संयुक्त राष्ट्र
संयुक्त राष्ट्र ने भारत में विदेशी निवेश बढ़ने की बात कही है। साथ ही यूएन का यह भी कहना है कि पश्चिमी देशों की कंपनियों के लिए भारत पहली पसंद बन गया है, जिसके चलते भारत की आर्थिक प्रगति काफी अच्छी हुई है। इस दौरान 2024 के सकल घरेलू उत्पाद यानी GDP से जुड़े आंकड़े भी जारी किए गए। संभावनाएं जताई जा रही हैं कि भारत की अर्थव्यवस्था इस साल 7 फीसदी की रफ्तार से बढ़ सकती है।
गुरुवार को संयुक्त राष्ट्र के आर्थिक एवं सामाजिक मामलों के विभाग (UNDESA) के प्रमुख हामिद राशिद ने कहा कि भारत को अन्य पश्चिमी स्रोतों से भारत में आने वाले अधिक निवेश से भी लाभ हो रहा है। पत्रकारों से हुई बातचीत में उन्होंने कहा कि ऐसा इसलिए हो रहा है क्योंकि कंपनियां चीन पर कम भरोसा जता रही हैं। भारत कई पश्चिमी कंपनियों के लिए एक वैकल्पिक निवेश स्रोत या गंतव्य बन गया है। उन्होंने कहा कि इससे भारत को फायदा हो रहा है।
इस वर्ष 7 प्रतिशत की दर से बढ़ेगी भारत की अर्थव्यवस्था
राशिद 2024 के मध्य-वर्ष के ताजा अनुमानों की जानकारी दे रहे थे, जिसमें उन्होंने देश की मौजूदा आर्थिक स्थिती और आगे की संभावनाओं पर भी बात की। इस वर्ष के लिए भारत की वृद्धि संबंधी अनुमानित आकड़ों को बदला गया है और अनुमान है कि इस वर्ष देश की अर्थव्यवस्था लगभग 7% की दर से बढ़ेगी। उन्होंने कहा कि भारत की अर्थव्यवस्था 2024 में 6.9 प्रतिशत और 2025 में 6.6 प्रतिशत की दर से बढ़ने का अनुमान है, जो मुख्य रूप से मजबूत सार्वजनिक निवेश और लचीली निजी खपत से प्रेरित है। हालांकि, कमजोर बाहरी मांग का व्यापारिक निर्यात वृद्धि पर असर जारी रहेगा, औषधि और रसायनों के निर्यात में जोरदार वृद्धि की उम्मीद है। संयुक्त राष्ट्र ने जनवरी में भारत की वृद्धि दर 6.2 प्रतिशत रहने का अनुमान जताया था, लेकिन ताजा आए आकड़ों से पता चला की अनुमान से अधिक 6.9 प्रतिशत दर्ज की गई।
चीन भारत से पीछे
UN ने कहा चीन की जीडीपी में मामूली वृद्धि हुई है। इस वर्ष चीन की वृद्धि दर 4.8 प्रतिशत रहने की उम्मीद है, जिसका अनुमान जनवरी में 4.7 प्रतिशत लगाया गया था। चीन की वृद्धि दर 2023 की 5.2 प्रतिशत दर से घटकर 2024 में 4.8 प्रतिशत रहने का अनुमान है।