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2161 करोड़ का घोटाला! भूपेश बघेल के बेटे चैतन्य पर शिंकजा, सुबह-सुबह ED ने मारी रेड

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छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के बेटे चैतन्य बघेल के घर पर प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने सोमवार सुबह रेड मारी. केंद्रीय जांच एजेंसी ने राज्यभर में कुल 14 स्थानों पर छापेमारी की, जिसमें चैतन्य बघेल के ठिकाने भी शामिल हैं. यह कार्रवाई कथित आर्थिक अनियमितताओं और धन शोधन (मनी लॉन्ड्रिंग) से जुड़े मामलों को लेकर की जा रही है.

सुबह-सुबह हुई इस रेड के बाद रायपुर समेत पूरे राज्य की राजनीति में हलचल मच गई है. बताया जा रहा है कि ईडी की कई टीमें एक साथ अलग-अलग जगहों पर छापेमारी कर रही हैं और इस दौरान कई महत्वपूर्ण दस्तावेजों और डिजिटल डाटा की जांच की जा रही है.

ED की रेड पर क्या बोले भूपेश बघेल
अपने बेटे के खिलाफ ED की कार्रवाई को लेकर पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने भी प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, ‘सात वर्षों से चले आ रहे झूठे केस को जब अदालत में बर्खास्त कर दिया गया तो आज ED के मेहमानों ने पूर्व मुख्यमंत्री, कांग्रेस महासचिव भूपेश बघेल के भिलाई निवास में आज सुबह प्रवेश किया है. अगर इस षड्यंत्र से कोई पंजाब में कांग्रेस को रोकने का प्रयास कर रहा है, तो यह गलतफहमी है.’

जांच एजेंसी के सूत्र के मुताबिक, ये सर्च ऑपरेशन छत्तीसगढ़ में हुए शराब घोटाले से जुड़े मामले में किया गया. छत्तीसगढ़ में हुए ये शराब घोटाला से जुड़ा मामला करीब 2161 करोड़ का है. इस मामले में अब तक कई चर्चित अधिकारियों और एक पूर्व मंत्री की भी गिरफ्तारी हो चुकी है, लेकिन अब जैसे जैसे तफ्तीश का दायरा आगे बढ़ रहा है कई लोगों की मुश्किलें बढ़ती हुई नजर आ रही हैं.

पूर्व आबकारी मंत्री कवासी लखमा हुए थे गिरफ्तार
इसी साल ईडी ने एक बड़ी कार्रवाई को अंजाम देते हुए छत्तीसगढ़ के पूर्व आबकारी मंत्री कवासी लखमा को गिरफ्तार किया था. उनसे हुई पूछताछ के आधार पर आज तफ्तीश का दायरा अब चैतन्य बघेल तक पहुंचता हुआ दिखाई दे रहा है. दरअसल लखमा को पूछताछ के लिए 15 जनवरी को तीसरी बार बुलाया गया था, लेकिन वे पेश नहीं हुए. इस कारण जांच में सहयोग नहीं करने के आरोप में उन्हें ईडी के रायपुर दफ्तर में ही गिरफ्तार कर लिया गया.

दरअसल छत्तीसगढ़ में कवासी लखमा के खिलाफ एक गंभीर आरोप उस वक्त लगा था, जब वो राज्य में आबकारी मंत्री थे. उसी दौरान करोड़ों रुपये की मनी लॉन्ड्रिंग करने का आरोप लगा था. इस मामले में पिछले साल 28 दिसंबर को छत्तीसगढ़ समेत कई अन्य लोकेशन पर जांच एजेंसी ने सर्च ऑपरेशन चलाया और फिर उसमें मिले सबूत के आधार पर 15 जनवरी को आखिरकार लखमा को गिरफ्तार कर लिया गया. इस मामले में अब तक अनिल टुटेजा, अनवर ढेबर और एपी त्रिपाठी समेत कई अन्य आरोपियों को गिरफ्तार किया जा चुका है. जांच एजेंसी के सूत्र बताते हैं कि जल्द ही कुछ अन्य आरोपियों की भी गिरफ्तारी भी इस मामले में संभव है.

कवासी लखमा पर क्या आरोप
जांच एजेंसी के सूत्र की मानें तो पूर्व आबकारी मंत्री कवासी लखमा पर इस शराब घोटाले में करीब 72 करोड़ रुपये कमीशन लेने का आरोप है. दरअसल ये मामला साल 2019 का है, जब छत्तीसगढ़ में लाइसेंसी शराब की दुकानों पर डुप्लीकेट होलोग्राम लगाकर बड़ी मात्रा में अवैध मात्रा में शराब बेची जाने का मामला सामने आया था. इस कारण राज्य सरकार को करोड़ों रुपये का राजस्व का नुकसान हुआ था.

जांच एजेंसी की तफ्तीश में ये बात सामने आई थी कि होलोग्राम बनाने के लिए उत्तर प्रदेश के नोएडा स्थित एक कंपनी को टेंडर दिया गया था, जहां से ये नकली होलोग्राम बनाए गए. जांच एजेंसी के सूत्र बताते हैं कि यह कंपनी इस टेंडर प्रक्रिया के लिए पात्र भी नहीं थी, लेकिन नियमों में संशोधन करके और कानून को दरकिनार करते हुए उसी कंपनी को टेंडर दे दिया गया और उसके बदले में कंपनी के मालिकों से कमीशन में करोड़ों रुपये ले लिए गए. कवासी लखमा ने कमिशन में मिले उन 72 करोड़ रुपयों को अपने बेटे के लिए आलिशान बंगला बनाने सहित कई अन्य खर्चों के लिए प्रयोग किया गया.