छत्तीसगढ़ के लोगों को राज्य के पुरावैभव से परिचित कराने के लिए पुरातत्व एवं अभिलेखागार विभाग द्वारा राजधानी रायपुर के घासीदास संग्रहालय की कला-विथिका में 18 एवं 19 मई को छाया-चित्र प्रदर्शनी का आयोजन किया जा रहा है। इस प्रदर्शनी में पुरातात्विक विषय से संबंधित दुर्लभ चित्र प्रदर्शित किए जाएंगे। ये चित्र लगभग 40 से 150 वर्ष पुराने है।
गौरतलब है कि अंतर्राष्ट्रीय संग्रहालय परिषद द्वारा संग्रहालयों से संबंधित विभिन्न मुद्दों पर बातचीत करने और तत्संबंध में जनजागरूकता बढ़ाने के उद्देश्य से प्रतिवर्ष 18 मई को अंतर्राष्ट्रीय संग्रहालय दिवस के रूप में मनाया जाता है। इसी कड़ी में पुरातत्व एवं अभिलेखागार विभाग द्वारा प्रदर्शनी का आयोजन किया जा रहा है। इस मौके पर अंतर्राष्ट्रीय जैन संस्था महावीर इंटरनेशनल रायपुर के श्री लोकेश कावड़िया एवं पदाधिकारियों द्वारा संग्रहालय में सेवा प्रदान करने वाले अधिकारियों और कर्मचारियों को सम्मानित किया जावेगा।
अधिकारियों ने बताया कि पुरातात्विक वैभव के संबंधित छाया-चित्र प्रदर्शनी में छत्तीसगढ़ के मूर्त सांस्कृतिक धरोहरों के बरसों पुराने और वर्तमान समय के चित्रों की प्रदर्शनी लगाई जाएगी । इसमें जे. डी. वेगलर (1873-74), ए. एच. लॉन्गहर्स्ट ( 1909-10), एम. जी. दीक्षित (1955), डोनाल्ड एम. स्टेडनर ( 1979-80), माईकल डब्ल्यू. मैस्टर, एम.ए. ढाकी और कृष्णदेव (1983) द्वारा प्राचीन धरोहरों के प्रकाशित चित्रों जिसमें 3री सदी ईसा पूर्व से लेकर 15वीं सदी ईसवी तक के प्रमुख स्मारकों सहित महंत घासीदास स्मारक संग्रहालय रायपुर के वर्तमान भवन के 1953 में स्थापना के समय के चित्र शामिल हैं।
स्कूली बच्चों के लिए प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता
प्रदर्शनी के अवसर पर 18 मई को संग्रहालय आने वाले स्कूली विद्यार्थियों में धरोहरों के प्रति जागरूकता सर्वर्द्धित करने के लिए तात्कालिक प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता का आयोजन संग्रहालय में किया जाएगा। संग्रहालय देखने के बाद बच्चों से 10 सवाल पूछे जायेंगे। सवाल महंत घासीदास स्मारक संग्रहालय रायपुर और उसमें प्रदर्शित कलाकृतियों से संबंधित होंगे। अधिकतम अंक प्राप्त करने वाले विद्यार्थियों को आकर्षक पुरस्कार भी दिया जावेगा।