नई दिल्ली
राज्यसभा में मंगलवार को तीखी नोकझोंक के दौरान, सदन के सभापति जगदीप धनखड़ ने कांग्रेस सांसद मल्लिकार्जुन खरगे को खूब फटकार लगाई। सभापति ने उन पर बार-बार आसन का अनादर करने का आरोप लगाया। धनखड़ ने गुस्से में कहा, "आप (खरगे) हर बार आसन पर हमला नहीं कर सकते। आप हर बार आसन का अनादर नहीं कर सकते… आप अचानक खड़े होकर जो कुछ भी कहना चाहते हैं, बोल देते हैं, बिना यह समझे कि मैं क्या कह रहा हूं।"
राज्यसभा के सभापति ने आगे कहा, "इस देश और संसदीय लोकतंत्र और राज्यसभा की कार्यवाही के इतिहास में कभी भी आसन के प्रति ऐसी अवहेलना नहीं हुई, जैसी आप लोगों ने की… आपके लिए आत्मचिंतन का समय है… आपकी गरिमा पर कई बार हमला किया गया है… मैंने हमेशा आपकी गरिमा की रक्षा करने की कोशिश की है।" यह टिप्पणी धनखड़ और खरगे के बीच तीखी नोकझोंक के बीच आई। खरगे राज्यसभा में विपक्ष के नेता (एलओपी) हैं। कार्यवाही के दौरान, जब कांग्रेस के जयराम रमेश कुछ कहने के लिए खड़े हुए, तो धनखड़ ने उन पर भी निशाना साधा। धनखड़ ने कहा, "आप इतने बुद्धिमान, इतने प्रतिभाशाली, इतने प्रतिभावान हैं कि आपको तुरंत आकर खरगे की जगह सीट ले लेनी चाहिए। कुल मिलाकर, आप उनका काम कर रहे हैं, उनका (खरगे का) अपमान कर रहे हैं।"
उपराष्ट्रपति को जवाब देते हुए खरगे ने सोनिया गांधी की ओर इशारा करते हुए कहा, "जिसने मुझे बनाया, वह यहां बैठी है। कोई जयराम रमेश मुझे नहीं बना सकता।" खरगे ने कहा, "वर्ण व्यवस्था अभी भी आपके दिमाग में है। इसलिए आप रमेश को बहुत बुद्धिमान और मुझे मूर्ख कह रहे हैं।"
एक दिन पहले राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खरगे ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लोकसभा चुनाव के दौरान दिए गए भाषणों की आलोचना की और सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वैचारिक मातृ संगठन राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के खिलाफ भी आरोप लगाए। हालांकि सभापति जगदीप धनखड़ ने उनकी ज्यादातर टिप्पणियों को सदन की कार्यवाही से निकाल दिया। धनखड़ ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) का भी बचाव करते हुए इसे राष्ट्र के लिए काम करने वाला संगठन बताया।