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भगवान जगन्नाथ के मंदिर में रथ यात्रा की तैयारियां तेज, मुस्लिम कारिगर बना रहे रथ

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रायपुर

छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में स्थित भगवान जगन्नाथ के मंदिर में रथ यात्रा की तैयारियां तेज हो चुकी हैं। 40 साल बाद पहली बार भगवान जगन्नाथ के रथ को बदला जा रहा है। 9 अप्रैल से रथ बनाने का काम शुरू किया गया है। मई के आखरी तक रथ बनकर तैयार हो जाएगा, जिसे बिलकुल नए तरीके से बनाया रहा है।

बता दें, देश भर में 7 जुलाई को भगवान जगन्नाथ की रथ यात्रा निकाली जाएगी। प्रदेश की राजधानी में भी हर साल भगवान जगन्नाथ की रथयात्रा निकाली जाती है। इस साल की रथयात्रा काफी अनोखी रहने वाली है। भगवान के रथ को इस बार मुस्लिम कारिगर हबीब खान और उनके बेटे रियाज खान बना रहे हैं। मुस्लिम कारिगरों ने इससे पहले नागपुर और गोंदिया में भी रथ तैयार किया है। मुस्लिम कारीगर ने बताया कि, हिंदू धर्म के अनुसार रथ का निर्माण किया जा रहा है।

मंदिर प्रबंधन ने बताया कि, भगवान का पुराना रथ खराब हो गया, इसलिए नया रथ तैयार करवाया जा रहा है। ढाई क्विंटल नीम और सराई की लकड़ी से भगवान जगन्नाथ जी का रथ बनाया जा रहा है। बता दें, रथयात्रा के दिन भारी भीड़ के कारण रथ को मोड़ने में दिक्कत होती है। इसलिए इस रथ में नई तकनीक का इस्तेमाल किया गया है। रथ में स्टेरिंग की सुविधा मिलेगी। जिसे दो आदमी बड़ी आसानी से कहीं भी मोड़ सकते हैं। दुर्घटना से बचने के लिए इसमें ब्रेक की भी सुविधा रहेगी। इसके अलावा रथ और पहियों में विशेष नक्काशी की जाएगी जिससे रथ की शोभा और भी बढ़ जाएगी।

कारीगर हबीब खान ने जानकारी देते हुए बताया कि भगवान का रथ नीम और सराई की लकड़ी से ही बनाया जाता है। रथ को टिकाऊ बनाने के लिए इसमें सरई का इस्तेमाल किया गया है। 80 फीसदी रथ नीम से बन रहा है। वहीं रथ की ऊंचाई 17 फीट होगी।

कारिगर ने बताया कि इस रथ में लोहे के चक्के लगे हुए हैं। रथ में चढ़ने के लिए अलग से सीढ़ी भी बनाई गई है। इसका कुल वजन 2500 किलो तक रहेगा। यह रथ 1000 किलो तक वजह उठा सकता है। अगले 70 सालों तक इस रथ का इस्तेमाल किया जा सकेगा।

 

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