बीजापुर, सुकमा, दंतेवाड़ा और नारायणपुर समेत नक्सल प्रभावित इलाकों की पुलिस को लगातार इनपुट मिल रहे हैं कि नक्सलियों के पास काफी संख्या में 2000 के नोट हो सकते हैं, जिन्हें नोटबंदी की वजह से वे सितंबर से पहले कस्बाई-शहरी इलाकों में खपाने या सहयोगियों के बैंक खातों में जमा करवाने की कोशिश कर सकते हैं। बीजापुर में शुक्रवार को 2 हजार वाले तीन बंडल (300 नोट) पकड़े जाने के बाद बस्तर आईजी ने सभी जिलों में बैंकों तथा कस्बों पर पुलिस को फोकस करने के लिए कहा है। सरगुजा के नक्सल मूवमेंट वाले जिले बलरामपुर में भी एसपी ने तेंदूपत्ता ठेकेदारों से लेवी रोकने तथा बड़े नोट लाए जाने की आशंका को देखते हुए सरहदी इलाकों में गश्त शुरू करवा दी है।
पुलिस को आशंका है कि मूवमेंट आसान होने की वजह से नक्सलियों ने वसूली की ज्यादातर रकम 2 हजार वाले नोटों में ही डंप रखी है। नक्सली इस बात से भी घबराए हैं कि सितंबर तक 2 हजार रुपए वाले नोटों के बदलवाने की समयसीमा है, अर्थात तब तक सारे नोट खपाने होंगे। बस्तर में कस्बाई इलाकों या बैंक शाखाओं वाले गांवों तक बड़े कैश के साथ मूवमेंट आसान नहीं है। माना जा रहा है कि नक्सलियों ने संभवत: इसीलिए छोटी-छोटी पार्टियों के जरिए 2 हजार वाले तीन-चार बंडलों को खपाने का प्लान किया है। पुलिस के पास भी यह इनपुट है, इसलिए जांच बढ़ाई गई है। इसी का नतीजा है कि बीजापुर में शनिवार को दो नक्सल सहयोगियों को 2 हजार वाले नोटों के साथ पकड़ा गया, जबकि वे कुछ नोट दूसरे बैंकों में जमा भी कर चुके थे।
पहली नोटबंदी में भी कैश के साथ फंसे थे नक्सली
बस्तर पुलिस के मुताबिक पहली नोटबंदी के दौरान भी नक्सलियों के नोटों के साथ बस्तर के लगभग समूचे ज्यादा नक्सलप्रभावित जिलों में लोग पकड़े गए थे। तब कुछ नक्सली भी बड़े कैश के साथ पुलिस के हत्थे चढ़े थे। इसलिए भी इस बार की नोटबंदी को ध्यान में रखते हुए पुलिस ने घेरा कस दिया है।
संभावना है कि नक्सली 2 हजार वाले नोट बदलने निकलें या पार्टियां भेजें। इसलिए बैंकों पर नजर रखी जा रही है। यह ध्यान भी रख रहे हैं कि नोट बदलवाने पहुंचे लोग परेशान न हों। -सुंदरराज पी, आईजी-बस्तर