कैसरगंज
कैसरगंज से लोकसभा सदस्य और भारतीय कुश्ती महासंघ के पूर्व अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह ने चुनावी राजनीति से संन्यास की घोषणा कर दी है। उन्होंने विभिन्न सियासी मुद्दों पर बात करते हुए इसका ऐलान किया। उन्होंने साफ शब्दों में कहा, ''मैं अब जीवन में कभी भी चुनाव नहीं लड़ूंगा। मेरे पास करने के लिए कई सारे काम हैं।'' आपको बता दें कि उनकी पार्टी भाजपा ने इस लोकसभा चुनाव में कुश्ती संघ विवाद के कारण उनकी जगह उनके बेटे करण भूषण को चुनावी अखाड़े में उतारा है।
इस इंटरव्यू के दौरान बृजभूषण सिंह ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के साथ अपने संबंधों को लेकर भी स्थिति साफ की है। उन्होंने हाल ही में एक इंटरव्यू के दौरान नरेंद्र मोदी को अपना नेता करार दिया था। उनसे जब योगी आदित्यनाथ के बारे में पूछा गया तो उन्होंने यूपी सीएम को अपना गुरु भाई बताया।
मेरे अच्छे मित्र हैं योगी: बृजभूषण
बृजभूषण शरण सिंह ने योगी आदित्यनाथ को अपना मित्र बताते हुए कहा, ''हम दोनों एक ही गुरु के शिष्य रहे हैं। हमारे गुरु मुझे योगी से कम नहीं मानते थे। वह घोषित शिष्य हैं। हम दोनों अच्छे मित्र हैं। मीडिया में मेरे बयान को गलत तरीके से पेश किया गया।''
बेटे करण को टिकट मिलने पर क्या बोले?
बृजभूषण शरण सिंह ने अपने बेटे करण भूषण को बीजेपी का कैंडिडेट बनाने की बात पर भी अपना पक्ष रखा है। उन्होंने इसे एक तरीके से साजिश करार दिया है। बृजभूषण ने कहा, ''मैं करण भूषण को कुश्ती संघ के अध्यक्ष का चुनाव लड़ाने था। उसे रोकने के लिए यह साजिश रची गई है।''
मंत्री नहीं जाने पर बोले- काफी सम्मान मिला
छह बार के सांसद होने के बावजूद मंत्री न बनने के सवाल पर उन्होंने कहा कि हिन्दुस्तान में बहुत कम लोगों को वो सम्मान मिला है जो मुझे मिला है। लेकिन शुरू से मेरे ऊपर बाहुबली होने का आरोप मढ़ दिया गया, जिसका मुझे नुकसान हुआ है। कांग्रेस ने मेरे खिलाफ 1996 में भी षड्यंत्र किया था, कल्पनाथ राय के साथ मुझे अरेस्ट किया गया तब मेरी पत्नी को चुनाव लड़ाना पड़ा और वो सांसद बनीं। एक बार फिर कांग्रेस का षड्यंत्र है, इस बार मेरे बेटे करन सांसद बनेंगे। संयोग देखिए मैं भी 33 साल की उम्र में पहली बार सांसद बना था और करण की उम्र भी 33 साल ही है।
कही थी कभी न रिटायर होने की बात
बृजभूषण शरण सिंह ने एक दिन पहले ही कहा था, 'ना बूढ़ा हुआ हूं और ना रिटायर हुआ हूं। पहले आप लोगों के बीच में जितना रहता था, उससे दोगुना रहूंगा। अब मैं दोगुनी ताकत के साथ काम करूंगा। मैंने एक नारा दिया था, स्वच्छ गोंडा। अभी बहुत कुछ करना बाकी है। मुझे जानकारी है कि कहां सड़क की जरूरत है और कहां पुल बनना चाहिए। मुझे क्षेत्र की सारी समस्याएं पता हैं। आपके लिए मैं किसी से भी भिड़ सकता हूं। मेरा क्या कर लेंगे, लड़के जीत लेंगे? हमसे ज्यादा मनई (आदमी) भी किसी के पास नहीं हैं। हमें पता है कि किसके पास घर नहीं हैं और किनके यहां बिजली नहीं है।'