सेना ने रफाह में इस तरह से जबरदस्त हवाई हमला किया कि पूरा गाजा दहल उठा. इस हमले में करीब 45 फिलिस्तीनी मारे गए. इजरायली सेना ने रफाह में हमले से पहले लोगों को अलर्ट किया था, लेकिन हमास ने रविवार को एक बार फिर तेल अवीव पर रॉकेट से हमला कर दिया. इसके इजरायल ने पलटवार कर दिया.

रफाह में जबरदस्त एयर स्ट्राइक

इजरायल ने रफाह में जबरदस्त एयर स्ट्राइक कर दी. हमास की इस गलती का खामियाजा आम नागरिकों को भुगतना पड़ा. वहीं फिलिस्तीनी लोगों ने इजरायली सेना और अमेरिकी राष्ट्रपति पर झूठ बोलने का आरोप लगाया है. उनका कहना है कि वे सीजफायर का झूठा दिलासा दे रहे हैं. उधर, इजरायली सेना का कहना है कि हमास के ठिकानों को निशाना बनाकर हमला किया गया था, लेकिन न चाहते हुए भी इसकी चपेट में रिफ्यूजी कैंप आ गए.

ज़्यादा बच्चे और महिलाएं हताहत

फिलिस्तीनी स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक मरने वालों में ज़्यादातर बच्चे और महिलाएं शामिल हैं. इज़रायली सेना ने ये हमला रविवार को देर रात में किया. इसके बाद हर तरफ कोहराम मचा हुआ है. रफाह में हुए इस हवाई हमले की पुष्टि आईडीएफ ने भी की है. सेना की दलील है कि ये हमला हमास के ठिकानों के सटीक खुफिया जानकारी के आधार पर किया गया था. आईडीएफ ने ये भी माना कि उनकी वायु सेना ने रफाह में हमास के एक परिसर पर हमला किया था.

 आईसीजे का जंग बंद करने का आदेश

बताते चलें कि नीदरलैंड के द हेग में मौजूद अंतरराष्ट्रीय कोर्ट से इजरायल को तगड़ा झटका लग चुका है. आईसीजे यानी इंटरनेशनल कोर्ट ऑफ जस्टिस ने इजरायल को गाजा के रफाह में चलाए जा रहे सैन्य अभियान को रोकने का आदेश दिया था. संयुक्त राष्ट्र की शीर्ष अदालत ने दक्षिण अफ्रीका की याचिका पर ये फ़ैसला सुनाया था. इसके बावजूद इजरायली सेना गाजा में हमले जारी रखे हुए है. उत्तर से दक्षिण तक गाजा में आईडीएफ लगातार हवाई हमले कर रही है.

एक महीने में रिपोर्ट देने का आदेश

इससे पहले आईसीजे ने कहा था कि इजरायल को रफाह में चलाए जा रहे सैन्य अभियान को तुरंत रोक देना चाहिए. इससे फिलिस्तीनियों को खतरा है. आईसीजे ने इजरायल को फैसले पर उठाए जाने वाले कदमों को लेकर एक महीने के अंदर रिपोर्ट देने के लिए भी कहा था. पीठासीन न्यायाधीश नवाफ सलाम ने कहा था, ''कोर्ट का मानना ​​है कि नरसंहार कन्वेंशन के तहत इजराइल को गाजा के रफाह में तुरंत अपने सैन्य अभियान को रोक देना चाहिए.''

 

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