Home छत्तीसगढ़ जन्माष्टमी पर श्रीकृष्ण की पूजा के लिए ये है सबसे शुभ मुहूर्त

जन्माष्टमी पर श्रीकृष्ण की पूजा के लिए ये है सबसे शुभ मुहूर्त

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आज जन्माष्टमी का त्योहार मनाया जा रहा है. इस दिन लोग रात में बाल गोपाल के जन्म के बाद पूजा करके व्रत का पारण करते हैं. भाद्रपद मास की अष्टमी तिथि आज सुबह 3 बजकर 39 मिनट शुरू हो चुकी है और अष्टमी तिथि का समापन 27 अगस्त की मध्यरात्रि में 2 बजकर 19 मिनट पर होगा. 

जन्माष्टमी पर लगाएं 56 भोग
भक्त (भात), सूप (दाल), प्रलेह (चटनी), सदिका (कढ़ी), दधिशाकजा (दही शाक की कढ़ी), सिखरिणी (सिखरन), अवलेह (शरबत), बालका (बाटी),इक्षु, खेरिणी (मुरब्बा), त्रिकोण (शर्करा युक्त), बटक (बड़ा), मधु शीर्षक (मठरी), फेणिका (फेनी), परिष्टश्च (पूरी), शतपत्र (खजला), सधिद्रक (घेवर) चक्राम (मालपुआ), चिल्डिका (चोला), सुधाकुंडलिका (जलेबी), धृतपूर (मेसू), वायुपूर (रसगुल्ला), चन्द्रकला (पगी हुई), दधि (महारायता), स्थूली (थूली), कर्पूरनाड़ी (लौंगपुरी), खंड मंडल (खुरमा), गोधूम (दलिया), परिखा,सुफलाढय़ा (सौंफ युक्त), दधिरूप (बिलसारू),मोदक (लड्डू),शाक (साग), सौधान (अधानौ अचार), मंडका (मोठ), पायस (खीर), दधि (दही),गोघृत (गाय का घी),हैयंगपीनम (मक्खन), मंडूरी (मलाई), कूपिका (रबड़ी), पर्पट (पापड़), शक्तिका (सीरा), लसिका (लस्सी), सुवत, संघाय (मोहन), सुफला (सुपारी), सिता (इलायची), फल, तांबूल, मोहन भोग, लवण, कषाय, मधुर, तिक्त, कटु, अम्ल