व्हाइट हाउस ने मंगलवार को घोषणा की कि वह राष्ट्रपति ट्रम्प को कवर करने वाले प्रेस पूल पर नियंत्रण कर रहा है. इस प्रकार वह दशकों में पहला प्रशासन बन गया है, जो तय करेगा कि कौन से समाचार संगठनों और कौन से पत्रकारों को ओवल ऑफिस और एयर फोर्स वन जैसे स्थानों में राष्ट्रपति से सवाल पूछने के लिए निकट जाने की अनुमति दी जाएगी.
बुधवार की रात, व्हाइट हाउस कॉरेस्पोंडेंट एसोसिएशन के अध्यक्ष यूजीन डेनियल्स ने घोषणा की कि अब ये एसोसिएशन अब व्हाइट हाउस के चुने हुए संवाददाताओं की पूल रिपोर्ट वितरित नहीं करेगा बल्कि ये काम व्हाइट हाउस ही करेगा. अब ये समझने की बात है कि ये सब पहले कैसे होता था. व्हाइट हाउस में जब रिपोर्टर पहुंचते थे, तो उन्हें किस आधार पर वहां पहुंचने और प्रेसीडेंट से सवाल करने की अनुमति मिलती थी.
हाल ही जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अमेरिका गए और उन्होंने डोनाल्ड ट्रंप के साथ मीडिया के सवालों का जवाब दिया तो उसमें कोई भारतीय मीडिया नहीं था. जिस पर देश में बहुत से लोगों का सवाल था कि व्हाइट हाउस में होने वाली प्रेस कांफ्रेंस में किस आधार पर पत्रकारों को बुलाया जाता है. तो हम पहले ये जानेंगे कि व्हाइट हाउस का प्रेस पूल क्या होता है. फिर ये जानेंगे कि व्हाइट हाउस अब इसे कैसे खुद कंट्रोल करने वाला है.
व्हाइट हाउस प्रेस पूल (White House Press Pool) एक चुनी हुई पत्रकारों की टीम होती है, जो अमेरिकी राष्ट्रपति और उनके प्रशासन की गतिविधियों को कवर करती है और बाकी मीडिया संगठनों के साथ जानकारी साझा करती है। इसका मुख्य उद्देश्य यह सुनिश्चित करना होता है कि राष्ट्रपति की कवरेज हमेशा बनी रहे, चाहे वे किसी भी स्थान पर हों।
प्रेस पूल में आमतौर पर प्रमुख समाचार संगठनों के पत्रकार शामिल होते हैं, जिनमें प्रिंट, ब्रॉडकास्ट (टेलीविजन/रेडियो), और डिजिटल मीडिया के रिपोर्टर होते हैं. इसका चयन अब तक “व्हाइट हाउस कॉरेस्पोंडेंट्स एसोसिएशन” (WHCA) करता रहा था, जो खुद पत्रकारों का एक संगठन है. इससे अमेरिका के तकरीबन सारे ही बड़े मीडिया हाउस जुड़े हैं. 1914 में बनाया गया WHCA एक स्वतंत्र समूह है जिसके सदस्यों को राष्ट्रपति को कवर करने के लिए मान्यता प्राप्त है.
इसमें रोटेशन प्रणाली के तहत पत्रकारों को अब तक अनुमति दी जाती रही है. चूंकि व्हाइट हाउस की गतिविधियों को कवर करने के लिए सीमित संख्या में पत्रकारों को ही अनुमति मिलती है, इसलिए प्रेस पूल एक रोटेशन सिस्टम के तहत काम करता है. विभिन्न मीडिया संगठनों को बारी-बारी से कवरेज का मौका मिलता है, और वे अपनी रिपोर्ट अन्य पत्रकारों से साझा करते हैं. व्हाइट हाउस प्रेस पूल की स्थापना राष्ट्रपति ड्वाइट डी. आइजनहावर के कार्यकाल के दौरान की गई थी.
राष्ट्रपति की आधिकारिक यात्राओं, बैठकों और ब्रीफिंग्स को कवर करना.
– रिपोर्ट को पूरी प्रेस कम्युनिटी के साथ साझा करना, खासकर तब जब सभी पत्रकार किसी इवेंट में शामिल नहीं हो सकते.
– जब राष्ट्रपति अचानक किसी जगह जाते हैं (जैसे आपातकालीन दौरा), तब प्रेस पूल वहां जाकर कवरेज देता है.
वर्तमान में इसमें तीन वायर सेवा रिपोर्टर, दो प्रिंट या ऑनलाइन रिपोर्टर, एक रेडियो रिपोर्टर, चार फोटोग्राफर, तथा एक टेलीविजन क्रू शामिल हैं, जिसमें एक निर्माता, एक ऑडियो तकनीशियन और एक कैमरा ऑपरेटर शामिल हैं. एक बार यह तय हो जाने के बाद, नामों की सूचना व्हाइट हाउस को दी जाती है, जो ओवल ऑफिस, एयरफोर्स वन या अन्य सुरक्षित क्षेत्रों तक पहुंच प्रदान करने के लिए आवश्यक व्यवस्था करने में मदद करता है.
– व्हाइट हाउस का यह कदम संयुक्त राज्य अमेरिका में स्वतंत्र प्रेस की स्वतंत्रता को खतरे में डालता है. ये कहता है कि सरकार उन पत्रकारों को चुनेगी जो राष्ट्रपति को कवर करेंगे.
व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव कैरोलिन लेविट ने मंगलवार को कहा कि व्हाइट हाउस तय करेगा कि पूल स्लॉट में कौन-कौन शामिल होगा न कि संवाददाताओं का संघ. इसस ट्रंप प्रशासन को यह चुनने का अधिकार मिल जाता है कि कौन-कौन से पत्रकार राष्ट्रपति की गतिविधियों को जनता तक पहुंचाएंगे, कौन से उनसे सवाल पूछेंगे और कौन से पत्रकार व्हाइट हाउस की प्रेस ब्रीफिंग्स में शिरकत करेंगे.
मतलब अब व्हाइट हाउस प्रेस टीम इसका चयन करेगी.
यह बदलाव ऐसे समय में हुआ है जब व्हाइट हाउस प्रमुख समाचार संगठनों की कवरेज की क्षमता को कम कर रहा है.ट्रंप के प्रेस स्टाफ ने पहले ही एसोसिएटेड प्रेस को पूल से बाहर कर दिया था क्योंकि उसने मैक्सिको की खाड़ी को अमेरिका की खाड़ी के रूप में संदर्भित करने की राष्ट्रपति की मांग का पालन करने से इनकार कर दिया था. प्रशासन ने कहा कि एपी को पूल से प्रतिबंधित किया जाएगा और रॉयटर्स को भी भाग लेने की अनुमति नहीं दी जाएगी.
व्हाइट हाउस ने स्पष्ट रूप से नहीं बताया है, लेकिन लेविट का कहना है कि वह पॉडकास्टर्स, सोशल मीडिया एन्फ्लुसेंसर्स और अलग तरह का न्यूज आधारित कंटेंट तैयार करने वालों तक पहुंच बढ़ाना चाहती हैं.
हाल के सप्ताहों में, व्हाइट हाउस प्रशासन ने उनके प्रति सहानुभूति रखने वाले पक्षपातपूर्ण व्यक्तियों की पहुंच बढ़ाने की दिशा में कदम उठाए हैं.