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बीएसपी अब अपने संयंत्र परिसर के साथ टाउनशिप में भी स्थापित करेगा सोलर एनर्जी सिस्टम 

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भिलाई। सेल-भिलाई इस्पात संयंत्र, क्रेडा (CREDA) के माध्यम से अब अपने परिसर के विभिन्न बिल्डिंग के रूफ टॉप पर सोलर एनर्जी सिस्टम स्थापित करने की योजना बना रहा है। इसके लिए भिलाई इस्पात संयंत्र और क्रेडा के बीच एक एमओयू साइन किया गया है। संयंत्र परिसर में सोलर एनर्जी सिस्टम स्थापित करने की इस योजना से लगभग 2 मेगावाट विद्युत का उत्पादन होना प्रस्तावित है। इसके साथ ही टाउनशिप के विभिन्न घरों एवं शासकीय कार्यालयों के छतों पर रूफ टॉप सोलर एनर्जी सिस्टम लगाने की भी योजना पर कार्य चल रहा है। बीएसपी के टाउनशिप में सोलर एनर्जी सिस्टम स्थापित करने की इस योजना से लगभग 3 मेगावाट विद्युत उत्पादन की संभावना है। इन दोनों योजनाओं के पूर्ण होने पर प्रतिवर्ष लगभग 2900 टन कार्बन डाइऑक्साइड के उत्सर्जन में कमी आएगी।
सोलर एनर्जी सिस्टम की स्थापना के लिए भिलाई इस्पात संयंत्र ने विगत दिनों ठोस कदम भी बढ़ाएं हैं। जिसके तहत, मरोदा-1 जलाशय में 15 मेगावाट का फ्लोटिंग सोलर एनर्जी सिस्टम की स्थापना हेतु, एनटीपीसी-सेल की एनएसपीसीएल के साथ एक पीपीए साइन किया गया है। इस परियोजना से 22000 टन प्रतिवर्ष कार्बन डाइऑक्साइड की के उत्सर्जन में कमी आएगी। यह परियोजना मार्च 2025 तक पूर्ण होने की संभावना है। यह छत्तीसगढ़ राज्य का पहला फ्लोटिंग सौर ऊर्जा संयंत्र होगा।
यह परियोजना बीएसपी के कार्बन उत्सर्जन को कम करने और ऊर्जा संरक्षण को बढ़ावा देने की प्रतिबद्धता का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। इस संयंत्र से सालाना लगभग 34.26 मिलियन यूनिट सोलर विद्युत का उत्पादन होगा। जिसका उपयोग बीएसपी अपनी कैप्टिव विद्युत जरूरतों को पूरा करने के लिए करेगा। इससे बीएसपी के कार्बन डाइऑक्साइड उत्सर्जन में सालाना 28,330 टन की कमी आने की सम्भावना है।
बीएसपी के इस परियोजना के तहत, अगले चरण में एनएसपीसीएल के माध्यम से, 35 मेगावाट क्षमता वाले अतिरिक्त फ्लोटिंग सौर ऊर्जा सिस्टम स्थापित करने की योजना प्रस्तावित है। इस परियोजना के लिए डीपीआर पहले ही तैयार कर लिया गया है और टेंडर प्रक्रिया भी जल्द ही शुरू होने की संभावना है।
बीएसपी के संयंत्र परिसर व टाउनशिप के लिए सोलर एनर्जी सिस्टम परियोजना दो चरणों में तथा मरोदा -1 व मरोदा-2 जलाशय में फ्लोटिंग सोलर एनर्जी सिस्टम परियोजना दो चरणों में पूरी की जायेगी। इन परियोजनाओं को दिसम्बर 2027 तक पूर्ण करना प्रस्तावित है।
एनएसपीसीएल, जो एनटीपीसी और सेल का एक संयुक्त उद्यम है, इस परियोजना के लिए परामर्शदाता के रूप में कार्य करेगा। निविदा प्रक्रिया सफलतापूर्वक पूरी हो चुकी है और ईपीसी अनुबंध को शीघ्र ही अंतिम रूप दिए जाने की उम्मीद है। इस परियोजना को वर्ष 2025 तक पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है। यह एनएसपीसीएल की पहली सौर ऊर्जा परियोजना होगी और यह कंपनी के लिए ग्रीन ऊर्जा पोर्टफोलियो विकसित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम साबित होगा। यह बीएसपी को ग्रीन इस्पात उत्पादन की अपनी यात्रा को आगे बढ़ाने में भी मदद करेगा।
भिलाई इस्पात संयंत्र ने, एनटीपीसी-सेल पावर सप्लाई कंपनी लिमिटेड (एनएसपीसीएल) के साथ 15 मेगावाट क्षमता वाले फ्लोटिंग सौर ऊर्जा संयंत्र की स्थापना के लिए पीपीए साइन किया है। इस्पात भवन में 9 मई, 2024 को सेल-भिलाई इस्पात संयंत्र और एनएसपीसीएल के बीच, विद्युत खरीद समझौते (पावर पर्चेस एग्रीमेंट- पीपीए) पर हस्ताक्षर किए गए। यह संयंत्र, बीएसपी के मरोदा-1 जलाशय में स्थापित किया जाएगा।
द्वितीय चरण में मरोदा-2 में 35 मेगावाट क्षमता का फ्लोटिंग सोलर एनर्जी सिस्टम की स्थापना की योजना है। इससे प्रतिवर्ष 51345 टन कार्बन डाइऑक्साइड के उत्सर्जन में कमी आएगी। इन दोनों परियोजना से उत्पादित विद्युत को पावरग्रिड में जोड़ दिया जाएगा, जिससे संयंत्र के साथ अन्य क्षेत्रों को भी लाभ मिलेगा। इन चारों परियोजनाओं को क्रमशः 4 चरणों में, दिसम्बर 2027 तक पूर्ण करना प्रस्तावित है। जबकि मार्च 2025 तक इस परियोजना के प्रथम चरण के फ्लोटिंग सौर ऊर्जा सिस्टम के स्थापना के साथ ही इनसे विद्युत उत्पादन प्राप्त होने की संभावना है।
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