एयरपोर्ट पर जैसे जैसे नोटबुक के पन्ने पलट रहे थे, एयर इंटेलिजेंस यूनिट के अफसरों की आंखों में चमक और सामने खड़ी लड़कियों के दिल की धड़कन बढ़ती जा रही थी. नोटबुक में दर्ज ‘खास इबारत’ को बेपर्दा होते देख लड़कियों का चेहरा पूरी तरह से फक्क पड़ चुका था. वहीं, नोटबुक के आखिरी पन्ने पर पहुंचने के बाद जो सच सामने आया, उसे देखकर एयर इंटेलिजेंस अफसरों का मुंह खुला का खुला रह गया.
उन्हें इस बात का भरोसा ही नहीं हो रहा था कि मासूम सी देखने वाली तीन लड़कियां इतने शातिराना तरीके से ₹34700000 की साजिश को अंजाम भी दे सकती हैं. खैर, विदेशी कॉलेज में पोस्ट ग्रेजुएशन कर रहीं तीनों लड़कियों से पूछताछ शुरू हुई तो हैरान करने वाली कुछ नई बातें सामने आ खड़ी हैं. पूछताछ के दौरान, इन तीनों लड़कियों ने उस महिला के नाम का खुलासा भी कर दिया, जिसके इशारे पर ये तीनों ‘गुलखिलाने’ दुबई जा रही थी.
दरअसल, यह मामला महाराष्ट्र के पुणे एयरपोर्ट से जुड़ा हुआ है. पुणे एयरपोर्ट पर तैनात एयर इंटेलिजेंस यूनिट के अफसरों को स्पेसिफिक इंटेलिजेंस इनपुट मिला था कि नोटबुक के पन्नों के बीच विदेशी करेंसी छिपाकर तस्करी की कोशिश की गई है. तस्करी करने वाली तीनों लड़कियां स्टूडेंट्स हैं. हालांकि, कस्टम एआईयू के पास जबतक यह सूचना पहुंचती, तबतक तीनों लड़कियां अपनी नोटबुक के साथ दुबई के लिए टेकऑफ कर चुकी थीं.
वहीं, कस्टम एआईयू यूनिट भी किसी भी कीमत पर तीनों लड़कियों को बख्शने के मूड में नहीं दिख रही थी. लिहाजा, इंडियन एथॉरिटीज के जरिए दुबई एयरपोर्ट पर संपर्क किया गया और तीनों लड़कियों वापस पुणे भेजने का अनुरोध किया गया. वहीं, ये तीनों लड़कियां जैसे ही दुबई एयरपोर्ट पहुंचीं, उन्हें अगली उलपब्ध फ्लाइट से पुणे के लिए रवाना कर दिया गया. पुणे एयरपोर्ट पर लैंड होते ही तीनों लड़कियों को एआईयू ने अपने हिरासत में ले लिया
जांच के दौरान, इनके कब्जे से नोटबुक बरामद की गई. जिसके भीतर 4 लाख यूएस डालर छिपाए गए थे. छिपाए गए डालर्स की भारतीय करेंसी में कीमत करीब 3.47 करोड़ रुपए है. पूछताछ में पता चला कि तीनों लड़कियां पोस्टग्रेजुएशन कर रही हैं. इसके अलावा, खुशबू अग्रवाल नामक एक ट्रैवल एजेंट ने उनकी दुबई की टिकट बुक की थीं. साथ ही, वह खुशबू अग्रवाल ही थी, जिसने विदेशी करेंसी उन्हें मुहैया कराई थी. तीनों लड़कियों की गवाही के आधार पर कस्टम ने खुशबू अग्रवाल को भी गिरफ्तार कर लिया है.