छत्तीसगढ़ के नारायणपुर जिले के अबूझमाड़ के 3 मल्लखंब खिलाड़ियों संतोष शोरी और सन्ताय पोटाई व जयंती कचलाम ने 9 मई से 12 मई 2023 को भूटान में आयोजित द्वितीय वर्ल्ड मल्लखंब चैम्पियनशिप में भारत की राष्ट्रीय टीम में खेलते हुए स्वर्ण पदक जीतकर इतिहास रच दिया है।
मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल और खेल मंत्री श्री उमेश पटेल ने इन खिलाड़ियों को इस स्वर्णीम उपलब्धि के लिए बधाई और शुभकामनाएं देते हुए कहा है कि अबूझमाड़ के खिलाड़ियों ने वर्ल्ड मल्लखंब चैम्पियनशिप में अपनी प्रतिभा की चमक बिखेरते हुए अपने कौशल और हुनर से सभी का दिल जीता और स्वर्ण पदक जीतकर विश्व पटल पर भारत और छत्तीसगढ़ का मान बढ़ाया। उन्होंने इन खिलाड़ियों के उज्जवल भविष्य की कामना की है।
भूटान में आयोजित द्वितीय वर्ल्ड मल्लखंब चैम्पियनशिप में छत्तीसगढ़ के तीनों ही खिलाड़ियों ने बालक और बालिका वर्ग की टीम चैम्पियनशिप में स्वर्ण पदक प्राप्त किया है। संतोष शोरी राष्ट्रीय बालक टीम और सन्ताय पोटाई व जयंती कचलाम राष्ट्रीय बालिका टीम की ओर से चैम्पियनशिप में खेले। ये तीनों ही खिलाड़ी छत्तीसगढ़ के अबूझमाड़ क्षेत्र के निवासी है, अबूझमाड़ भारत का ऐसा जनजातीय क्षेत्रों से एक है जिसे हम आज भी अनछुआ मानते हैं, यहां के लोगों की जीवनशैली खेती, जंगल से जुड़ी है। यहां से निकलकर इन खिलाड़ियों ने विश्व पटल पर अपनी चमक बिखेरी है। उल्लेखनीय है कि वर्ल्ड मल्लखंब चैम्पियनशिप में भारत, जापान, अमरीका, साउथ अफ्रीका, ब्राजील, बहारिन आदि कई देशों के 200 से ज्यादा खिलाड़ियों ने शिरकत की।
छत्तीसगढ़ के अबूझमाड़ और संवेदनशील क्षेत्र से निकल कर इन खिलाड़ियों ने अंतर्राष्ट्रीय स्तर अपनी पहचान बनाई है। संतोष शोरी नारायणपुर के देवगांव, पोर्टा केबिन स्कूल में कक्षा पांचवी (2017) से मल्लखंब का अभ्यास शुरू किया, 2020 बिलासपुर इन्विटेशनल नेशनल चैंपियनशिप में उन्हें पहला स्वर्ण पदक मिला। इसके बाद सितंबर 2021 में उज्जैन में आयोजित प्रतियोगिता में 2 मेडल भी प्राप्त किए। 2022 जून खेलो इंडिया में 1 कांस्य पदक, 2022 अक्टूबर में गुजरात में आयोजित नेशनल गेम्स में 1 कांस्य पदक, 2023 फरवरी खेलो इंडिया में 2 कांस्य पदक भी प्राप्त किए। संतोष शोरी ने अब राज्य व राष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में कुल 18 पदक जीते हैं। इसी तरह संताय पोटाई राज्य व राष्ट्रीय स्तर पर 17 पदक जीत चुकी हैं। जयंती कचलाम कक्षा 12वीं की छात्रा हैं, वे पिछले 4 वर्षाें से मल्लखंब का अभ्यास कर रही हैं और अब तक राज्य व राष्ट्रीय स्तर पर कुल 14 पदक जीत चुकी हैं। इन खिलाड़ियों के उत्कृष्ट प्रदर्शन के आधार पर भारत की राष्ट्रीय टीम में चयन हुआ।