बुधवार तड़के लद्दाख क्षेत्र के सियाचिन सेंट्रल ग्लेशियर (Siachen Glacier) में स्थित सेना के एक टेंट में शार्ट सर्किट होने से आग लग गई; जिसमें भारतीय सेना के एक अधिकारी की मौत हो गई और तीन सैनिक झुलस गए. अधिकारियों ने कहा कि इस घटना में उत्तर प्रदेश के लखनऊ के कैप्टन अंशुमान सिंह की मौत हो गई है. घायल सैनिकों को एयरलिफ्ट कर लिया गया है और अब उनकी हालत स्थिर बताई जा रही है. घायलों को हैलिकॉप्टर के ज़रिए चंडीगढ़ आर्मी अस्पतालों भर्ती कराया गया है.
लेह स्थित रक्षा प्रवक्ता लेफ्टिनेंट कर्नल पीएस सिद्धू ने कहा कि घटना सुबह करीब 3:30 बजे हुई. यहां रेजिमेंटल मेडिकल ऑफिसर कैप्टन अंशुमान सिंह की गंभीर रूप से जलने के कारण मृत्यु हो गई. 3 अन्य सैनिक सेकेंड-डिग्री जलने से घायल हैं. आग लगने से लेफ्टिनेंट कर्नल रैंक के एक अधिकारी सहित 6 घायल है जिसमें 3 पोर्टर भी शामिल हैं. पोर्टर को हलकी चोट आई है. इसमें घायलों को एयरलिफ्ट कर इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कर लिया गया है.
सियाचिन ग्लेशियर के एक तरफ पाकिस्तान तो दूसरी तरफ चीन
भीषण ठंड, जलवायु और हिमस्खलन के क्षेत्रों के कारण यहां किसी भी अन्य क्षेत्र के मुकाबले कहीं अधिक संख्या में जानें गई हैं. खराब मौसम और हालातों को देखते हुए सेना किसी भी सैनिक को यहां केवल 3 महीनों के लिए ही तैनात कर सकती है. इस ग्लेशियर को मौत की घाटी भी कहते हैं. समुद्र तल से औसतन 18000 फीट की ऊंचाई पर स्थित सियाचिन ग्लेशियर के एक तरफ पाकिस्तान की सीमा है तो दूसरी तरफ चीन की सीमा अक्साई चीन इस इलाके में है. भारत को इन दोनों देशों पर नजर रखने के लिए इस क्षेत्र में अपनी सेना तैनात करना बहुत जरूरी है.