चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (CDS) जनरल अनिल चौहान ने शांग्री-ला डायलॉग में जो कहा, वो न सिर्फ ऑपरेशन सिंदूर की कामयाबी की झलक थी, बल्कि पाकिस्तान और उसके आकाओं के लिए एक रणनीतिक संदेश भी था. सीडीएस ने कहा कि भारत ने ऑपरेशन सिंदूर के तहत पाकिस्तान के अंदर 300 किलोमीटर तक सटीक हवाई हमले किए, जिनका लक्ष्य वहां के एयरफील्ड्स और सैन्य बुनियादी ढांचे को नुकसान पहुंचाना था. उनका यह बयान भारत की आर्मी स्ट्रैटजी और आक्रामकता का सिर्फ एक नमूना है.
कौन-कौन से शहर जद में थे?
अगर भारत 300 किलोमीटर तक पाकिस्तान की सीमा के भीतर हवाई हमले करने में सक्षम रहा, तो इसका अर्थ है कि लाहौर, मुल्तान, बहावलपुर, सियालकोट, डेरा गाजी खान, और यहां तक कि पाकिस्तान का अहम सैन्य केंद्र झंग और सरगोधा भी भारत की हवाई मारक क्षमता की जद में थे. इन सभी इलाकों में या तो एयरबेस मौजूद हैं या फिर रणनीतिक सैन्य ठिकाने, और भारत ने इन्हें टारगेट किया. CDS चौहान ने स्पष्ट किया कि ये हमले “एयर डिफेंस के बावजूद” हुए किए गए. यानी पाकिस्तान की चीन-सप्लायड मिसाइल डिफेंस सिस्टम और एयर सर्विलांस तकनीकों को भारत ने या तो नाकाम किया या चुपचाप पार कर लिया.
क्या भारत 1971 से भी आगे निकल गया?
1971 की लड़ाई में भारत ने पूर्वी पाकिस्तान को अलग कर बांग्लादेश बनाया था, लेकिन वो एक पारंपरिक युद्ध था. जिसमें जमीनी और सीमित मोर्चे पर लड़ाई लड़ी गई. अब भारत ने पहली बार ‘कॉन्टिनेंटल पाकिस्तान’ यानी पश्चिमी पाकिस्तान के गहरे हिस्सों में हवाई हमले किए हैं, वो भी सीधे सैन्य ठिकानों पर हमले किए गए, ये 1971 से अलग और रणनीतिक तौर पर कहीं ज्यादा आक्रामकता दिखाते हैं. इस ऑपरेशन ने दिखाया कि भारत के पास अब न केवल ताकत है, बल्कि राजनीतिक इच्छाशक्ति भी है.
‘लेसन फॉर अवर एडवर्सरी’
जनरल चौहान ने कहा: “This is a lesson for our adversary.” यानी अब ये भारत का नया रुख है, जो आतंकवाद के प्रति सिर्फ प्रतिक्रिया नहीं देता, बल्कि नीति, नियत और निर्णायक जवाब के साथ पहले ही संदेश दे देता है. उन्होंने यह भी कहा कि भारत पिछले 20 वर्षों से proxy war का सामना कर रहा है. पाकिस्तान आतंकियों का इस्तेमाल कर भारत को अस्थिर करने की कोशिश करता रहा है, लेकिन अब भारत ने पहली बार यह बता दिया है कि सीमा पार से प्रॉक्सी वार की कीमत अब पाकिस्तान को अपनी सीमा के भीतर चुकानी होगी. CDS ने यह भी कहा कि भारत ने अब आतंकवाद को लेकर नई ‘रेड लाइन’ खींच दी है. यानी अब टोलरेंस या सहनशीलता की सीमा बदल चुकी है. हर आतंकी हमला अब सिर्फ एक जवाबी कार्रवाई नहीं, बल्कि एक रणनीतिक पलटवार को जन्म देगा.
पाकिस्तान और चीन को एक स्पष्ट संदेश
भारत का यह कदम न केवल पाकिस्तान को, बल्कि चीन जैसे दुश्मनों को भी परोक्ष रूप से एक सख्त संदेश देता है कि भारत अब सिर्फ डिफेंस नहीं, बल्कि डॉमिनेंस (प्रभुत्व) की नीति पर चल रहा है. भारत अब टालता नहीं, ठीक करता है, और वह भी दुश्मन के घर में घुसकर. CDS चौहान के मुताबिक, ऑपरेशन सिंदूर सिर्फ एक जवाब नहीं था. यह भारत की सैन्य मानसिकता और नीति में आए मूलभूत परिवर्तन का प्रदर्शन था.