नई दिल्ली
बैंकिंग दिग्गज और आईसीआईसीआई की नींव रखने वाले नारायणन वाघुल (Narayanan Vaghul) का निधन हो गया है। वह 88 साल के थे और पिछले दो दिन से चेन्नई के अपोलो हॉस्पिटल में वेंटिलेटर पर थे। उनके परिजनों ने ईटी को बताया कि वह गिरकर बेहोश हो गए थे। उसके बाद उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया था। नारायणन के परिवार में पत्नी, एक बेटी और एक बेटा है। नारायणन ने स्टेट बैंक ऑफ इंडिया से अपने करियर की शुरुआत की थी और 44 साल की उम्र में बैंक ऑफ इंडिया के चेयरमैन बन गए थे। वह किसी सरकारी बैंक का चेयरमैन बनने वाले सबसे कम उम्र के व्यक्ति थे। ब्यूरोक्रेट्स के हस्तक्षेप से तंग आकर उन्होंने बैंकिंग सेक्टर छोड़ दिया था। राजीव गांधी सरकार के दौरान उन्हें आईसीआईसीआई बैंक की जिम्मेदारी सौंपी गई थी। वाघुल को साल 2010 में पद्म भूषण से सम्मानित किया गया था। साल 2006 में उन्हें The Economic Times Lifetime Achievement Award दिया गया था।
1991 में आर्थिक उदारीकरण के बाद से देश में कई फाइनेंशियल सुपरमार्केट्स उभरे हैं लेकिन वाघुल को इसका अगुआ माना जाता है। यह वाघुल की रणनीति ही थी जिसके दम पर आईसीआईसीआई बैंक (ICICI Bank) ने बड़ा मुकाम हासिल किया। इसी बैंक की देखादेखी आईडीबीआई (IDBI), यूटीआई (UTI) और एसबीआई (SBI) ने फाइनेंशियल सर्विसेज इंडस्ट्री के अलग-अलग एरिया में अपना विस्तार किया। बैंकिंग सेक्टर के एक और दिग्गज के वी कामत की भी स्वदेश वापसी का श्रेय वाघुल को ही जाता है। कामत एशियन डेवलपमेंट बैंक में काम कर रहे थे लेकिन आईसीआईसीआई बैंक के चेयरमैन वाघुल के मनाने पर वह स्वदेश लौट गए। कामत ने ही कंज्यूमर लेंडिंग के बीज बोए थे। वाघुल देश की कई दिग्गज कंपनियों में बोर्ड में भी डायरेक्टर रहे। इनमें विप्रो, महिंद्रा एंड महिंद्रा, अपोलो हॉस्पिटल्स और मित्तल स्टील शामिल हैं।