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ब्रिटेन संग FTA पर बातचीत पटरी पर, सियासी घटनाक्रम को लेकर ‘वेट एंड वॉच’ मोड में है भारत: पीयूष गोयल

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ब्रिटेन में राजनितिक उथल-पुथल और प्रधानमंत्री लिज ट्रस के इस्तीफे के बीच वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने गुरुवार को कहा कि प्रस्तावित मुक्त व्यापार समझौते (एफटीए) पर ब्रिटेन के साथ भारत की बातचीत पूरी तरह से पटरी पर है. हालांकि, उन्होंने कहा कि ब्रिटेन में चल रहे राजनीतिक घटनाक्रम को देखते हुए हमें इंतजार करना होगा और देखना होगा. बता दें कि ब्रिटेन की प्रधानमंत्री लिज ट्रस ने कंजरवेटिव पार्टी में अपने नेतृत्व के खिलाफ खुली बगावत के बाद गुरुवार को पार्टी नेता के पद से इस्तीफा दे दिया. ट्रस ने कहा कि वह पिछले महीने उन्हें मिले जनादेश का पालन नहीं कर पा रहीं और इस तरह केवल 45 दिन का उनका कार्यकाल समाप्त हो गया.

केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने नई दिल्ली में उद्योग मंडल सीआईआई के राष्ट्रीय निर्यात सम्मेलन में कहा, ‘हमें इंतजार करना होगा और देखना होगा कि क्या होता है. क्या वहां नेतृत्व का जल्द परिवर्तन होता है या पूरी प्रक्रिया चलेगी. हमें देखना होगा कि सरकार में कौन आता है और उसके क्या विचार होंगे.’ उन्होंने कहा कि ब्रिटेन के नेताओं और कारोबारियों ने माना है कि भारत के साथ एफटीए समझौता करना उनका लिए बहुत महत्वपूर्ण है. पीयूष गोयल ने कहा कि मेरी अपनी समझ है कि जो भी सरकार में आएगा वह हमसे बात करना चाहेगा.

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि व्यापार समझौता निष्पक्ष, न्यायसंगत और संतुलित होना चाहिए. यह समझौता दोनों देशों के लिए फायदे की स्थिति होनी चाहिए. जब तक दोनों देश संतुष्ट नहीं होंगे, तब तक समझौता नहीं होगा. गोयल ने कहा, ‘इसलिए हमें इंतजार करना होगा और देखना होगा, लेकिन मुझे विश्वास है कि ब्रिटेन, कनाडा, यूरोपीस संघ के साथ हमारे एफटीए की जल्द ही घोषणा कर सकते हैं. सब पर अच्छे से काम चल रहा है.’

गौरतलब है कि ब्रिटेन की तीसरी महिला प्रधानमंत्री लिज ट्रस ने लंदन स्थित 10 डाउनिंग स्ट्रीट में अपने संक्षिप्त कार्यकाल के बाद गुरुवार को इस्तीफा दे दिया और वह भारत-ब्रिटेन मुक्त व्यापार समझौता (एफटीए) नहीं करा सकीं. बुधवार तक संसद में खुद को ‘लड़ने वाली और जिम्मेदारी बीच में नहीं छोड़ने वाली’ के रूप में प्रस्तुत कर चुकीं ट्रस ने प्रधानमंत्री बनने के महज छह सप्ताह के बाद इस्तीफा दे दिया. ट्रस के नीति संबंधी फैसलों के बदलने, मंत्रिमंडल में उठापटक और आंतरिक रूप से गतिरोध का सामना कर रही कंजरवेटिव पार्टी का नेतृत्व करने की उनकी क्षमता के खिलाफ खुले विद्रोह के बाद पूर्व विदेश मंत्री का प्रधानमंत्री पद पर बने रहना असंभव हो गया था.

ब्रिटेन की विदेश और व्यापार मंत्री के रूप में अपने कार्यकाल में भारत के साथ मजबूत द्विपक्षीय संबंधों की वकालत करने वाली ट्रस ने कंजर्वेटिव पार्टी के नेतृत्व चुनाव में भारतीय मूल के पूर्व वित्त मंत्री ऋषि सुनक को मात देकर पिछले महीने 10 डाउनिंग स्ट्रीट ( ब्रिटिश प्रधानमंत्री का आधिकारिक आवास) पर दस्तक दी थी. पद पर 45 दिन रहने के बाद इस्तीफा देकर वह ब्रिटेन के इतिहास में सबसे कम समय तक रहने वाली प्रधानमंत्री बन गयी हैं. इससे पहले 1827 में जॉर्ज कानिंग अपनी मृत्यु तक 119 दिन ही इस पद पर रहे थे.

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