तेलंगाना के सिंचाई विभाग के कार्यकारी इंजीनियर नूने श्रीधर के खिलाफ भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (ACB) ने बड़ा खुलासा किया है. श्रीधर पर आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने का आरोप है, जिसके तहत उनकी अरबों की संपत्ति जब्त की गई है. मंगलवार को ACB ने श्रीधर और उनके रिश्तेदारों से जुड़े 13 ठिकानों पर छापेमारी की, जिसमें एक शानदार विला, 19 प्राइम रिहायशी प्लॉट, तीन स्वतंत्र इमारतें, 16 एकड़ कृषि भूमि, दो लग्जरी गाड़ियां, सोने के आभूषण और भारी बैंक जमा राशि बरामद हुई.
नूने श्रीधर, जो करीमनगर के चोप्पडांडी में SRSP कैंप के डिवीजन नंबर 8 में तैनात थे, कथित तौर पर अवैध तरीकों और संदिग्ध साधनों से यह संपत्ति जमा करने में शामिल थे. ACB के अनुसार, इन संपत्तियों का बाजार मूल्य उनके रजिस्टर्ड मूल्य से कहीं अधिक है. जांच में यह भी पता चला कि श्रीधर ने अपने बेटे की शादी के लिए थाईलैंड में करोड़ों रुपये खर्च किए. इस शाही शादी ने ACB का ध्यान खींचा, जिसके बाद छापेमारी शुरू हुई.
श्रीधर का नाम विवादास्पद कालेश्वरम लिफ्ट इरिगेशन प्रोजेक्ट से भी जुड़ा है, जिसे दुनिया का सबसे बड़ा मल्टी-स्टेज लिफ्ट इरिगेशन प्रोजेक्ट कहा जाता है. इस परियोजना में वित्तीय अनियमितताओं की जांच चल रही है, और श्रीधर की भूमिका भी सवालों के घेरे में है. ACB ने उनके मलकपेट (हैदराबाद) स्थित आवास, करीमनगर में कार्यालय, और वारंगल व सिद्दीपेट में रिश्तेदारों के घरों पर तलाशी ली. इस दौरान वित्तीय दस्तावेज, संपत्ति के कागजात और लेनदेन के रिकॉर्ड जब्त किए गए, जिनकी जांच से सिंचाई विभाग के ठेकों में भ्रष्टाचार के संभावित लिंक की पड़ताल हो रही है.
ACB ने श्रीधर को करीमनगर से गिरफ्तार कर हैदराबाद लाया, जहां उनके खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया. उन्हें बुधवार को न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया. अधिकारियों का कहना है कि श्रीधर के पास हैदराबाद के शेखपेट में 4,500 वर्ग फुट का एक प्रीमियम फ्लैट, तेल्लापुर में एक लग्जरी विला, अमीरपेट में कमर्शियल स्पेस, और करीमनगर में होटल व्यवसाय में हिस्सेदारी भी है.