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अमेरिका के राष्ट्रपति, टैरिफ वॉर में हीलाहवाली पर मिला नया नाम – TACO, जानिए है क्या

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पिछले कुछ महीनों में वॉल स्ट्रीट ने राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के बार-बार बदलते टैरिफ के खतरों के कारण ऐतिहासिक उतार-चढ़ाव का सामना किया है. अब निवेशक उनकी बातों को हल्के में लेना सीख रहे हैं. इसका कारण है एक नया ट्रेडिंग ट्रेंड TACO, जिसका मतलब है ‘Trump Always Chickens Out’. यानी, ट्रंप के नए टैरिफ खतरों से ज्यादा परेशान न हों और बेचने की होड़ में न लग जाएं, क्योंकि आखिरकार वह अपने इस फैसले से पीछे हट जाएंगे और राहत की लहर आएगी.

राष्‍ट्रपति ट्रंप ने कहा कि उन्होंने इस शब्द के बारे में पहली बार बुधवार को सुना, जब एक रिपोर्टर ने उनसे इस पर प्रतिक्रिया मांगी. ट्रंप बोले, मैं पीछे हटता हूं? ओह, मैंने कभी नहीं सुना. आप कह रहे हैं, क्योंकि मैंने चीन से 145% टैरिफ को 100% पर कर दिया और फिर एक बार घटा दिया?’ ट्रंप ने बुधवार को कहा कि चीनी वस्तुओं पर अब 30 फीसदी टैरिफ है, जो पहले 145 फीसदी लगाया गया था.

यूरोप को भी दी है धमकी
पिछले हफ्ते ट्रंप ने यूरोपीय संघ को भी धमकी दी थी, जब 1 जून से यूरोपीय संघ से आने वाले सामानों पर 50% टैरिफ लगाने की बात कही. उनके इस खतरे के बाद स्टॉक्स नीचे आ गए, जिसे उन्होंने दिन में बाद में दोहराया, यह दावा करते हुए कि बातचीत की कोई गुंजाइश नहीं है. अब दो दिन बाद, उन्होंने कहा कि वह 9 जुलाई तक ईयू सामानों पर 50% टैरिफ लगाने का इंतजार करेंगे, क्योंकि बातचीत सकारात्मक रही. मेमोरियल डे के बाद जब अमेरिकी बाजार फिर से खुले, तो स्टॉक्स हरे निशान में बंद हुए. ट्रंप ने यह भी कहा था कि वह इस कदम को टालने के लिए तैयार थे, क्योंकि ईयू के प्रतिनिधियों ने उन्हें फोन कर मिलने का आग्रह किया है.

रिपोर्टर ने पूछ- आप फिर पीछे हटेंगे
राष्‍ट्रपति के आधिकारिक कार्यालय ओवल ऑफिस में कार्यक्रम के दौरान एक रिपोर्ट ने पूछा कि क्‍या आप ईयू और चीनी टैरिफ से पीछे हटना चाहते हैं. इस पर ट्रंप ने जवाब दिया- ‘इसे बातचीत कहा जाता है. हमारी रणनीति अपनी डिमांड पर दूसरे देशों के साथ समझौते करना है.’

पहले भी बदलते रहे ट्रंप के सुर
डोनाल्‍ड ट्रंप के चीन और ईयू पर यू-टर्न ही एकमात्र बदलाव नहीं हैं. उन्‍होंने पहले भी अपने सुर लगातार बदले हैं. 2 अप्रैल को उन्होंने दर्जनों देशों पर व्यापक टैरिफ की घोषणा की, जो 9 अप्रैल से प्रभावी होने वाले थे. प्रभावी होने के कुछ घंटों बाद, उन्होंने चीन को छोड़कर सभी देशों के लिए 90 दिन की मोहलत दे दी. उनका कहना था कि निवेशकों को हो रहे नुकसान की वजह से ऐसा किया है. यह बात सच भी थी, क्‍योंकि टैरिफ लगाने पर शेयर बाजार में लगात