Home अंतर्राष्ट्रीय ब्रिटेन में अबकी बार लेबर पार्टी 400 पार, ऋषि सुनक सत्ता से...

ब्रिटेन में अबकी बार लेबर पार्टी 400 पार, ऋषि सुनक सत्ता से बाहर

7

लंदन

ब्रिटेन चुनाव के लिए शुक्रवार को वोटों की गिनती जारी है. एग्जिट पोल के अनुरूप मुख्य विपक्षी लेबर पार्टी ने प्रचंड जीत हासिल की है. 14 साल के इंतजार के बाद देश में लेबर पार्टी की सरकार बनने जा रही है. अब तक के नतीजों में लेबर पार्टी 410 सीटें जीत चुकी है जबकि सत्तारूढ़ कंजर्वेटिव पार्टी अभी तक सिर्फ 119 सीटें ही जीत पाई है. 650 में से 641 सीटों पर नतीजों का ऐलान किया जा चुका है.

लिबरल डेमोक्रेट्स ने अभी तक 71 सीटों, स्कॉटिश नेशनल पार्टी ने आठ सीटों, रिफॉर्म यूके ने चार सीटों, प्लेड सिमरू, सिन फेन और डीयूपी ने चार-चार सीटों पर जीत दर्ज की है. जबकि ग्रीन पार्टी चार सीट पर जीत हासिल कर पाई है.

PM मोदी ने ब्रिटेन चुनाव में ऐतिहासिक जीत पर किएर स्टार्मर को दी बधाई।

किएर स्टार्मर के नेतृत्व वाली लेबर पार्टी ने प्रधानमंत्री ऋषि सुनक के नेतृत्व वाली कंजर्वेटिव पार्टी के 14 साल के शासन को खत्म करके शानदार जीत के संकेत दिए हैं. हालांकि अभी यूके के प्रधानमंत्री चुनाव के आधिकारिक नतीजे घोषित नहीं हुए हैं. इस बीच लेबर पार्टी के किएर स्टार्मर के बारे में जानना जरूरी हो जाता है, जो संभवतः इस प्रंचड जीत के बाद ब्रिटेन के अगले प्रधानमंत्री होंगे.

कौन हैं किएर स्टार्मर?
किएर रॉडनी स्टार्मर (Keir Starmer) एक ब्रिटिश राजनेता और वकील हैं. स्टार्मर का जन्म 2 सितंबर 1962 को इंग्लैंड के सरी में ऑक्सटेड नामक छोटे से शहर में हुआ था. एएफपी की रिपोर्ट के अनुसार, परिवार के चार बच्चों में से एक, उनका पालन-पोषण लंदन के बाहर एक छोटे से शहर में एक तंगी भरे घर में हुआ. उनके पिता एक फैक्ट्री में टूल बनाने का काम करते थे, जिन्होंने स्टार्मर नाम लेबर पार्टी के पहले नेता किएर हार्डी के नाम पर रखा था. स्टार्मर की मां हॉस्पिटल में नर्स थीं. स्टार्मर जब छोटे थे तभी एक गंभीर बीमारी की वजह से उनकी मां का निधन हो गया था. मां का साया सिर से उठ जाने की वजह से उन्हें बचपन से ही काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा है.

यूनिवर्सिटी में पढ़ाई करने वाले परिवार के पहले सदस्य थे
कई मुश्किलों के बावजूद स्टार्मर ने कभी हार नहीं मानी. वे बचपन से ही पढ़ाई में अच्छे थे, परीक्षाओं में अच्छे नंबर लाने की वजह से ही उनका एडमिशन एक प्रतिष्ठित हाई स्कूल में हुआ था. वे यूनिवर्सिटी जाकर पढ़ाई करने वाले अपने परिवार में पहले थे. 1985 में लीड्ल यूनिवर्सिटी से लॉ में बैचलर डिग्री हासिल की. इसके बाद 1986 में ऑक्सफ़ोर्ड विश्वविद्यालय के सेंट एडमंड हॉल से सिविल लॉ से ग्रेजुएट हुए.

गरीबों की मुफ्त में दी कानूनी सलाह
लॉ की पढ़ाई करने के बाद, स्टार्मर ने काफी समय तक गरीबों को मुफ्त में कानूनी सलाह दी. वे कई बड़े मामलों में गरीबों की ओर से पैरवी करते थे, उन्हें मानवाधिकारों से जुड़े से मामलों में विशेषज्ञता हासिल है. उन्होंने ट्रेड यूनियनों, मैकडॉनल्ड्स विरोधी प्रचारकों और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मौत की सजा पाए कैदियों की वकालत की.

2007 में विक्टोरिया अलेक्जेंडर से हुई थी शादी
स्टार्मर ने 2007 में विक्टोरिया अलेक्जेंडर से शादी की और उनके दो बच्चे हैं. स्टार्मर, एक प्रतिभाशाली संगीतकार भी हैं. उन्होंने नॉर्मन कुक के साथ स्कूल में वायलिन की शिक्षा ली, जिन्होंने बाद में हाउसमार्टिन्स के लिए डीजे फैटबॉय स्लिम के रूप में प्रसिद्धि प्राप्त की थी.

जब स्टार्मर को पहली बार मिली अलग पहचान
2003 में, स्टार्मर ने राजनीति की ओर रुख करना शुरू किया, उत्तरी आयरलैंड में पुलिस द्वारा मानवाधिकार कानूनों का पालन सुनिश्चित करने की भूमिका निभाकर कई लोगों को हैरान कर दिया था. इसके पांच साल बाद, उन्हें लेबर प्रधानमंत्री गॉर्डन ब्राउन के द्वारा इंग्लैंड और वेल्स के लिए सार्वजनिक अभियोजन निदेशक (DPP) के रूप में नियुक्त किया गया. वे 2008 से 2013 तक इस पद पर रहे. उन्होंने व्यय घोटाले में शामिल सांसदों, फोन-हैकिंग में फंसे पत्रकारों और इंग्लैंड में दंगों में भाग लेने वाले युवाओं का नेतृत्व किया.

महारानी एलिजाबेथ ने दी थी प्रतिष्ठित नाइट की उपाधि
नाइट की उपाधि ब्रिटेन में दी जाने वाली सबसे प्रतिष्ठित उपाधियों में से एक है और यह राजशाही द्वारा दी जाती है. महारानी एलिजाबेथ द्वितीय ने साल 2014 में बकिंघम पैलेस में स्टार्मर को नाइट की उपाधि दी थी, जिसके बाद नाम के साथ 'सर' कहा जाता है. लेकिन स्टार्मर को यह कभी पसंद नहीं आया, वे चाहते हैं कि लोग उनके नाम के साथ किसी टाइटल का इस्तेमाल न करें. एक न्यूज इंटरव्यू में स्टार्मर ने कहा था, ' जब मैं डीपीटी था, तो सभी लोग मुझे डायरेक्टर कहते थे लेकिन मैंने मना किया, मुझे किएर स्टार्मर ही कहें.'

स्टार्मर का राजनीतिक सफर
साल 2015 में स्टार्मर पहली बार संसद के लिए चुने गए. वह 2015 से 2024 तक होलबोर्न और सेंट पैनक्रास से संसद सदस्य हैं. वे एक साल तक ब्रिटेन की शैडो कैबिनेट में इमीग्रेशन मिनिस्टर थे. इसके अलावा स्टार्मर 2016 से 2020 तक यूरोपीय संघ (EU) से बाहर निकलने के लिए शैडो राज्य सचिव भी थे. अप्रैल 2020 में स्टार्मर को लेबर पार्टी का अध्यक्ष चुना गया था. वे ब्रिटेन की संसद में साल 2020 से प्रतिपक्ष और लेबर पार्टी के नेता हैं. उन्होंने लेबर पार्टी के वैचारिक रुख को दूर-दराज़ के वामपंथी रुख से राजनीतिक मध्यमार्ग की ओर मोड़ा है. पूरे अभियान के दौरान, मतदाताओं को उनका संदेश यही रहा है कि लेबर सरकार बदलाव लाएगी. उनका पूरा पेशेवर जीवन जरूरतमंद लोगों को न्याय दिलाने के लिए रहा है.  अब वे 61 वर्ष की उम्र में ब्रिटेन के नए प्रधानमंत्री बनेंगे.

भारत के लिए यूके इलेक्शन महत्व
भारत और ब्रिटेन दोनों देशों के बीच व्यापार को बढ़ावा देने के लिए दो साल से अधिक समय से प्रस्तावित मुक्त व्यापार समझौते (FTA) पर बातचीत कर रहे हैं. लेबर पार्टी की प्रचंड जीत से दोनों देशों के बीच एफटीए पर चल रही वार्ता के डायनामिक्स में बदलाव आ सकता है. यदि सर्वेक्षण सटीक होते हैं, तो अन्य यूरोपीय देशों की तरह ब्रिटेन में भी वर्तमान सरकार बदल जाएगी.

बता दें कि जीत के बाद किएर स्टार्मर ने मीडिया को संबोधित करते हुए कहा कि हमने कर दिखाया. आपने इसी के लिए प्रचार किया था, आपने इसी के लिए लड़ाई लड़ी थी. आपने इसी के लिए वोट किया था और अब इसके नतीजे सभी के सामने हैं. अब से बदलाव की बयार शुरू हो गई है. ईमानदारी से कहूं तो ये बदली हुई लेबर पार्टी है, जो देश की सेवा के लिए तैयार है

– फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुअल मैक्रों ने किएर स्टार्मर को बधाई देते हुए कहा कि आपकी जीत पर बधाई किएर स्टार्मर. हमारे पहली बातचीत को लेकर खुश हूं. हम द्विपक्षीय सहयोग, यूरोप में शांति और सुरक्षा के लिए काम करना जारी रखूंगा.

– किएर स्टार्मर 10 डाउनिंग स्ट्रीट पर अपने संबोधन से पहले बकिंघम पैलेस में किंग चार्ल्स तृतीय से मुलाकात करेंगे.

– सिन फेन उत्तरी आयरलैंड में सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी है. उसने इस ऐतिहासिक चुनाव में डेमोक्रेटिक यूनियनिस्ट पार्टी (डीयूपी) पार्टी को करारी शिकस्त दी है.

– कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने स्टामर्र को इस ऐतिहासिक जीत पर बधाई दी. उन्होंने सोशल मीडिया पोस्ट में कहा कि ब्रिटेन चुनाव में इस ऐतिहासिक जीत पर बधाई किएर स्टार्मर. दोनों देशों के लोगों के लिए अधिक प्रगतिशील और बेहतर भविष्य के लिए आइए मिलकर काम करें. जीत जाओ, मेरे दोस्त.

– लेबर पार्टी 1997 की ऐतिहासिक जीत दोहराने जा रही है. 1997 में लेबर पार्टी को अब तक की सबसे बड़ी जीत मिली थी. उस समय पार्टी के नेता टोनी ब्लेयर थे. पार्टी ने उस समय 419 सीटें जीती थी जबकि कंजरवेटिव पार्टी 165 सीटों पर सिमटकर रह गई थी.

– ब्रिटेन की पूर्व प्रधानमंत्री लिज ट्रस को वेस्ट नॉरफॉक की अपनी सीट पर हार का सामना करना पड़ा है. ट्रस सितंबर 2022 में प्रधानमंत्री बनी थी. लेकिन उन्होंने महज छह हफ्ते के भीतर ही पद से इस्तीफा दे दिया था.

– इस प्रचंड जीत के बाद किएर स्टार्मर ने मीडिया को संबोधित करते हुए कहा कि हमने कर दिखाया. आपने इसी के लिए प्रचार किया था, आपने इसी के लिए लड़ाई लड़ी थी. आपने इसी के लिए वोट किया था और अब इसके नतीजे सभी के सामने हैं. अब से बदलाव की बयार शुरू हो गई है. ईमानदारी से कहूं तो ये बदली हुई लेबर पार्टी है, जो देश की सेवा के लिए तैयार है.

– ऋषि सुनक उत्तरी इंग्लैंड की अपनी संसदीय सीट जीत ली है. उन्हें रिचमंड और नॉर्थालर्टन में 47.5 फीसदी वोट मिले हैं.

– ब्रिटेन चुनाव के नतीजों के दौरान जब ऋषि सुनक ने हार की जिम्मेदारी ली. उस समय प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान निर्दलीय उम्मीदवार निको ओमिलाना ने हाथ में L लिखा हुआ एक पर्चा पकड़ा हुआ था, जिसे उन्होंने प्रेस को दिखाया. यह L निशान लिबरल पार्टी को दर्शाता है, जो सत्तासीन होने जा रही है.

– प्रधानमंत्री ऋषि सुनक ने आम चुनाव में पार्टी के खराब प्रदर्शन के बीच अपनी हार स्वीकार कर ली है. उन्होंने इस हार की खुद जिम्मेदारी ली है. उन्होंने कहा कि मैं इस हार की जिम्मेदारी लेता हूं और किएर स्टार्मर को जीत की बधाई देता हूं.

– स्कॉटलैंड में भी लेबर पार्टी की प्रचंड जीत के आसार हैं. सूत्रों के मुताबिक, वहां लेबर पार्टी 30 से अधिक सीटें जीत सकती है. लेबर पार्टी के स्कॉटिश नेता अनस अनवर ने कहा कि हमें पूरा यकीन हैं कि हम स्कॉटलैंड में भी बहुमत हासिल करेंगे. यह बदलाव का दौर है. हमारी पहली प्राथमिकता 14 साल के कंजर्वेटिव सरकार के शासन को खत्म करना है, जिससे देश को नुकसान पहुंचा है. महत्वपूर्ण काम कल से शुरू होगा. हमारा अगला कदम 2026 में स्कॉटिश संसदीय चुनाव पर ध्यान केंद्रित करना होगा.

– लेबर पार्टी के नेता किएर स्टार्मर ने कहा कि मतदाताओं ने फैसला सुना दिया है कि वे बदलाव के लिए तैयार हैं. स्टार्मर अपनी सीट पर भी चुनाव जीत गए हैं. पार्टी की जीत के बाद वह देश के अगले प्रधानमंत्री होंगे.

– मतगणना के शुरुआती नतीजों के मुताबिक, लेबर पार्टी के नेता किएर स्टार्मर का प्रधानमंत्री बनना तय नजर आ रहा है. वहीं, हार की आशंका के बीच ऋषि सुनक ने ऐलान कर दिया है कि वह कल प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा दे देंगे.

– इससे पहले वोटिंग खत्म होने के बाद एग्जिट पोल में भी लेबर पार्टी की प्रचंड जीत का अनुमान जताय गया था. बीबीसी-इप्सोस एग्जिट पोल में किएर स्टार्मर (Keir Starmer) के नेतृत्व वाली लेबर पार्टी के 410 सीटें जीतने का दावा किया गया जबकि मौजूदा पीएम ऋषि सुनक के नेतृत्व वाली कंजर्वेटिव पार्टी को महज 131 सीटें मिलने का अनुमान जताया गया.

बहुमत के लिए क्या है आंकड़ा?

650 सांसदों वाले सदन (हाउस ऑफ कॉमन्स) में बहुमत की सरकार बनाने के लिए किसी पार्टी को 326 सीटों की आवश्यकता होती है. हार का संकेत मिलने के बाद प्रधानमंत्री ऋषि सुनक ने इस्तीफे का ऐलान कर दिया है.

एग्जिट पोल के अनुमान अगर वास्तविक नतीजों में तब्दील होते हैं, तो लेबर पार्टी प्रचंड बहुमत के साथ सत्ता में वापसी कर सकती है और केर स्टार्मर ब्रिटेन के अगले प्रधानमंत्री हो सकते हैं. यूके में मतदान समाप्त होते ही वोटों की गिनती शुरू हो गई थी, लेकिन 650 सीटों वाली संसद में स्पष्ट विजेता कौन होगा यह सामने आने में कुछ घंटे लगेंगे. एक अन्य सर्वे एजेंसी YouGov ने केर स्टार्मर की लेबर पार्टी को 431 सीटें मिलने और पीएम ऋषि सुनक की कंजर्वेटिव पार्टी के लिए सिर्फ 102 सीटों की भविष्यवाणी की है.

यदि सर्वेक्षण सटीक होते हैं, तो इससे लेबर पार्टी को 650 सीटों वाले हाउस ऑफ कॉमन्स में जबरदस्त बहुमत मिल जाएगा. YouGov ने 89 करीबी मुकाबले वाली सीटों की भी पहचान की है. एग्जिट पोल के अनुमान कंजर्वेटिव पार्टी के लिए 1906 के बाद से उसकी संभावित सबसे बुरी हार के संकेत देते हैं, जब उसे 156 सीटों पर जीत मिली थी. लिबरल डेमोक्रेट्स पार्टी को 72 सीटें और रिफॉर्म यूके पार्टी को 3 सीटें मिलने का अनुमान जताया गया है.

कंजर्वेटिव पार्टी 14 वर्षों से सत्ता में ​काबिज

बता दें कि कंजर्वेटिव पार्टी पिछले 14 वर्षों से सत्ता में ​काबिज है. इस दौरान यूनाइटेड किंगडम ने 5 प्रधानमंत्री देख लिए. साल 2010 में हुए आम चुनावों में मिली कंजर्वेटिव्स को मिली जीत के बाद डेविड कैमरन पीएम बने थे. उसके बाद 2015 के यूके इलेक्शन में कंजर्वेटिव पार्टी को लगातार दूसरी बार जीत मिली और कैमरन फिर पीएम बने. लेकिन 2016 में उन्हें पद छोड़ना पड़ा था. उनकी जगह कंजर्वे​टिव्स ने टेरेसा मे को प्रधानमंत्री बनाया. वह 2019 तक इस पद पर रहीं. 2019 में बोरिस जॉनसन यूके के प्रधानमंत्री बने. फिर बीच में उन्हें पद छोड़ना पड़ा और लिज ट्रस प्रधानमंत्री बनीं. लेकिन वह सिर्फ 50 दिन ही पद पर रह सकीं. उनकी जगह ऋषि सुनक प्रधानमंत्री बने.

भारत के लिए यूके इलेक्शन महत्व

भारत और ब्रिटेन दोनों देशों के बीच व्यापार को बढ़ावा देने के लिए दो साल से अधिक समय से प्रस्तावित मुक्त व्यापार समझौते (FTA) पर बातचीत कर रहे हैं. लेबर पार्टी की प्रचंड जीत से दोनों देशों के बीच एफटीए पर चल रही वार्ता के डायनामिक्स में बदलाव आ सकता है. यदि सर्वेक्षण सटीक होते हैं, तो अन्य यूरोपीय देशों की तरह ब्रिटेन में भी वर्तमान सरकार बदल जाएगी. बता दें कि कोविड महामारी और यूक्रेन पर रूस के आक्रमण के कारण उत्पन्न संकट के बाद कई यूरोपीय देशों में हुए चुनाव में सत्ता परिवर्तन देखने को मिला है. एग्जिट पोल के आंकड़े ब्रिटेन में भी यह चलन कायम रहने के संकेत देते हैं.

यूके मतलब- इंग्लैंड, स्कॉटलैंड, वेल्स और नॉर्दर्न आयरलैंड

यूनाइटेड किंगडम- इंग्लैंड, वेल्स, स्कॉटलैंड और उत्तरी आयरलैंड से मिलकर बनता है और आम चुनाव इन सभी देशों पर लागू होते हैं. यूके में कुल 650 निर्वाचन क्षेत्र हैं, इनमें से 533 सीटें इंग्लैंड, 59 सीटें स्कॉटलैंड, 40 सीटों वेल्स और 18 सीटें उत्तरी आयरलैंड में पड़ती हैं. हालांकि, यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि यूके के भीतर आने वाले प्रत्येक देश की अपनी सरकार भी होती है और वहां चुनाव होते हैं.

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here