भारत-पाकिस्तान सीजफायर पर बहुत बड़ा खुलासा हुआ है. विदेश सचिव विक्रम मिसरी ने 10 मई को कहा था कि पाकिस्तान के डीजीएमओ की ओर से गुहार लगाई गई, इसके बाद भारत ने सीजफायर करने का फैसला किया. लेकिन अब विदेश मंत्रालय ने इसके पीछे की कहानी बताई है, जिसे जानकर आप भी दंग रह जाएंगे. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने बताया कि 10 मई को साढ़े तीन बजे से 3 घंटे पहले ही पाकिस्तान हार मान चुका था. उसने दिल्ली में फोन भी लगाया था, लेकिन तब बात नहीं हो पाई थी. बाद में डीजीएमओ ने हॉटलाइन पर बात की.
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने पूरी बात बताई कि आखिर सीजफायर के दिन भारत और पाकिस्तान के बीच बातचीत कैसे शुरू हुई. उन्होंने कहा, जब इंडियन एयरफोर्स ने पाकिस्तानी एयरबेस तबाह करने शुरू किए तो 10 मई की सुबह पाकिस्तानी DGMO ने भारत से संपर्क करने की कोशिश की, लेकिन तकनीकी कारणों की वजह से पाकिस्तान से हॉटलाइन पर उस वक्त कनेक्ट नहीं किया जा सका. इसके बाद उन्होंने पाकिस्तानी हाईकमीशन को भारत से बात करने के लिए कहा.
जब पाकिस्तान हाईकमीशन ने लगाई गुहार
विदेश मंत्रालय ने बताया कि पाकिस्तानी हाईकमीशन ने 10 मई को दोपहर में 12:37 बजे भारतीय विदेश मंत्रालय से संपर्क किया. बाद में दोनों देशों के डीजीएमओ के बीच 10 मई को दोपहर बाद 03:35 बजे हॉटलाइन पर बात हुई. यह तभी हुआ जब हमने पाकिस्तान के एयरबेस को तबाह करना शुरू कर दिया. उसके बाद पाकिस्तान गोलीबारी रोकने की गुहार लगाने लगा. मैं स्पष्ट कर दूं कि यह भारत के हथियारों की ताकत थी, जिसने पाकिस्तान को गोलीबारी रोकने के लिए मजबूर किया.